पेरू में ऑर्कियोलॉजिस्ट ने जमीन के नीचे 4000 साल पुराने मंदिर की खोज की गई है। उत्तरी पेरू में खुदाई के दौरान मिले मंदिर के अवशेष से मुनष्यों के कंकाल भी मिले हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, पेरू के जाना इलाके में एक जगह पुरातत्वविदों की टीम खुदाई कर रही थी, तभी टीम को ये मंदिर मिले। जांच दलों का कहना है कि मंदिर के पास से कंकाल मिले हैं, जिससे इस बात का पता चलता है कि मंदिर में उस समय बलि दी जाती रही होगी। इसको लेकर पेरू के पॉन्टिफिशियल कैथोलिक यूनिवर्सिटी के ऑर्कियोलॉजिस्ट लुइस मुइरो के रेडियोकॉर्बन डेटिंग की मदद से मंदिर की वास्तविक उम्र को लेकर दावा किया था।
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लुइस मुरो के मुताबिक, पेरू में मंदिर की खोज ने उस थ्योरी को बल दे दिया है कि पेरू में कभी मंदिर हुआ करते थे। मुरो ने कहा है कि उन्हें हाल ही में एक और मंदिर के मिलने की सूचना मिली है। माना जा रहा है कि ये मंदिर लेट मोचो संस्कृति के हैं। दावा किया जाता है कि लेट मोचो संस्कृति करीब 1400 वर्ष पहले पेरू के उत्तरी तट पर उदित हुई थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि पेरू का हजारों साल पुराना समृद्धशाली इतिहास रहा है। खासतौर से उत्तरी पेरू में कई सारे खंडहर पाए गए हैं, जो कि वहां के समृद्धशाली इतिहास रहा है, जो कि करीब 5000 वर्ष पुराना माना जाता है।
मल्टी स्टोरी है मंदिर का स्ट्रक्चर
पुरातत्वविद लुइस मुइरो का कहना है कि ऑर्कियोलॉजिस्ट को खुदाई के दौरान जो मंदिर मिला है वह बहुमंजिला है। इसी के नीचे तीन लोगों के कंकाल मिले हैं। इन सभी कंकालों को कपड़े में लपेटकर रखा गया था। मंदिर की एक दीवार पर जांच दल को एक आकृति मिली है, जिसमें एक मूर्ति है और एक पक्षी का चित्र है।
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