कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने गुजरात के अहमदाबाद में आज फिर एक बार झूठ बोला। उन्होंने एक के बाद झूठ बोलकर देश की जनता को गुमराह किया है। उन्होंने और उनकी पार्टी ने माताओं-बहनों से झूठ बोला कि उन्हें हर महीने 8,500 रुपये देंगे। इस तरह की खबर भी आई कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ में महिलाएं लाइन में लगी थीं, लेकिन उन्हें खटाखट पैसे नहीं मिले। इन्होंने 1 जुलाई को भी सदन में अग्निवीर योजना से लेकर एमएसपी पर झूठे दावे किए। झूठ की बुनियाद पर राजनीतिक रोटियां सेंकने वाली कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि उनका हाल भी भेड़िया आया कहानी की तरह होकर रह जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो यहां तक कह दिया है कि आदमखोर जानवर की तरह कांग्रेस के मुंह पर भी झूठ का खून लग गया है।
यही नहीं राहुल के झूठ की फेहरिस्त बेहद लंबी है। देश की दशकों पुरानी पार्टी के नेता राहुल गांधी ने अपने झूठ को सच की शक्ल देने के लिए बलिदानी तक को नहीं छोड़ा। उन्होंने अग्निवीर अजय सिंह के पिता के पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें कोई पैसा नहीं मिला है। आखिरकार सेना को आगे आकर यह स्पष्ट करना पड़ा कि उनके इस दावे में कोई दम नहीं कि बलिदानी अग्निवीर अजय सिंह के स्वजनों को किसी तरह की क्षतिपूर्ति नहीं की गई है। सेना के मुताबिक, उनके परिवार वालों के बैंक खातों में इसी वर्ष जनवरी में 48 लाख और फरवरी में 50 लाख रुपये जमा कर दिए गए थे। आपको याद होगा कि उन्होंने राफेल विमान सौदे को लेकर भी झूठ बोला था, जिसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी थी। लेकिन इसके बाद भी राहुल ने सच को स्वीकारना नहीं सीखा और लगातार झूठ बोलते रहे।
राहुल गांधी ने पिछले दिनों संसद में अयोध्या को लेकर भी झूठ बोला था। उन्होंने अयोध्या में विस्थापितों को मुआवजा न मिलने का आरोप लगाया था और कहा था कि पीएम मोदी ने अयोध्या के लोगों के दिलों में डर पैदा किया और फिर मंदिर के उद्घाटन में भी नहीं बुलाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 जुलाई 2024 को आंकड़ों के साथ राहुल गांधी के झूठ का पर्दाफाश किया था। उन्होंने कहा था कि सदन में दिया गया राहुल गांधी का झूठा बयान निंदनीय और शर्मनाक है। योगी आदित्यनाथ ने बताया था कि अयोध्या में विभिन्न विकास कार्यों के दौरान विस्थापित हुए लोगों को 1733 करोड़ रुपए की धनराशि मुआवजे के तौर पर प्रदान की गई है। हर कोई जानता है कि अयोध्या को उसकी पहचान से किसने वंचित किया है। राहुल गांधी और उनके सहयोगियों ने न केवल अयोध्या को वनवास दिया था, बल्कि सरयू को भी रक्तरंजित किया था। यहीं नहीं राहुल गांधी ने यह भी झूठ फैलाया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जनजातीय समाज से होने के कारण आमंत्रित नहीं किया गया। इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने राहुल को फटकार लगाते हुए कहा था कि राम मंदिर का निर्माण करने वाला ट्रस्ट किसी के साथ भेदभाव के बारे में सोच भी नहीं सकता। सही जानकारी हासिल किए बिना इस तरह के झूठे, निराधार और भ्रामक भाषण देने से समाज में गंभीर कलह पैदा होती है।
अगस्त 2023 में लद्दाख गए कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार के खिलाफ यह झूठ फैलाया था कि चीन ने ‘हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है’ और दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी का इस बात पर जोर देना कि एक इंच जमीन भी नहीं गई, बिलकुल गलत है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि भारत की राजनीति के सबसे पुराने पंडित जी के खानदान के युवा राहुल गांधी आदतन और फितरतन भारत, भारतीय समाज, आएएसएस और चीन के बारे में आधारहीन और अनर्गल बयान देने के आदी हो गए हैं। उन्होंने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ हुए कांग्रेस पार्टी के समझौते को सार्वजनिक किए जाने की मांग भी की थी।
खैर, कांग्रेस लगातार तीसरी बार 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। यह उसके इतिहास की तीसरी सबसे बड़ी हार है। अच्छा होता कांग्रेस अपनी हार स्वीकार करती और आत्ममंथन करती कि उनसे बार-बार कहां चूक हो रही है। लेकिन उन्होंने झूठ की राजनीति का सहारा लेना उचित समझा और सत्ता पक्ष को कैसे नीचा दिखाना है उसमें लगे रहे। अगर राहुल अपने काम पर ध्यान देते, जनता से किए गए वादे पूरे करते तो शायद वह एक अच्छे नेता की भूमिका निभा सकते। लेकिन उन्होंने केवल पूर्व को पश्चिम और उत्तर को दक्षिण से भिड़ाने वाली झूठी राजनीति को सर्वोपरि रखा।
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