Nepal: क्या कुर्सी बचा पाएंगे प्रधानमंत्री प्रचंड ! क्या 12 जुलाई को जीत लेंगे संसद का विश्वास!
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

Nepal: क्या कुर्सी बचा पाएंगे प्रधानमंत्री प्रचंड ! क्या 12 जुलाई को जीत लेंगे संसद का विश्वास!

नेपाली कांग्रेस के पास सबसे अधिक 89 सीटें हैं तो सीपीएन-यूएमएल की 78 सीटें हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी सेंटर पार्टी की सिर्फ 32 सीटें हैं

by WEB DESK
Jul 6, 2024, 03:39 pm IST
in विश्व
पुष्पकमल दहल 'प्रचंड'

पुष्पकमल दहल 'प्रचंड'

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

प्रचंड सरकार के उन आठ मंत्रियों ने कैबिनेट से सामूहिक इस्तीफा दे दिया, ये सभी सीपीएन-यूएमएल के कोटे के थे। नेपाली कांग्रेस पहले ही प्रधानमंत्री प्रचंड का इस्तीफा मांग चुकी थी


एक बार फिर राजनीतिक अस्थितरता के भंवर में गोते खा रहे हिमालयी देश में फिर से वर्तमान प्रचंड सरकार को सदन का विश्वास हासिल करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। इस परीक्षा के लिए 12 जुलाई का दिन तय किया गया ​है। लेकिन दो प्रमुख सहयोगी दलों के हाथ खींच लेने के ​बाद, लगता नहीं कि प्रचंड अपनी सरकार के प्रति सदन का विश्ववास जीत पाएंगे।

अभी हाल में अब तक सत्ता में सहयोगी रहे दो दलों ने समर्थन वापस ले लिया था। नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने आपस में नया गठजोड़ बनाकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। प्रचंड सरकार के उन आठ मंत्रियों ने कैबिनेट से सामूहिक इस्तीफा दे दिया, ये सभी सीपीएन—यूएमएल के कोटे के थे। नेपाली कांग्रेस पहले ही प्रधानमंत्री प्रचंड का इस्तीफा मांग चुकी थी।

यह नेपाल के लिए दुखदायी बात ही है कि बीते 16 साल में वहां की सत्ता 13 बार बदली है। 13 बार नई सरकारें बनीं और औंधे मुंह जा गिरी हैं। राजनीति दल जोड़—तोड़ की राजनीति में उलझे रहे हैं। देश के हालात नाजुक हैं, विकास मंथर गति से चल रहा है लेकिन सत्ता पूरे भरोसे से काम नहीं कर पाई है। उधर चीन का खेल भी चल रहा है।

वर्तमान प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ एक बार फिर उसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन से दो सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस ले लेने से उनके पास बहुमत नहीं बचा है। लेकिन तो भी घोषणा हो चुकी है प्रचंड 12 जुलाई को विश्वास मत पाने की रस्म पूरी करने को तैयार हैं। हालांकि विशेषज्ञों को ये भरोसे के लायक नहीं लगता। कुछ का कहना है कि​ विश्वास मत हासिल करने से पहले ही शायद प्रचंड प्रधानमंत्री पद त्याग दें।

प्रधानमंत्री प्रचंड चाहते हैं कि उस दिन सदन में मतदान कराया जाए। इस संबंध में उन्होंने संसद को सूचित भी कर दिया है। नेपाली संविधान के अनुच्छेद 100(2) के अंतर्गत सरकार से कोई दल समर्थन वापस ले ले तो प्रधानमंत्री को 30 दिन के भीतर यह साबित करना होता है कि संसद उसकी सरकार पर विश्वास व्यक्त करती है।

प्रधानमंत्री प्रचंड कहते हैं कि वे पद पर बने रहेंगे, इसके लिए वे संसद में विश्वास मत हासिल करेंगे। उधर नेपाली कांग्रेस और सीपीएन यूएमएल के बीच बने नए गठबंधन को पूरा भरोसा है कि अब सरकार उनकी बनेगी। उन्होंने इसके लिए आगे तक की तैयारी कर ली है, सरकार गठन की शर्तें तय हो गई हैं जिनके अनुसार दोनों दल बारी—बारी सत्ता का नेतृत्व करेंगे।

हिमालयी देश की संसद में 275 सीटें हैं। इनमें से नेपाली कांग्रेस के पास सबसे अधिक 89 सीटें हैं तो सीपीएन-यूएमएल की 78 सीटें हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी सेंटर पार्टी की सिर्फ 32 सीटें हैं। यहां यह जानना दिलचस्प होगा कि सदन में सिर्फ 10 सीट के साथ मौजूद सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट पार्टी का कहना है कि पार्टी प्रचंड की अगुआई वाली सरकार के पाले में मत देगी। ऐसा हुआ तो भी इसको मिलाकर प्रधानमंत्री प्रचंड के पास 63 सदस्यों का मत होगा। लेकिन सरकार को विश्वास मत में जीत तभी मिलेगी तब उसके पाले में 138 मत होंगे।

Topics: cpn-umlप्रधानमंत्री प्रचंडconfidence voteनेपाली कांग्रेसनेपालnepalprachandnepali congressसीपीएन-यूएमएल
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रदर्शनकारी पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के चित्र लिए नारे लगा रहे थे -'नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करो।'

काठमांडू में घिरे संकट के बादल, राजा की वापसी के नारों से गूंज रहा देश

Chinese Airlines In Nepal tax

नेपाल में चीनी एयरलाइंस कंपनियां नहीं देतीं टैक्स, की मनमानी: 400 करोड़ रुपये टैक्स बकाया

Representational Image

भारत के चिकन नेक के बगल में बनने जा रहा चालाक चीन का एयरबेस! काठमांडू क्या करने गए थे बीजिंग के अफसर!

पोखरा हवाईअड्डा परियोजना न केवल नेपाल की आर्थिक स्थिति पर खराब असर डाल रही है, बल्कि चीन की कर्ज जाल की रणनीति को भी उजागर कर रही है

चीन के चक्कर में अपना खजाना लुटा रहा गरीब नेपाल, करोड़ों के पोखरा हवाईअड्डा प्रोजेक्ट में बीजिंग की धांधली

हनुमान जी की शोभायात्रा पर किया गया पथराव

नेपाल: मुस्लिम बहुल इलाके में पहले मस्जिद और फिर घरों से हनुमान जी की शोभा यात्रा पर पथराव, स्थिति तनावपूर्ण

Nepal Rajshahi Violence

नेपाल: RPP पार्टी के नेता राणा और मिश्रा का पासपोर्ट कैंसिल, राणा की बेटी बोलीं-पिता ने हिन्दू राष्ट्र के लिए उठाई आवाज

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Pratap Singh Bajwa complaint Against AAP leaders

केजरीवाल, भगवंत मान व आप अध्यक्ष अमन अरोड़ा के खिलाफ वीडियो से छेड़छाड़ की शिकायत

UP Operation Anti conversion

उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई: 8 वर्षों में 16 आरोपियों को सजा

Uttarakhand Amit Shah

उत्तराखंड: अमित शाह के दौरे के साथ 1 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग सेरेमनी, औद्योगिक प्रगति को नई दिशा

Shubman Gill

England vs India series 2025: शुभमन गिल की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को झुकाया

मुंबई: ‘सिंदूर ब्रिज’ का हुआ उद्घाटन, ट्रैफिक जाम से मिलेगी बड़ी राहत

ब्रिटेन में मुस्लिमों के लिए वेबसाइट, पुरुषों के लिए चार निकाह की वकालत, वर्जिन बीवी की मांग

Haridwar Guru Purnima

उत्तराखंड: गुरु पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई पावन गंगा में आस्था की डुबकी

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार में 10 बीघा सरकारी जमीन पर बना दी अवैध मजार, हिंदू संगठनों में रोष, जांच के आदेश

Supreme court OBC reservation

केरल की निमिषा प्रिया को यमन में फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, केंद्र से जवाब तलब

इंदिरा गांधी ने आपातकाल में की थी क्रूरता, संजय गांधी ने जबरन कराई थी नसबंदी: शशि थरूर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies