कम्प्यूटर की भाषायी समझ
May 22, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विज्ञान और तकनीक

कम्प्यूटर की भाषायी समझ

कम्प्यूटर की भाषायी समझ की सीमाएं हैं जो लंबे समय तक बनी रहेंगी।  हम भाषा में सांकेतिक रूप से जो कटाक्ष, विनोद, प्रशंसा या आलोचना कर जाते हैं उसे समझना कम्प्यूटर के लिए चुनौती बना रहेगा

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Jul 6, 2024, 12:37 pm IST
in विज्ञान और तकनीक
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

कम्प्यूटर की भाषा अलग होती है, इंसानों की अलग। कम्प्यूटर बाइनरी भाषा को समझते हैं यानी कि 0 और 1 के अंकों पर आधारित कोड। इसी तरह से वे संरचित डेटा को समझते हैं जो डेटाबेस, स्प्रैडशीट और तालिकाओं के रूप में सहेजा गया हो। इस तरह के गणितीय डेटा को वे बहुत अच्छी तरह और बेहद तेज रफ़्तार से प्रसंस्कृत कर सकते हैं, उस पर आधारित गणनाएं कर सकते हैं।
दूसरी तरफ हम इंसान न तो बाइनरी भाषा को समझते हैं और न ही संरचित डेटा में संवाद करते हैं। हम अपने आपको शब्दों और वाक्यों में अभिव्यक्त करते हैं जो इंसानी भाषाओं का हिस्सा हैं। अगर इसे डेटा के रूप में देखा जाए तो कहा जाएगा कि हम असंरचित डेटा का प्रयोग करते हैं। कंप्यूटर इस तरह की भाषा और असंरचित डेटा के साथ काम करने में मुश्किल समझते हैं क्योंकि यह उनकी कार्यप्रणाली से मेल नहीं खाता।

इन्हीं असमानताओं के कारण कंप्यूटर के साथ सामान्य ढंग से संपर्क करना इंसान के लिए संभव नहीं था। आखिरकार हममें से कितने लोग होंगे जो 01000010 जैसे अंकों का प्रयोग करने वाली भाषा, जिसे मशीन लैंग्वेज कहते हैं, में अपने शब्दों, वाक्यों, अंकों, चित्रों, ध्वनि आदि को अभिव्यक्त कर सकेंगे? शायद पूरी दुनिया में ऐसा कर सकने वाले लोग कुछ दर्जन या कुछ सौ की संख्या
में हों।

तब भी हम कंप्यूटर के साथ संपर्क कर पा रहे हैं, उसे निर्देश दे पा रहे हैं, उस पर काम कर पा रहे हैं तो कैसे? इसके पीछे का राज है वे प्रोग्रामिंग भाषाएं जिन्हें कम्प्यूटर को निर्देश देने के लिए विकसित किया गया। इन निदेर्शों पर आधारित प्रोग्रामों की बदौलत ऐसे सॉफ़्टवेयर बनाए जा सकें जिनके साथ हम अभिव्यक्ति का आदान-प्रदान ( interact) कर सकते हैं। इस तरह की प्रोग्रामिंग भाषाओं में से कुछ के नाम आपने सुने ही होंगे, जैसे- सी, सी ++, जावा, सी शार्प, पाइथॉन आदि। ये प्रोग्राम हमारी भाषाओं में दिए गए निर्देशों और संदेशों को कंप्यूटर की भाषा में बदल देते हैं इसलिए वह उन पर अमल कर सकता है। इस तरह हम बिचौलिए के रूप में इन साफ़्टवेयर, कोड और प्रोग्रामिंग भाषाओं पर निर्भर हैं। हम सीधे-सीधे कम्प्यूटर से उस भाषा में बात नहीं कर सकते जो हमारे दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली भाषा है, जैसे हिंदी या अंग्रेजी।

लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मिली कामयाबी के बाद स्थितियां बदल गई हैं। अब यह प्रौद्योगिकी वह माध्यम बन गई है जो इंसान की भाषा को कम्प्यूटर के समझने योग्य भाषा में तब्दील कर देती है और कम्प्यूटर से आने वाले संदेशों को हमारी सामान्य भाषा में बदल सकती है। एआई का वह उप क्षेत्र जो इस कार्य पर केंद्रित है, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण कहलाता है। वह कंप्यूटरों को भाषा के संदर्भ में लगभग इंसान जैसी ही समझबूझ और अन्य क्षमताएं देने पर केंद्रित है और इसमें उसे काफी सफलता मिली है।

इन वाक्यों को पढ़ते समय आपके मन में स्वत: ही ऐसे कुछ उदाहरण कौंध गए होंगे जहां हम डिजिटल तकनीकों के साथ अपनी भाषा में संदेशों का आदान-प्रदान करने लगे हैं। सबसे ताजा उदाहरण तो जेनरेटिव एआई का है, जैसे चैटजीपीटी, माइक्रोसॉफ़्ट कोपायलट, गूगल जेमिनी और एन्थ्रोपिक क्लॉड आदि।

हालांकि तब भी कंप्यूटर की भाषायी समझ की सीमाएं हैं जो शायद लंबे समय तक बनी रहेंगी। मसलन हम अपनी भाषा में सांकेतिक रूप से जो कटाक्ष, विनोद, प्रशंसा या आलोचना कर जाते हैं उसे समझना कंप्यूटर के लिए मुश्किल बना रहेगा। संभवत: कविता में कम शब्दों में जो बड़ी बात कह दी जाती है उसे समझना और उसी तरह की अभिव्यक्ति खुद कर पाना उसके लिए चुनौती बना रहेगा। उसे समझने में शायद उसे अभी कुछ और दशक लग जाएं।

फिर भी नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग में जितनी प्रगति हो चुकी है वह आश्चर्यजनक है। इसके कुछ उदाहरणों से आप बखूबी परिचित हैं, जैसे भाषाओं के बीच मशीन अनुवाद, सारांशीकरण और प्रश्नों के उत्तर देने की क्षमता। दर्जनों इंसानी भाषाओं में कहानी, कविता, नाटक, लेख आदि लिखने की क्षमता भी जेनरेटिव एआई ने अर्जित कर ली है।
(लेखक माइक्रोसॉफ़्ट में डेवलपर मार्केटिंग के प्रमुख हैं) 

 

Topics: पाइथॉनसॉफ्टवेयरनैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंगजावाComputer LanguagesCDatabasesSoftwareSpreadsheetsjavaC SharpडेटाबेसPythonकम्प्यूटर की भाषाNatural Language Processingस्प्रैडशीटसीसी शार्प
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

संस्कार भारती का ‘संगीत विधा’ का एक अभिनव प्रयोग

‘डीप वेब’ का नाम रहस्यमय है, काम नहीं

अल-जायतुन बोर्डिंग स्कूल के संचालक 77 साल के मौलवी पांजी गुमिलांग

Indonesia : मौलवी पर लगा ईशनिंदा का आरोप, महिलाओं और पुरुषों को साथ में नमाज पढ़ने की दी थी छूट

नया आकाश, नई उड़ान

उत्तराखंड : सीएम धामी ने की घोषणा, समूह ‘ग’ की भर्ती में नहीं होगा इंटरव्यू

इंडोनेशिया की राजकुमारी दीया मुटियारा सुकमावती सुकर्णोपुत्री 26 अक्तूबर 2021 को वापस हिन्दू धर्म में लौट आईं। (फोटो: सिट्टी. नेट से साभार)

सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश, जहां की राजकुमारी इस्लाम छोड़कर बनीं हिंदू

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Donald trump Syril Ramafosa South Africa

श्वेत किसानों के नरसंहार का मुद्दा उठा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा से भिड़े ट्रंप

Jhabua Christian Family to adopt sanatan Dharma

घर वापसी: ईसाई परिवार 20 साल के बाद अपनाएगा सनातन धर्म, बहू बनी बड़ी वजह

Hands child holding tree with butterfly keep environment on the back soil in the nature park of growth of plant for reduce global warming, green nature background. Ecology and environment concept.

Biodiversity Day Special : छीजती जैव विविधता को संजोने की जरूरत

उत्तराखंड में 5 और बांग्लादेशी हुए गिरफ्तार, पूछताछ जारी

supreme court

वक्फ कानून पर 97 लाख लोगों से राय ली, याचिकाकर्ता पूरे मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि नहीं : सुप्रीम कोर्ट में सरकार

National Herald case : राहुल-सोनिया ने अपराध से कमाए 142 करोड़, ED ने लगाए बड़े आरोप

Jyoti Malhotra Pakistan Spy

नहीं मिले Jyoti Malhotra के आतंकी संगठन से जुड़े होने के सबूत, जांच जारी

भाखड़ा डैम पर केन्द्रीय बल की तैनाती : पंजाब-हरियाणा जल विवाद को लेकर गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला

24 घंटे के अन्दर भारत छोड़ दें… : पाकिस्तान उच्चायोग का एक और अधिकारी ‘पर्सोना नॉन ग्रेटा’ घोषित

76 जवानों का हत्यारा बसव राजू एनकाउंटर में ढेर, 1.5 करोड़ का था इनाम

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies