छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव सट्टा ऐप को पुलिस बैन करने की तैयारी में जुट गई है। इस क्रम में रायपुर पुलिस ने कार्रवाई के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखा है। इस मामले में कई आरोपी जेल में बंद हैं, लेकिन इसे संचालित करने वाले मुख्य आरोपी और ऐप डिजाइनर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। बताया जा रहा है कि कुछ आरोपी इस ऐप को विदेश से संचालित कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हाई प्रोफाइल मामले में 3 महीने के अंदर 10 बड़ी छापेमारी की कार्रवाई की गई और अब तक 75 से अधिक आरोपियों को जेल भेजा गया है। इसी बीच यह खबर सामने आई कि हैदराबाद में तीसरी मंजिल से छलांग लगाने वाले महादेव सट्टा ऐप के आरोपी पैनल संचालक की इलाज के दौरान मौत हो गई है। उसका नाम सुजीत कुमार साव है। वह भिलाई का रहने वाला था। दुर्ग की क्राइम ब्रांच टीम को पिछले सप्ताह (29 जून 2024) कुछ युवकों द्वारा ऑनलाइन महादेव सट्टा ऐप चलाने की जानकारी मिली थी। यह पैनल तेलंगाना के हैदराबाद में संचालित किया जा रहा था। इन्हें पकड़ने के लिए दुर्ग पुलिस हैदराबाद गई थी। वहां रेड के दौरान आरोपी पुलिस को देखकर घबरा गया और उसने तीन मंजिला बिल्डिंग से छलांग लगा दी थी, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वहीं, महादेव सट्टा ऐप से जुड़े मामले में पुलिस ने गुरुवार (4 जुलाई 2024) को भी बड़ी कार्रवाई की। मामले की शिकायत के बाद रायपुर पुलिस ने महाराष्ट्र के पुणे शहर से महादेव रेड्डी अन्ना-15 पैनल को ऑपरेट करने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि आरोपी पहले लोगों को झांसे में लेकर बैंक अकाउंट खुलवाते थे। फिर इसी अकाउंट से लाखों-करोड़ों रुपए का लेन-देन किया करते थे। पीड़ित दशरथ निषाद ने मौदहापारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने दोस्त मोहित विश्वकर्मा के कहने पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र में अकाउंट खुलवाया था। फिर उनके बैंक अकाउंट का उपयोग आरोपी महादेव सट्टा ऐप के ट्रांजेक्शन के लिए किया करते थे।
पीड़ित के अनुसार, उसके दोस्त ने बैंक खाते में आधार कार्ड के जरिए खरीदे गए सिम रजिस्टर्ड कराकर बैंक पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लिया। इसके बाद एक दिन मोहित विश्वकर्मा ने उसे फोन पर बैंक खाता बंद करने को कहा। शक होने पर उसने (पीड़ित) मामले की पड़ताल की, जिससे उसे पता चला कि मोहित ने अपने दूसरे साथियों के साथ मिलकर बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल महादेव सट्टा ऐप के लिए किया था।
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