देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद पर रहते पुष्कर सिंह धामी ने अपने तीन साल आज पूरे कर लिए, इन तीन सालो में सीएम धामी पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जिन्होंने सनातन को आधार बना कर अपनी राजनीति की है। उत्तराखंड को देवभूमि माना जाता है और पिछले कुछ समय से इसके देव स्वरूप को बिगाड़ने के षड्यंत्र रचे जा रहे है, मजार जिहाद लैंड जिहाद लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे मामले यहां उभरने लगे थे जिनके खिलाफ सीएम धामी ने सख्त रुख अपनाया।
हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा की घटना पर जिस तरह से सीएम धामी ने सख्ती दिखाई उससे ये स्पष्ट हो गया कि चेहरे से शांत दिखाई देने वाला ये मुख्यमंत्री अंदरूनी तौर पर बेहद कठोर है। धामी सरकार की अपनी उपलब्धियां बहुत होंगी लेकिन जिस तरह से उन्होंने देवभूमि के देवी देवताओं की सेवा कर हिंदू जनमानस के दिलो में अपनी जगह बनाई है वो उन्हे युवा सनातनी नेता के रूप में स्थापित कर रही है।
पुष्कर सिंह धामी की तीन साल की मुख्यमंत्री पद की राजनीतिक यात्रा में दो दर्जन से अधिक ऐसे कार्य हुए है जोकि सीधे तौर पर सनातन से जुड़े प्रतीत होते है।
इसके अलावा पुष्कर सिंह धामी को समान नागरिक संहिता को उत्तराखंड में लागू करने से भी खासी लोकप्रियता हासिल हुई है। अब यूसीसी पूरे देश में लागू किए जाने की चर्चा हो रही है,माना ये जा रहा है कि उत्तराखंड यूसीसी पूरे देश के लिए एक नजीर बनेगा और यही मॉडल सभी राज्य ,खास तौर पर बीजेपी राज्य तो अपनाएंगे ही।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा बनाए गए सरकारी परीक्षाओं में नकल विरोधी अध्यादेश लाने की वजह से भी पहचान मिली,युवाओं को अब पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरियां मिलने लगी है,अब इस अध्यादेश को केंद्र सरकार भी लागू करने जा रही है।
सीएम धामी ने जिस तरह से देहरादून में सैन्य धाम बनाए जाने की योजना को आगे बढ़ाया है, इससे उन्हे सैनिक परिवारों में सम्मान हासिल हुआ है।श्री धामी स्वयं एक सैनिक पुत्र है और उत्तराखंड के शहीदों के प्रति अपनी संवेदना रखते आए है। सैन्य धाम उत्तराखंड का पांचवा धाम बने ऐसी योजना पर काम चल रहा है।
लैंड जिहाद पर कार्रवाई कर पेश की मिशाल
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कार्यकाल में मजार जिहाद पर जिस तरह से प्रहार किया उससे उन्हे पूरे देश में लोकप्रियता मिली ,वन भूमि पर अवैध रूप से बनी पांच सौ से ज्यादा मजारे ध्वस्त करके सरकारी भूमि अतिक्रमण मुक्त करवा दी है, सरकारी जमीनों पर बाहर से आए लोगो के द्वारा कब्जे कर लैंड जिहाद का षड्यंत्र रचा जा रहा है, इस पर कारवाई करते हुए धामी सरकार ने करीब पांच हजार एकड़ सरकारी जमीन अवैध कब्जे से मुक्त करवा ली है। धामी कैबिनेट ने अवैध कब्जेदारों के खिलाफ सख्त कानून लाने के विधेयक को मंजूरी दे दी है और अब वो इसे लागू करने की मंशा रखती है।इस कानून के बन जाने से भू माफिया पर नकेल डाली जा सकेगी।
गौ हत्या पर रोक
धामी सरकार ने गौ हत्या को रोकने के लिए कड़े कानून राज्य में लागू कर दिए है। गो हत्या, गो तस्करी करने वालो के खिलाफ अब गैंगस्टर एक्ट के तहत कारवाई की जा रही है।
शत्रु संपत्ति
धामी सरकार ने नैनीताल और देहरादून में शत्रु संपत्तियों पर अपना कब्जा लेना शुरू कर दिया है,अभी तक करीब एक हजार करोड़ की संपत्ति सरकार ने अवैध कब्जेदारों से मुक्त करवा ली है।
मानसखंड का वैभव
चारधाम की तरह सीएम धामी कुमाऊं के मानसखंड के धामों को सजाना संवारना चाहते है जिसपर काम शुरू भी हो गया है। सीएम ने आदि कैलाश ॐ पर्वत,जागेश्वर ,पूर्णागिरी ,हाट कालिका, चितई मंदिर आदि धार्मिक स्थलों के स्थल विकास का काम शुरू करवा दिया है।
सिलक्यारा सुरंग हादसा
कुछ माह पूर्व उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे श्रमिको को सुरक्षित बाहर लाने में जिस तरह से सीएम धामी ने वहां खड़े होकर बचाव का कार्य करवाया उससे उन्हे सराहना मिली, ये हादसा स्थानीय देवता बाबा बौखनाथ के नाराज रहने की वजह से हुआ ऐसा स्थानीय लोगो का कहना था, अब सीएम धामी ने सुरंग के पास बाबा का मंदिर बनाने का काम शुरू करवा कर स्थानीय देवी देवताओं के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया है।
हल्द्वानी बनभूलपुर हिंसा
नैनीताल जिले में बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस प्रशासन की टीम पर की जिस तरह से मुस्लिम समुदाय की भीड़ ने सुनियोजित तरीके से हमला कर आगजनी की और इस हिंसा को हिंदू मुस्लिम दंगा बताने की कोशिश करने वालो के दुष्प्रचार का सख्ती से जवाब दिया उससे भी श्री धामी की सर्वत्र सराहना की गई। यहां हिंसा के सौ से ज्यादा आरोपी जेल में है।
सरकार ने इस हिंसा के बाद दंगा निरोधी बिल लाकर दंगाइयों से ही नुकसान की भरपाई करने का अभियान शुरू करके ये सख्त संदेश दिया है कि सरकार यहां माहोल बिगड़ने वालो को सख्ती से कुचलेगी।
श्रावण काँवड़
सीएम धामी का मानना है कि चार करोड़ कांवड़िए उत्तराखंड में गंगा जल लेने आते है वो उन्हे श्रद्धा के भाव से देखते है और उनपर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाते है।सीएम धामी कहते है कि ये आस्था के यात्री है जो कि राज्य को दस हजार करोड़ का कारोबार दें कर जाते है।
हरीपुर , शारदा पावन तीर्थ
गंगा घाटों की तरह सीएम धामी ने जमुना और शारदा को पावन नदी मानते हुए यहां घाटों का निर्माण शुरू करवाया है। हरिपुर जो कभी पावन तीर्थ था जमुना जी को यहां पूजा जाता था और एक प्रलय में ये तीर्थ बह गया था अब इस तीर्थ स्थल को धामी पुनः स्थापित कर रहे है। इसी क्रम में शारदा रिवर फ्रंट टनकपुर में बनाया जा रहा है यहां शारदा की आरती शुरू हो गई है। इसी तरह अब हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडर का निर्माण कार्य भी आगे बढ़ रहा है, हरिद्वार में सती कुंड को भी सजाया संवारा जाएगा। गंगा जमुना की सफ़ाई का काम भी नमामि गंगे योजना से तेज किया गया है, श्री धामी बार बार ये कहते आए है कि नदियों को शुद्ध पावन निर्मल स्वरूप से उत्तराखंड से भेजेंगे।
मदरसों पर नकेल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते रहे है कि उत्तराखंड के मदरसे अब राष्ट्रीय मुख्यधारा की शिक्षा से जुड़े जो नही जुड़ेगा वो मदरसा बंद कराया जाएगा। हालंकि उनके इस कथन का कहीं कहीं असर है तो कुछ नौकर शाह इस पर ढुलमुल रुख दिखाते है।
कैंचीधाम का मनोहर स्वरूप
सीएम धामी, नैनीताल जिले में नए धाम के रूप में लोकप्रिय हो रहे बाबा निब करोरी के कैंचीधाम आश्रम के आसपास स्थल विकास करवा रहे है, यहां रोजाना बीस हजार श्रद्धालु पहुंच रहे है,जिनके लिए सुविधाओं के विस्तार पर काम शुरू हो गया है।
बाघ सुरक्षा संरक्षण
उत्तराखंड में सभी तेरह जिलों में टाइगर की मौजूदगी दर्ज की गई है। देश में जंगल घनत्व की दृष्टि से सबसे ज्यादा टाइगर उत्तराखंड में है, सीएम धामी मानते है कि देवी के मंदिर जहां जहां है वहां उनकी सवारी के रूप में टाइगर या बाघ की मौजूदगी है। इनके संरक्षण और सुरक्षा के लिए वो कॉर्बेट के सुरक्षा कर्मियों के साथ पैदल गश्त भी करते नजर आए है। जंगलों की सुरक्षा उन्हे आग से बचाने,पेड़ लगाने, जंगल को अतिक्रमण से मुक्त करने में श्री धामी भावनात्मक रूप से जुड़े है। श्री राम मंदिर की स्थापना के दिन उन्होंने रामनगर के पौलगढ़ वाइल्ड लाइफ रिजर्व को सीतावनी रिजर्व के नाम से घोषित कर दिया ऐसा उन्होंने इस लिए किया कि माना जाता है कि यहां वाल्मीकि का आश्रम है जहां सीता ने वनवास काल गुजारा था।
श्री धामी ने राम नगर के गर्जिया मंदिर और अपने गृह क्षेत्र में पूर्णागिरी धाम के पुनर्निर्माण का काम शुरू कराया है। यमुनोत्री केदारनाथ और श्री हेमकुंड साहिब में केंद्र की मदद से रोपवे की योजना पर काम शुरू हुआ है।इसके अलावा श्री बद्री नाथ धाम को भी मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओ की बढ़ रही संख्या को सुविधाएं मिल सके। उत्तराखंड चार धाम में हर साल पच्चास लाख से ज्यादा तीर्थ यात्री आ रहे है जिनसे गढ़वाल क्षेत्र में 25 अरब का कारोबार हो रहा है। सीएम धामी ये मानते है कि उत्तराखंड देव भूमि के दर्शन करने वालो की सुविधाएं बढ़ाएंगे तो पहाड़ की आर्थिकी में सुधार होगा।
विभाजन विभीषिका स्मृति
उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र में हजारों की संख्या में ऐसे हिंदू परिवार रहते है जोकि देश बंटवारे के समय भारत में विस्थापित हुए उन्होंने बंटवारे में अपनो को खोया। विभाजन विभीषिका का दर्द समझते हुए सीएम धामी ने ऐसे कार्यक्रम किए जिसमे उन्होंने बंटवारे में शहीद हुए लोगो को स्मरण करते हुए कहा था कि हम बंटवारे का दर्द न भूलें है न भूलने देंगे। उनके इस प्रयास को भी हिंदुत्व से जोड़कर देखा गया।
धर्मांतरण विरोधी कानून, मत लव जिहाद पर प्रहार
सीएम धामी ने ईसाई और मुस्लिम मिशनरियों के षड्यंत्रों को रोकने के लिए राज्य में कठोर धर्मांतरण कानून को लागू किया है। ये मिशनरियां राज्य में हिंदुओ को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवा रही थी जिस पर लगाम लगी है। धर्मांतरण कानून में दस साल की सजा और एक करोड़ तक जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। उत्तराखंड में मुस्लिम युवक छद्म नाम से हिंदू नाबालिग लड़कियों को प्रेम जाल में फांस कर उनके साथ दुष्कर्म करने और उनका धर्म परिवर्तन का खेल खेल रहे है जिनपर अंकुश लगाने की प्रभावी कारवाई की गई है।
निसंदेह सीएम धामी का विजन सनातन सेवा पर आधारित है जिससे उन्हें देश दुनिया में लोकप्रियता मिल रही है। खास बात ये भी है उनके इस विजन को पार्टी हाई कमान और हिंदूवादी संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है।
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