फ्रांस में पार्लियामेंटरी इलेक्शन हो रहे हैं, जिनमें वहां की सुदूर दक्षिणपंथी पार्टी ‘नेशनल रैली’ ने पहले चरण में जीत हासिल कर ली है, जिसके बाद वहां पर वामपंथियों ने दंगा शुरू कर दिया है। वामपंथियों ने कई दुकानों में तोड़फोड़ की। राजधानी पेरिस, ल्योन और बोबीगनी जैसे शहरों में दंगा फैल गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही की पोस्ट में ऐसा दावा किया जा रहा है कि चुनावों के पहले दौर में नेशनल रैली पार्टी की बढ़त के बाद वामपंथी प्रदर्शनकारियों ने कई जगह जमकर आगजनी की। स्मोक बम फोड़े और बैरिकेड्स को तोड़ दिया।
ओली लंदन नाम के यूजर ने एक पोस्ट में कहा कि फ्रांस की सड़कों पर करीब 10 हजार वामपंथी दंगाई अराजकता फैला रहे हैं। फ्रांसीसी चुनाव के नतीजों के बाद वामपंथी कार्यकर्ता सड़कों पर आग लगा रहे हैं, पटाखे चला रहे हैं, आंसू गैस और धुएं के गोले छोड़ रहे हैं, दुकानों को लूटा जा रहा है।
फ्रांस में वामपंथियों के दंगों को लेकर स्वीडिश पत्रकार पीटर स्वीडन ने कहा कि फ्रांसीसी चुनाव में पहले चरण में दक्षिणपंथी दलों की जीत के बाद वामपंथी दंगे भड़काकर खुद को खुद को लोकतंत्र विरोधी साबित कर रहे हैं।लेकिन अजीब बात ये है कि वहां की मुख्यधारा का इस बात को पूरी तरह से नजरअंदाज कर रहा है।
नेशनल रैली पार्टी जीत दर्ज की है
पहले दौर की वोटिंग में फ्रांस की सुदूर दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी ने करारी मात दी है। मैरी ले पेन की पार्टी नेशनल रैली ने मतदान के प्रथम चरण में जीत के साथ पहले स्थान पर रही। वहीं इमैनुएल मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी संसदीय चुनाव में वामपंथियों के बाद तीसरे स्थान पर रही है।
बता दें कि मतदान फर्मों की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल रैली (RN) को पहले चरण में 34.5 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट को 28.5-29.1 फीसदी वोट मिले हैं। वहीं मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी को केवल 20.5-21.5 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। मतदान एजेंसियों का अनुमान है कि आरएन पार्टी को दूसरे चरण की वोटिंग के बाद 577 सीटों वाली नेशनल असेंबली में संभवत: पूर्ण बहुमत मिल सकता है। इसी से वामपंथी इसी से बिलबिलाए हुए हैं।
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