केरल के करुवन्नूर सहकारी बैंक धोखाधड़ी के मामले में वामपंथी सीपीएम की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। क्योंकि इस मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय ने त्रिशुर के जिला सचिव एमएम वर्गीस समेत तीन मुख्य वामपंथी नेताओं को भी आरोपी बनाने की तैयारी कर ली है। इस मामले में जांच एजेंसी ने पार्टी को आरोपी बना लिया है।
जांच एजेंसी ने इस बात की पुष्टि की है कि सीपीएम नेताओं ने पहले करुवन्नूर सहकारी बैंक से धोखाधड़ी कर पहले कर्ज लिया। फिर उस पैसे से जिला सचिव के नाम पर पार्टी कार्यालय बनाया और जमीनें खरीद लीं। यही कारण है कि ईडी ने सीपीएम पार्टी को भी आरोपी बना दिया है। धोखाधड़ी करके हासिल किए गए कर्ज का फायदा सतीश कुमार, किरण पीपी, अरविंदाक्षन और जिल्स को मिला था, जिन्हें पीएमएलए एक्ट के तहत ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।
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क्या मिला ईडी को
गौरतलब है कि मामले की जांच के दौरान जांच एजेंसी ईडी ने तीन सेंट समेत सीपीएम की स्थानीय कमेटियों के 8 अघोषित अकाउंट से 63.62 लाख रुपए जब्त कर लिए हैं। इसके अलावा जांच एजेंसी ने बिजॉय नाम के आरोपी के पास से 30.7 करोड़ रुपए की रकम को जब्त किया है। वहीं फर्जी कर्ज ले चुके लोगों से भी ईडी ने कुल 57.79 रुपए बरामद किए हैं। जब्त की गई कुल संपत्तियों का मूल्य 117.78 करोड़ यानि कि एक अरब से भी ज्यादा का आंका गया है।
केंद्रीय एजेसी ने खुलासा किया है कि बैंक में धोखाधड़ी को लेकर अहम निष्कर्ष ये निकला है कि सचिव, शासी निकाय और तत्कालीन बैंक प्रबंधक ने सीपीएम की जिला समिति के साथ मिलकर बेनामी कर्ज निकाला था। एक से अधिक लोगों ने एक ही संपत्ति को बार-बार जमानत के तौर पर भी रखकर धोखाधड़ी की है।
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