राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने सोलापुर में कहा कि सदियों से लगातार चली आ रही मंगलकारी परंपरा में मंदिर समाज के संस्कारों का केंद्र है । इस परंपरा के निर्वहन हेतु आस्था व संस्कार का पाथेय पीढ़ी दर पीढ़ी लगातार मिलने के कारण समाज उत्तम प्रकार से चला आ रहा है। सरसंघचालक जी ने श्री सिद्धेश्वर देवस्थान में शिवयोग समाधि का दर्शन किया। मुख्य गर्भगृह में पूजा करते हुए श्री सिद्धेश्वर महाराज की आरती की।
सरसंघचालक जी ने कहा कि वर्तमान स्थिति में पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव परिवार संस्था के लिए घातक साबित हो रहा है। कम आयु में किशोरवय बच्चों द्वारा ड्रग्स का सेवन बढ़ रहा है। ड्रग्स सेवन की घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा संपन्न परिवार में संस्कारों के अभाव के कारण ऐसी प्रवृत्तियां आमतौर पर हर तरफ दिख रही हैं। इस संकट को दूर करना है तो ऐसी परंपरा से चले आ रहे संस्कारों को लेकर हर परिवार तक पहुंचने की आवश्यकता है। हर परिवार में संवाद को बढ़ावा देकर परिवार का प्रबोधन करने की नितांत आवश्यकता है। देवस्थान में स्थित नोटबुक में अपना अभिप्राय लिखते हुए उन्होंने “आत्मनो मोक्षार्थं जगद्धिताय च” की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर श्री सिद्धेश्वर देवस्थान अध्यक्ष धर्मराज काडादी, सी.ए. सुनील इंगले ने सरसंघचालक जी का स्वागत किया। अध्यक्ष धर्मराज काडादी ने देवस्थान के उपक्रमों तथा ग्रामदेवता के मेले की जानकारी दी। गुरुराज हब्बू, राजेश हब्बू ने शिवयोग समाधि की जानकारी दी। हब्बू पुजारी मंडल की ओर से सरसंघचालक जी का अभिनंदन किया गया।
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