हिंसक मुस्लिमों की भीड़ ने इस इस्लामीकरण के विरोध में उतरे स्थानीय हिन्दू युवकों के साथ पोठियाही गांव में मारपीट भी की है। वे युवक अपने गांव का इस्लामीकरण किए जाने से गुस्सा थे और उस बोर्ड को हटवा रहे थे जिस पर ‘मोहम्मद नगर’ लिखा था।
पड़ोसी देश नेपाल में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि जहां वे अल्प संख्या में हैं वहां भी अपनी मजहबी मनमानी चलाने लगे है। इसका एक ताजा उदाहरण वहां के रौतहट जिले के एक गांव में देखने को मिला है।
इस गांव, पोठियाही में मुसलमान नाममात्र संख्या में यानी सिर्फ 4 प्रतिशत ही हैं और शेष सभी घर हिन्दुओं के हैं। लेकिन मजहबी उन्मादियों की हेकड़ी देखिए कि उन्होंने आनन—फानन में गांव का नाम बदलकर ‘मोहम्मद नगर’ रख दिया और गांव के बाहर हरे रंग में इस नाम का बोर्ड भी लगा दिया। इसी तरह एक और स्थान ‘ब्रह्म स्थान’ का भी जबरन नाम बदलकर उसे ‘मदरसा चौक’ नाम से पुकारने लगे हैं।
नेपाल में कट्टर सोच के मुसलमानों की ऐसी दबंगई है कि वे जहां चाहे उस जगह का मुस्लिमकरण करने में लगे हैं। एक स्थानीय हिन्दू राजेश का कहना है कि अभी तीन माह भी नहीं हुए कि रौतहट जिले की गरुडा नगर पालिका के अंतर्गत जयनगर में मुस्लिमों ने एक साजिश के तहत वहां के एक बड़े चौराहे, कदम चौक (ब्रह्म स्थान) के नाम का इस्लामीकरण कर दिया, उसका नाम अब मदरसा चौक रखकर जगह जगह बोर्ड भी लगा दिए गए। प्रशासन भी ऐसे कट्टर तत्वों से इतना डरा हुआ रहता है कि किसी की मजाल नहीं हुई जो ‘मदरसा चौक’ लिखे बोर्ड को टस से मस कर सके। वैसे भी जयनगर वार्ड का अध्यक्ष एक उन्मादी सोच का मुस्लिम शेख वहाब है।
रौतहट जिला इन दिनों इन्हीं सब घटनाओं के चलते तनाव में डूबा है। हिंसक मुस्लिमों की भीड़ ने इस इस्लामीकरण के विरोध में उतरे स्थानीय हिन्दू युवकों के साथ पोठियाही गांव में मारपीट भी की है। वे युवक अपने गांव का इस्लामीकरण किए जाने से गुस्सा थे और उस बोर्ड को हटवा रहे थे जिस पर ‘मोहम्मद नगर’ लिखा था। यह घटना अभी पांच दिन पहले की है। युवकों ने उस बोर्ड को हटा भी दिया था, लेकिन इस पर कट्टर मुस्लिम भड़क गए और हिन्दू युवकों के साथ मारपीट पर उतर आए। पुलिस ने पहुंचकर तब मामला शांत करवा दिया, लेकिन हिन्दुओं में आक्रोश उबल रहा है।
पोठियाही गांव कोई आज का गांव नहीं है, सालों से यह यहीं इसी नाम से बसा हुआ है जहां मुसलमानों के गिनती के घर हैं। गरुडा नगर पालिका के वॉर्ड नंबर 6 के तहत गांव पोठियाही पर मुसलमानों ने शरारती तरीके से जो ‘मोहम्मद नगर’ लिखा बोर्ड लगाया था वह हरे रंग में था और अरबी व उर्दू भाषा में भी इस पर नाम लिखा गया था। बोर्ड पर इस्लामी मस्जिदों के चित्र बनाए गए थे।
साजिश ऐसी गहरी है कि स्थानीय मुस्लिम अब आपस में इस गांव के लिए ‘इस्लाम नगर’ नाम ही प्रयोग करते हैं। हिंसा की उस घटना के बाद जब पुलिस वहां पहुंती तो मामला शांत कराने की रस्म पूरी करके लौट गई, शरारती मुस्लिमों के विरुद्ध किसी प्रकार की रिपोर्ट नहीं लिखी, न कोई सख्त कार्रवाई हुई। हिंदुओं का आरोप है कि प्रशासन मुसलमानों का खुलकर तुष्टीकरण कर रहा है, और करे भी क्यों न, वार्ड का अध्यक्ष जिहादी सोच का पैरोकार शेख वहाब जो है।
नेपाल में सक्रिय हिन्दुओं के एक संगठन ‘हिन्दू सम्राट सेना’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं राजेश, जिन्होंने कहा कि पोठियाही में गिनती के दस घर ही मुसलमानों के हैं, आबादी के हिसाब से चार फीसदी। लेकिन तो भी, दबंगई ऐसी है कि पोठियाही का नाम ही इस्लामी करने की चाल चली। बोर्ड को उखाड़ फैंकने वालों में हिन्दू सम्राट सेना के युवकों की बड़ी भूमिका रही।
लेकिन इस पर मुस्लिम लोग शांत नहीं बैठे। तीन दिन बाद, सुनियोजित तरीके से उन्होंने रात के वक्त गांव के चौक से गुजर रहे तीन हिन्दू युवकों को घेर लिया और उन पर हमला कर दिया। बोर्ड उखाड़ने का ‘मजा चखाया गया’। गालियां दी गई और मारपीट की। हमलावरों के नाम चाँद, रफीक, सिराजुल तथा मंजूर बताए गए।
स्थानीय हिंदुओं ने इस मामले में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का दबाव बनाने की कोशिश की तो पुलिस ने हमलावर मुस्लिमों पर कैसी भी कार्रवाई करने की बजाय उलटे उन मुस्लिम हमलावरों के परिवारों को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करा दी। प्रशासन लीपापोती कर रहा है, इसे ‘आपस का विवाद’ बता रहा है। इसमें मजहबी उन्माद जैसा उसे दिखाई ही नहीं दे रहा।
नेपाल के हिन्दू संगठन कह रहे हैं कि नेपाल के वामपंथी उन्मादी मुस्लिमों को शह दे रहे हैं, एमाले पार्टी नेपाल सरकार के साथ मिलकर मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं।
हिन्दू संगठन के अध्यक्ष राजेश के अनुसार, हिन्दू सम्राट सेना ने अन्य संगठनों के साथ मिलकर गत 27 जून को शासन को ज्ञापन सौपा। उनमदी मुस्लिमों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
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