वेंकटेश बापूजी केतकर: भारतीय खगोल विज्ञान के विस्मृत सितारे,अमेरिकी एस्ट्रोनॉमर से 19 साल पहले प्लूटो के बारे में बताया
May 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

वेंकटेश बापूजी केतकर: भारतीय खगोल विज्ञान के विस्मृत सितारे,अमेरिकी एस्ट्रोनॉमर से 19 साल पहले प्लूटो के बारे में बताया

प्राचीन काल से ही भारत के पास विज्ञान और प्रौद्योगिकी की एक महान विरासत है, जिसे आज युवा पीढ़ी तक पहुंचाने की जरूरत है।

by दीक्षा त्यागी
Jun 28, 2024, 05:27 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पश्चिम में पुनर्जागरण के बाद जो ज्ञान- विज्ञान और प्रौद्योगिकी की परंपरा शुरू हुई, वह भारत में हज़ारों वर्षों से चली आ रही है। प्राचीन काल से ही भारत के पास विज्ञान और प्रौद्योगिकी की एक महान विरासत है, जिसे आज युवा पीढ़ी तक पहुंचाने की जरूरत है।

भारतीय खगोल विज्ञान की इसी प्राचीनतम और चैतन्य परंपरा के एक विस्मृत सितारे का नाम है “वेंकटेश बापूजी केतकर”। बापूजी आर्यभट, वराहमिहिर और माधव की सिद्धांत परंपरा के एक महान खगोलशास्त्री हैं। उन्होंने अमेरिकी एस्ट्रोनॉमर क्लाइड टॉमबाग से 19 वर्ष पूर्व, 1911 में अपनी गणनाओं द्वारा नौवें ग्रह, प्लूटो के अस्तित्व को सिद्ध कर दिया था।

1854 में जन्मे इस ज्योतिर्विद ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीय पंचांग प्रणाली के अनुसंधान और शुद्धीकरण के लिए समर्पित कर दिया। बापूजी ने कम आयु में ही व्याकरण, वेदान्त और खगोलशास्त्र में दक्षता हासिल कर ली थी। उन्होंने खगोल विज्ञान और पंचांग पर कई पुस्तकें लिखीं और यूरोपियन वैज्ञानिक पत्रिकाओं में कई शोध पत्र भी प्रकाशित करवाये। बहुभाषी और पेशे से शिक्षक होने के अलावा, वी.बी. केतकर को अवलोकन संबंधी खगोल विज्ञान, गणित, साहित्य, चित्रकला-मूर्तिकला और संगीत में भी गहरी रुचि थी।

1868 में पूर्ण सूर्यग्रहण को देख केतकर के मन में खगोल विज्ञान के लिए विशेष रुचि जागृत हुई। सीमित शैक्षिक संसाधनों के बावजूद उन्होंने गणित का स्व अध्ययन किया, अमेरिकी गणितज्ञ सैमिन न्यूकॉम्ब से मार्गदर्शन लिया और विभिन्न गणितीय क्षेत्रों में निपुणता प्राप्त की। केतकर के व्यापक अध्ययन ने उन्हें पारंपरिक खगोलीय अनुमानो में विसंगतियों की पहचान करने में मदद की। जिसके फलस्वरूप उन्होंने एक संशोधित पंचांग, “केतकी पंचांग” प्रकाशित किया।

1909 में विलियम पिकिंग और 1915 में पर्सिवल लोवेल ने नौवें ग्रह के अस्तित्व के बारे में अनुमान लगाया। उसी समयावधि में केतकर ने 1911 में फ़्रांस की एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के बुलेटिन में एक अंक प्रकाशित किया, जिसके अनुसार नेपच्यून की कक्षा के बाहर दो और ग्रह होने चाहिए। लेकिन भारत ने उन्हें भुला दिया, या शायद हमारी परतंत्र मानसिकता ने। फरवरी 1930 में पैरालिटिक स्ट्रोक के कारण उनकी मृत्यु हो गई। आज प्लूटो की खोज का श्रेय क्लाइड को दिया जाता है और कहा जाता है कि क्लाइड ने अपने शोध में केवल पश्चिमी पूर्ववर्तियों का ही प्रयोग किया और उन्हें अपने समसायिक खगोलविद् बापूजी के कार्य की जानकारी नहीं। आज पर्सिवल लोवेल और हेनरी पिकरिंग की गणनाओं को सम्मानित किया जाता है पर बापूजी की गणनाओं को नहीं। लेकिन, बापूजी का कार्य पश्चिम में प्रकाशित हुआ था।

पश्चिम की औपनिवेशीकृत मानसिकता ने ना केवल भारत के सांस्कृतिक वैभव और अर्थव्यवस्था को ध्वस्त किया अपितु वैज्ञानिक वैभव को भी चोरी किया। विज्ञान के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के बावजूद, उनके बारे में कुछ आत्मकथाओं को छोड़कर बहुत कुछ नहीं लिखा गया। नमन है उनको, जिन्होंने एक और पीढ़ी के लिए लुप्त हो रही वैदिक वैज्ञानिक परंपरा को बनाये रखा।

Topics: पाञ्चजन्य विशेषVenkatesh Bapuji Ketkarवेंकटेश बापूजी केतकरभारतीय खगोल विज्ञानIndian AstronomyAmerican astronomer
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पाकिस्तान की गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुआ पुंछ का एक मकान

‘ऑपरेशन सिंदूर’ : बाज नहीं आना, नागरिक निशाना

बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज़ कर दिए हैं। बलूच लोगों ने पाकिस्तानी झंडे की जगह अपने झंडे फहरा दिए हैं। (सोशल मीडिया/बीएलए)

ऑपरेशन सिंदूर : खंड-खंड पाकिस्तान!

जैसलमेर में मार गिराया गया पाकिस्तानी ड्रोन

ऑपरेशन सिंदूर : थार का प्रबल प्रतिकार

अमृतसर में खेत में मिला मिसाइल का टुकड़ा

आपरेशन सिंदूर : हमले में संभला पंजाब

निक्केई एशिया (Nikkei Asia) द्वारा की जा रही पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग पर नम्रता हसीजा एक्स पर लिखती हैं, क्या किसी और ने देखा है कि वे (निक्केई एशिया) तथ्यों की पुष्टि किए बिना केवल पाकिस्तान की खबरें प्रकाशित कर रहे हैं? पहलगाम हमले पर एक भी रिपोर्ट नहीं आई है-केवल एक अस्पष्ट स्पष्टीकरण! इसके अलावा, इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि पाकिस्तान ने वास्तव में कोई जेट मार गिराया है या नहीं। क्या उनके पास भारत में कोई कार्यालय नहीं है, जिसमें स्थानीय कर्मचारी हों, जो सटीक भारतीय परिप्रेक्ष्य प्रदान कर सकें? क्या वे केवल गलत सूचनाएं ही फैलाएंगे? क्या निक्केई एशिया को पता है कि पाकिस्तान ने उन्हें कितना भुगतान किया है?

झूठ की खुली पोल

भारत द्वारा पाकिस्तान में माैजूद आतंकी ठिकानों को नष्ट करने पर खुशी जाहिर करतीं भारतीय महिलाएं

ऑपरेशन सिंदूर’ : सिंदूर से ‘लाल’ हुईं नारीवादी महिलाएं

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बांग्लादेश में आवामी लीग पर प्रतिबंध, भारत ने जताई चिंता

कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं : भारत

मोतिहारी में NIA की बड़ी कार्रवाई : 10 लाख का इनामी खालिस्तानी आतंकी कश्मीर सिंह गिरफ्तार, नेपाल से चला रहा था नेटवर्क

अब हर साल 23 सितंबर को मनाया जाएगा ‘आयुर्वेद दिवस’, आयुष मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

‘आतंक का भारत शिकार और पाक प्रायोजक’ : विदेश मंत्रालय का स्पष्ट संदेश- भारत और पाकिस्तान को एक दृष्टि से ना देखे

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल

पीओके खाली करे पाकिस्तान : विदेश मंत्रालय

गुजरात : गरीबों की जमीन पर बना दिया मदरसा, प्रशासन ने कराया ध्वस्त

प्रतीकात्मक तस्वीर

गुजरात : ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की राष्ट्रविरोधी पोस्ट करने पर 14 के खिलाफ FIR दर्ज, आगे होगी सख्त कार्रवाई

अजरबैजान और तुर्की की बुकिंग बैन! : गुजरात के टूर ऑपरेटरों ने लिया बड़ा फैसला, कहा- ‘देश से ऊपर नहीं व्यापार’

सांकेतिक चित्र

मालेरकोटला के बाद बठिंडा से गद्दार गिरफ्तार : सैनिकों की वर्दी सिलने वाला रकीब निकला पाकिस्तानी जासूस

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies