दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में तिहाड़ जेल से बाहर आने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बीच बुधवार (26 जून 2024) को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं। सीबीआई ने पुलिस रिमांड आवेदन को लेकर अदालत में दलील दी कि उन्हें केजरीवाल से किए गए सवालों के जबाव अभी तक नहीं मिले हैं।
सीबीआई को अपनी जांच पूरी करने के लिए केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ करना जरूरी है। जांच एजेंसी (सीबीआई) के अनुसार, केजरीवाल के ठहरने का खर्च हवाला के पैसे से उठाया गया था। वो 11 बार गोवा भी गए और कह रहे हैं कि उन्हें कुछ भी याद नहीं। वह मानने को तैयार नहीं हैं कि सह-आरोपित विजय नायर उनके अधीन काम कर रहा था। केजरीवाल का कहना है कि नायर अतिशि और सौरभ भारद्धाज के अधीन काम कर रहा था। उन पर 17 बार पहले ही आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। विजय नायर केजरीवाल का करीबी सहयोगी था।
इस दौरान सीबीआई ने मगुंटा रेड्डी से केजरीवाल की पहली मुलाकात और सह-आरोपित के कविता का भी जिक्र किया, जिसने रेड्डी से संपर्क किया और इसके बाद विजय नायर हैदराबाद गया। सीबीआई ने आगे कहा कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल को गिरफ्तार न करके अपना संयम दिखाया। उन्हें हिरासत में लेने में लिए केवल अदालत की अनुमति की आवश्यकता है। ताकि सीबीआई अपनी जांच पूर्ण कर सके। सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद दिल्ली की राउज ऐवेन्यू कोर्ट ने आबकारी घोटाले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
वहीं, पति की मुश्किलों को बढ़ता देख सुनीता केजरीवाल आगबबूला हो गईं और बुधवार (26 जून 2024) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने लिखा, ”अभी तक हमेशा यही प्रार्थना रही है कि ईश्वर सबको सदबुद्धि दे। लेकिन अब प्रार्थना रहेगी कि तानाशाह का विनाश हो।” इससे पहले सुनीता केजरीवाल ने पोस्ट के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि 20 जून को अरविंद केजरीवाल को जमानत मिली, लेकिन तुरंत ईडी ने स्टे लगवा लिया। अगले ही दिन सीबीआई ने उन्हें आरोपी बना दिया और आज गिरफ्तार कर लिया। पूरा तंत्र इस कोशिश में लगा हुआ है कि ये बंदा जेल से बाहर ना आ जाए। ये कानून नहीं है। ये तानाशाही है, इमरजेंसी है।
ध्यान देने योग्य है कि शराब घोटाले में केजरीवाल खुद ही अपनी मुश्किलें बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। जब उनसे पूछताछ के लिए ईडी द्वारा अक्टूबर 2023 से फरवरी 2024 के बीच एक के बाद लगातार नौ समन भेजे गए, लेकिन उन्होंने किसी का भी जबाव देना उचित नहीं समझा और इसे नजरअंदाज किया। यहीं नहीं केजरीवाल ने सभी समन को गैरकानूनी बताते हुए जांच में शामिल होने से भी इनकार कर दिया था। ऐसे में सुनीता केजरीवाल का केंद्र सरकार पर आरोप लगाना और पूछताछ में सहयोग न करने वाले अपने पति का बचाव करना कहां तक उचित है?
कानून आम और खास सभी लोगों के लिए एक होता है। ऐसे में जो शख्स दिल्ली का मुख्यमंत्री है उससे भ्रष्टाचार मामले में चल रही जांच में सहयोग की उम्मीद की जाती है। न कि जांच प्रक्रिया में खलल डालने और उससे दूर भागने की। ऐसे में अब सीबीआई केजरीवाल से 29 जून तक शराब घोटाले से जुड़े सवालों को लेकर पूछताछ करेगी। अभी तक केजरीवाल अपने खिलाफ आरोपों को टालते नजर आ रहे थे।
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