सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया जैसे रोगों से करने और उसे खत्म करने की बात करने वाले डीएमके के मंत्री जो उदयनिधि स्टालिन पर कर्नाटक कोर्ट मेहरबान हो गया है। निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए स्पेशल कोर्ट ने सनातन धर्म को खत्म करने वाले बयान पर राहत देते हुए जमानत दे दी है।
क्या है पूरा मामला
सनातन धर्म को खत्म करने के उदयनिदि स्टालिन के बयान पर बेंगलुरू के एक कार्यकर्ता ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसी मामले में बीते मंगलवार को बेंगलुरू स्थित निर्वाचित प्रतिनिधियों की कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई कर रहे थे 42वें अतिरिक्त मुख्य महाननगर दंडाधिकारी। उनकी अदालत में उदयनिधि स्टालिन पेश हुए जहां उन्हें जमानत दे दी गई। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 298 और 500 के तहत अंतर्गत धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है, जो कि जमानती धाराएं हैं।
अदालत ने उदयनिधि स्टालिन को 50000 रुपए के निजी मुचलके पर ये जमानत दी है। इसी के साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई को 8 अगस्त तक के लिए स्थगित भी कर दिया है।
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क्या था स्टालिन का बयान
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर 2023 में चेन्नई में सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से करते हुए कहा था कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं कि जिन्हें केवल खत्म किया जा सकता है। सनातन धर्म को रोका नहीं जा सकता है, इसे खत्म करना होगा।
इस बयान के बाद डीएमके नेता के खिलाफ देशभर में केस दर्ज किए गए हैं। हालांकि, अपने बयान पर माफी मांगने की जगह उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि वो अपने बयान पर माफी नहीं मांगेंगे। गौरतलब है कि डीएमके कांग्रेस की अगुवाई वाले INDIA गठबंधन का हिस्सा है। साथ ही कर्नाटक में कांग्रेस सरकार है।
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