फ्रांस में गत सप्ताहांत हुए एक सर्वे का नतीजा बताता है कि आरएन पार्टी तथा उसके सहयोगी दल पहले दौर के मतदान में 35-36 प्रतिशत वोट लेंगे, न्यू पॉपुलर फ्रंट 27-29.5% वोट पाएगा। सर्वे ने दावा किया है कि मैक्रों की रेनेसां को 19.5-22 प्रतिशत मत मिलेंगे और वह तीसरे नंबर पर आएगी।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों इन दिनों बेहद चिंतित हैं। उन्हें चिंता है कि कहीं उनका देश गृहयुद्ध में न फंस जाए, कहीं वे दंगे और उग्र न हो जाएं जिनकी झलक वामपंथियों ने पिछले दिनों फ्रांस के अनेक शहरों में दिखाई थी। मैक्रों ने आहत स्वर में कहा है कि यदि देश में आने वाले संसद के चुनाव में दक्षिणपंथी या वामपंथी जीत गए तो देश ‘गृहयुद्ध’ की चपेट में जा सकता है।
फ्रांस के राष्ट्रपति की इस बात के पीछे उनके अनेक अनुभव हैं। उनके देश में आने वाले दिनों में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले जून माह के आरम्भ में हुए यूरोपीय संघ के चुनाव में उनकी सत्तारूढ़ मध्यमार्गी पार्टी को उस नेशनल रैली के मुकाबले हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद वामपंथियों ने फ्रांस में जिस प्रकार का उत्पात मचाया वह भयावह दृश्य पैदा कर गया।
इसीलिए मैक्रों के संभावित गृहयुद्ध की बात का हल्के में नहीं लिया जा सकता। राष्ट्रपति के चुनाव में इस बार मैक्रों की पार्टी की बजाय दक्षिणपंथी अथवा धुर वामपंथी दल के जीतने के कयास लगाए गए हैं। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, ये वही दल हैं जिनकी अगुआई में पिछले दिनों फ्रांस में दंगों की आग भड़की थी।
फ्रांस में नेशनल रैली (आरएन) पार्टी को दक्षिणपंथी तथा न्यू पॉपुलर फ्रंट को वामपंथी माना जाता है। इन दोनों का इस चुनाव में गठबंधन है। एक्जिट पोल इस गठबंधन के जीतने के आसार अच्छे बता रहे हैं जबकि मैक्रों की मध्यमार्गी और उदारवादी पार्टी रेनेसां को कम सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय अखबार द गार्जियन की रिपोर्ट है कि इस बार मैक्रों की पार्टी रेनेसां को झटका लग सकता है। शायद इसीलिए मैक्रों ने उक्त संभावना जताते हुए देश को आगाह किया है। यूरोपीय संघ के चुनावों में उनकी पार्टी की हार के बाद उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव की घोषणा कर दी थी।
फ्रांस में गत सप्ताहांत हुए एक सर्वे का नतीजा बताता है कि आरएन पार्टी तथा उसके सहयोगी दल पहले दौर के मतदान में 35-36 प्रतिशत वोट लेंगे, न्यू पॉपुलर फ्रंट 27-29.5% वोट पाएगा। सर्वे ने दावा किया है कि मैक्रों की रेनेसां को 19.5-22 प्रतिशत मत मिलेंगे और वह तीसरे नंबर पर आएगी।
यहां बता दें कि चुनाव में दूसरे दौर का मतदान 7 जुलाई को होना तय है लेकिन यह सिर्फ उन सीटों पर कराया जाएगा जहां पहले दौर के मतदान में किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिले होंगे। मैक्रों ने यह चिंता फ्रांस के प्रसिद्ध पॉडकास्ट ‘जनरेशन डू इट योरसेल्फ’ पर जाहिर की थी। उन्होंने यह भी कहा कि न्यू पॉपुलर फ्रंट गठबंधन की साझेदार आरएन पार्टी और धुर वामपंथी फ्रांस अनबोड पार्टी की नीतियां बांटने वाली हैं। ये देश को सुरक्षित नहीं रख पाएंगी।
यहां बता दें कि आरएन पार्टी ने हाल में अपना घोषणापत्र जारी किया था, उसी के संबंध में मैक्रों ने उक्त बातें कही थीं। घोषणापत्र में इमिग्रेशन पर रोक लगाने के साथ ही दूसरे देश के अभिभावकों से फ्रांस में पैदा हुए तथा पले-बढ़े बच्चों की राष्ट्रीयता के अधिकारों को निरस्त करने की बात की गई है।
दक्षिणपंथी नेता जॉर्डन बार्डेला ने मैक्रों की उक्त टिपपणी पर आपत्ति जताई है। इसके साथ ही जॉर्डन ने कहा कि फ्रांस के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। ध्यान रहे, आरएन पार्टी के जीतने की सूरत में जॉर्डन का प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है। उन्होंने इमिग्रेशन पर लगाम कसने की बात की है।
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