चीन के पिट्ठू जिन्ना के कंगाल देश को यह क्या हो गया है जो भारत की तरफ यूं दोस्ती का हाथ बढ़ाने लगा? पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार के कुछ मंत्री पहले भी कई मौकों पर भारत से करीबी के तलबगार रहे हैं, लेकिन अब ताजा मामला उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री का है जिन्होंने कहा कि ‘भारत हमसे दोस्ती कर ले’।
इस्लामी जिहादियों का पोषक पड़ोसी देश जान रहा है कि भारत के पाकिस्तान को छोड़कर हर पड़ोसी से संबंध मधुर हैं और इस वजह से वे सभी देश मुसीबत के वक्त भारत से बेशर्त मदद पाते रहे हैं। भारत ने स्वयं अपनी और से पहले पड़ोसी और लुक ईस्ट की अपनी विदेश नीति के तहत पड़ोसी देशों की तरफ राहत का हाथ बढ़ाया है। पाकिस्तान के हुक्मरान और वहां की जनता भी यह सब देख—सुन रही है।
रोटी को मोहताज हुए उस देश के वाणिज्य मंत्री ने भी पिछले दिनों भारत से कारोबार शुरू करने की मिन्नतें की थीं। वह देश जानता है कि भारत से व्यापार करना उसी के फायदे की बात होगी, लेकिन जिहादी सोच पाकिस्तान को सभ्य देश बनने ही नहीं देना चाहती।
पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए अपने दिल का गुबार निकाला कि ‘भारत हमसे नफरत न पाले।’ मासूम बनते हुए डार ने कहा कि ‘पाकिस्तान किसी से दुश्मनी बनाए रखने में यकीन नहीं रखता।’ डार ने अगली सांस में भारत के लिए मन में भरा जहर भी उगल डाला। वे कहने लगे, ‘पाकिस्तान हर वह कदम उठाने को तैयार है जिससे दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता बनी रहे। भारत की हिंदूवादी सरकार ने अगर सैन्य दुस्साहस किया तो उसका तगड़ा जवाब दिया जाएगा।’
भारत की ओर से कई मौकों पर यह कहा जा चुका है कि जब तक जिन्ना का देश जिहादियों का हुक्का—पानी बंद नहीं करेगा, उसके साथ किसी तरह की बातचीत संभव नहीं है। लेकिन इतनी सी बात राजनीति के कच्चे खिलाड़ी पाकिस्तानी नेताओं को समझ नहीं आती। वे प्रधानमंत्री मोदी के बढ़ते कद से कुढ़ते तो हैं लेकिन मोदी की नीतियों को ठीक से पहचानने में गच्चा खाते रहे हैं।
पड़ोसी कट्टर मुस्लिम और वहां अल्पसंख्यक हिन्दुओं के दुश्मन देश के पीओजेके में बने जिहादी कैंपों को लेकर कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जिहादियों की वहां मौजूदगी ही नहीं मानी। लेकिन तो भी दुनिया में रोता यही फिर रहा है कि यह भारत ही है जो संबंध नहीं सुधारना चाहता। उसकी इस बात पर अंतरराष्ट्रीय संगठन कान तक नहीं देते।
लेकिन अब गत आम चुनाव में अपने चहीते राहुल गांधी की बजाय प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार फिर से सत्ता में आते देखकर उसकी बोलती बंद है। इसलिए अब मोदी से गुहार लगाने के अलावा उसे कोई रास्ता सूझ भी नहीं सकता था।
संभवत: यही वजह है कि पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए अपने दिल का गुबार निकाला कि ‘भारत हमसे नफरत न पाले।’ पाकिस्तान की जैसी दुनिया में सूरत है उससे उलट निहायत मासूम बनते हुए डार ने कहा कि ‘पाकिस्तान किसी से दुश्मनी बनाए रखने में यकीन नहीं रखता।’
डार कल ‘इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज इस्लामाबाद’ में भाषण दे रहे थे। इसी में उनका कहना था कि पाकिस्तान तो सदा ‘अच्छे पड़ोसियों के रिश्ते’ रखने की इच्छा रखता है। डार ने माना कि पहले भी भारत से उनके देश के संबंध अशांति से भरे ही रहे लेकिन ‘पाकिस्तान दुश्मनी बनाए रखना नहीं चाहता। हम चाहते हैं आपस में सम्मान हो, संप्रभु समानता हो तथा लंबे समय से जारी जम्मू-कश्मीर के विवाद का न्यायपूर्ण तथा शांतिपूर्ण हल हो। इसके आधार पर पाकिस्तान भारत के साथ अच्छे पड़ोसियों वाला रिश्ता चाहता है।’ विदेश मंत्री डार का कहना था कि ‘पाकिस्तान तो सदा बातचीत के जरिए रिश्ते आगे बढ़ाना चाहता है। इसमें सभी मुद्दे आते हैं।
लेकिन कहते हैं न कि असली मिजाज ज्यादा देर छुपा नहीं रह सकता। लिहाजा, डार ने भी अगली सांस में भारत के लिए मन में भरा जहर उगल डाला। वे कहने लगे, ‘पाकिस्तान हर वह कदम उठाने को तैयार है जिससे दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता बनी रहे। भारत की हिंदूवादी सरकार ने अगर सैन्य दुस्साहस किया तो उसका तगड़ा जवाब दिया जाएगा।’ यानी डार को कूटनीति का ‘क’ भी नहीं आता। जहर उगलने के लिए वे थोड़े दिन इंतजार ही कर लेते, किसी और मंच से भड़ास निकाल लेते। लेकिन नहीं। इसीलिए कोई भी देश पाकिस्तानी नेताओं की बातों का भरोसा नहीं करता, खुद उनका आका चीन भी नहीं।
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