मालदीव में सरकार ही नहीं, वहां के कट्टरपंथी तत्व भी भारत से चिढ़े हुए हैं। वहां की मोहम्मद मुइज्जू सरकार ने भारत के विरुद्ध जिस प्रकार का व्यवहार दिखाया था उसे तो अब पूरी दुनिया जानती है, लेकिन मुल्ला—मौलवी भी इस बहाने भारत, हिन्दू संस्कृति के लिए मन में जमा जहर उगल रहे हैं। वहां के एक मौलाना ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग को लेकर जिस प्रकार मुस्लिमों को भड़काने की कोशिश की, वह हैरानी पैदा करती है।
उस मौलाना शेख अली जैद ने योग दिवस को लेकर कहा कि योग इस्लाम के विरुद्ध है। इस मौलाना ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को भारत की ‘साजिश’ बताया और मुसलमानों से कहा कि को योग से दूर रहें। यह मौलाना उन मोहम्मद मुइज्जू का नजदीकी बताया जा रहा है जो वहां राष्ट्रपति पद पर आसीन हैं और उनकी सरकार चीन के कथित इशारे पर भारत विरोध का झंडा उठाए है।
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शेख अली जैद ने आगे कहा कि योग के जरिए हिंदू सूर्य देवता की पूजा करते हैं। अगर इस पूजा का हटा दें तो ये एक कसरत मात्र रह जाती है। मौलाना इतने पर ही नहीं रुका, वह बोला कि इस्लाम में एक ही खुदा को माना जाता है इसलिए योग उनके एक ईश्वरवाद के भी विरुद्ध है। जैद एक एक करके ऐसी बातें बोला जिससे ‘साबित’ कर सके कि ‘योग सच में इस्लाम विरुद्ध है।’ वह हर बात का निचोड़ यही निकालता रहा कि मुसलमानों के लिए योग करना हराम है।
जैद काे चिढ़ इस बात से है कि इसमें सूर्य देवता की आराधना क्यों की जाती है। इसलिए उसका कहना है कि उस आराधना वाले हिस्से को बाहर कर दें तो कोई झमेला न हो, यह सिर्फ एक कसरत जैसी रह जाए। इसलिए मौलाना का कहना है कि योग की बजाय बस कसरत ही करो। मौलाना की इस नफरत भरी पोस्ट पर प्रतिक्रिया करते हुए कुछ लोगों ने खुलकर आरोप लगाया कि योग को कसरत बताने वाला मौलाना इसलिए ऐसा जहर उगल रहा है क्योंकि वह मुइज्जू का नजदीकी है और ऐसा करके उसकी कोशिश है मुइज्जू सरकार की कृपा पाना।
मौलना जैद को इस बात से भी नाराजगी है कि एक इस्लामिक देश में योग करने की इजाजत क्यों दी गई। शेख जैद ने यह जहर राजधानी माले में भारत के उच्चायोग परिसर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की खबर आने पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली। और इसमें उसने मुस्लिमों को हिदायत दी कि वे योग—वोग के जाल में न फंसें बल्कि सिर्फ कसरत करें। यहां एक बात पर ध्यान देना जरूरी है कि 2021 में इसी प्रकार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का कार्यक्रम जब गैलोलु स्टेडियम में चल रहा था तो अचानक कुछ लोगों का गुट वहां घुस आया और रुकावट पैदा करने के लिए तोड़फोड़ करने लगा। पता चला है कि उस तोड़फोड़ में शामिल रहे कई लोग आज की मुइज्जू सरकार में बड़े ओहदे पाए हुए हैं।
जैद काे चिढ़ इस बात से है कि इसमें सूर्य देवता की आराधना क्यों की जाती है। इसलिए उसका कहना है कि उस आराधना वाले हिस्से को बाहर कर दें तो कोई झमेला न हो, यह सिर्फ एक कसरत जैसी रह जाए। इसलिए मौलाना का कहना है कि योग की बजाय बस कसरत ही करो। मौलाना की इस नफरत भरी पोस्ट पर प्रतिक्रिया करते हुए कुछ लोगों ने खुलकर आरोप लगाया कि योग को कसरत बताने वाला मौलाना इसलिए ऐसा जहर उगल रहा है क्योंकि वह मुइज्जू का नजदीकी है और ऐसा करके उसकी कोशिश है मुइज्जू सरकार की कृपा पाना।
गत 21 जून को दुनिया के विभिन्न देशों के साथ ही मालदीव में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की धूम रही। मालदीव की राजधानी माले में भारत के उच्चायोग में शानदार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। लेकिन ऐसे शानदार कार्यक्रम से चिढ़कर मौलाना ने जो पोस्ट की उसे लेकर मालदीव के सभ्य समाज में बहुत आक्रोश दिखाई दे रहा है।
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