अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित गोलोकवासी हो गए। काशी के प्रकांड विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित काफी लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर शोक प्रकट किया है। योगी आदित्यनाथ ने लिखा है कि “काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का गोलोकगमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे।प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके शिष्यों और अनुयायियों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।” मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी शोक प्रकट किया है।
आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का 90 साल की उम्र में शरीर छूट गया। शनिवार सुबह लगभग 6.45 बजे वाराणसी में उन्होंने अंतिम सांस ली. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। इनके साथ 121 पुजारियों ने अनुष्ठान को संपन्न किया था. प्राण – प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया था।
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