आर्चबिशप कार्लो विगानो अपने विरुद्ध चल रही चर्च की इस कार्रवाई के सामने अडिग नजर आ रहे हैं। वे इसे “एक सम्मान” बताते हैं। वे लिखते हैं, “मेरा मानना है कि आरोपों के शब्द ही उन सिद्धांतों की पुष्टि करते हैं जिनका मैंने अपने विभिन्न संबोधनों में बार-बार बचाव किया है।”
83 साल के रोमन कैथोलिक आर्चबिशप कार्लो मारिया विगानो पर वेटिकन में पोप की सर्वोच्चता पर उंगली उठाने और चर्च में भेद पैदा करने जैसे आरोपों पर चले विवाद के बाद अब उनको लेकर सुनवाई शुरू हुई है। अगर उन पर आरोप साबित हो सकते हैं तो उनका बहिष्कार तक संभव है।
आर्चबिशप कार्लो 2011 से 2016 तक अमेरिका में वेटिकन के राजदूत के तौर पर कार्य कर चुके हैं। उन्हें इसी सप्ताह “दरार पैदा करने के अपराध” के लिए वेटिकन में एक न्यायेतर जांच में बुलाया गया है। दिलचस्प बात है कि यह जानकारी खुद आर्चबिशप कार्लो ने एक्स पर अपने ट्वीट में दी है।
अपने ट्वीट में वे लिखते हैं, “मुझे 20 जून को वेटिकन में होली आफिस में बुलाया गया, व्यक्तिगत रूप से या एक कैनन वकील द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया।” कार्लो विगानो ने पोप फ्रांसिस और द्वितीय वेटिकन परिषद के कुछ भागों की वैधता पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाया था। हो सकता है उनका रोमन कैथोलिक चर्च से बहिष्कार हो जाए।
कार्लो आगे लिखते हैं, “मुझे लगता है सजा पहले से ही तय है, यह देखते हुए कि यह एक न्यायेतर प्रक्रिया है।” आर्चबिशप ने कहा कि उन्होंने वेटिकन में जांच के लिए बुलाया गया है।
हैरानी की बात है आर्चबिशप कार्लो विगानो अपने विरुद्ध चल रही चर्च की इस कार्रवाई के सामने अडिग नजर आ रहे हैं। वे इसे “एक सम्मान” बताते हैं। वे लिखते हैं, “मेरा मानना है कि आरोपों के शब्द ही उन सिद्धांतों की पुष्टि करते हैं जिनका मैंने अपने विभिन्न संबोधनों में बार-बार बचाव किया है।”
𝗔𝗻𝗻𝗼𝘂𝗻𝗰𝗲𝗺𝗲𝗻𝘁 𝗿𝗲𝗴𝗮𝗿𝗱𝗶𝗻𝗴 𝘁𝗵𝗲 𝘀𝘁𝗮𝗿𝘁 𝗼𝗳 𝘁𝗵𝗲 𝗲𝘅𝘁𝗿𝗮𝗷𝘂𝗱𝗶𝗰𝗶𝗮𝗹 𝗰𝗿𝗶𝗺𝗶𝗻𝗮𝗹 𝘁𝗿𝗶𝗮𝗹 𝗳𝗼𝗿 𝘀𝗰𝗵𝗶𝘀𝗺 (art. 2 SST; can. 1364 CIC)
The Dicastery for the Doctrine of the Faith has informed me, with a simple email, of the initiation of… pic.twitter.com/sVQmV2U4Af
— Arcivescovo Carlo Maria Viganò (@CarloMVigano) June 20, 2024
ट्ववीट में आगे लिखा है, “यह कोई संयोग नहीं है कि मेरे खिलाफ़ आरोप जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो की वैधता पर सवाल उठाने और वेटिकन II की अस्वीकृति से संबंधित है: परिषद वैचारिक, पांथिक, नैतिक और पांथित व्याधियों का प्रतिनिधित्व करती है…।”
वेटिकन न्यूज़ के अनुसार, आस्था के सिद्धांत के लिए हालांकि विगानो के खिलाफ कार्यवाही पर अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं आया है। 20 जून को वेटिकन सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन ने कहा था कि ‘आर्चबिशप विगानो के कुछ तौर—तरीके और काम ऐसे रहे हैं जिनके लिए वे जवाबदेह हैं।”
आर्चबिशप कार्लो विगानो पिछले कुछ वर्षों में पोप फ्रांसिस के इस्तीफे की बार—बार मांग करके सुर्खियों में छाए रहे हैं। साल 2020 में, विगानो ने कैथोलिक चर्च के भीतर नेताओं के एक गुट पर संस्था में “पंथविरोध, समलैंगिकता और भ्रष्टाचार” को पनपने देने के आरोप लगाए थे। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को लिखे एक पत्र में, विगानो ने “डीप चर्च” शबद गढ़ा, जिसका उद्देश्य “भाड़े के गैर पांथिकों के एक समूह को इंगित करना, जो झुंड को तितर-बितर करके भेड़ों को भूखे भेड़ियों के हवाले कर देना चाहते हैं।”
उल्लेखनीय है कि नेशनल कैथोलिक रजिस्टर के अनुसार, 2018 में आर्चबिशप विगानो ने 11 पृष्ठों का एक पत्र लिखा था, जिसमें दर्जनों पूर्व और वर्तमान उच्च-स्तरीय कैथोलिक अधिकारियों पर पूर्व कार्डिनल थियोडोर मैककारिक के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों को छिपाने का आरोप लगाया था।
आर्चबिशप विगानो ने खासतौर पर पोप पर भी निशाना साधा था, उन पर मैककारिक के खिलाफ अपने पूर्ववर्ती के प्रतिबंधों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था और उनसे आग्रह किया था कि “मैककारिक के दुर्व्यवहारों को छिपाने वाले कार्डिनल और बिशपों के सामने एक अच्छा उदाहरण स्थापित करने के लिए इस्तीफा दें।”
वेटिकन न्यूज़ के अनुसार, नवंबर 2020 में, वेटिकन की ओर से विगानो के आरोपों का खंडन करते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। मैककारिक, जिन्होंने 2001 से 2006 तक वाशिंगटन के आर्चबिशप के नाते कार्य किया था, को लड़कों और सेमिनेरियन से दुर्व्यवहार के आरोपों के बीच 2019 में चर्च पद से हटा दिया गया था, हालांकि मैसाचुसेट्स में एक जिला अदालत के न्यायाधीश ने पिछले साल उनके खिलाफ मामला खारिज कर दिया था।
टिप्पणियाँ