कटक में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ओडिशा (पूर्व) प्रांत का कार्यकर्ता विकास वर्ग 18 जून को संपन्न हो गया। 15 दिवसीय इस वर्ग में 18 जिले और एक महानगर से कुल 257 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण लिया। इनमें से 195 छात्र थे।
वर्ग में कुल 31 शिक्षक व 53 प्रबंधक रहे। समापन समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री मोहन माझी और दोनों उप मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। कार्यक्रम के बाद मोहन माझी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘भारतीय संस्कृति और सामाजिक मूल्यों को बचाए रखने का प्रण लेने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग के समापन समारोह में शामिल हुआ।’’
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ओडिशा (पूर्व) प्रांत के सह प्रांत कार्यवाह रवि नारायण पंडा ने कहा कि संघ 99 वर्ष से अपने नागरिकों के चरित्र निर्माण और सामाजिक परिवर्तन के उद्देश्य से अथक प्रयास कर रहा है। हमारे देश के नागरिक अब इसका परिणाम महसूस कर सकते हैं। केवल ‘स्व’ के माध्यम से ही भारत को पुन: विश्वगुरु बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमने अभी देश की आजादी के 75 साल पूरे किए हैं। इस अमृत काल के दौरान हम ‘स्वतंत्रता’ के बारे में चर्चा कर रहे हैं।
भारत का ‘स्व’ क्या है? ‘स्व’ ‘तंत्र’ क्या है? भारतीयता क्या है? इन विषयों पर समाज में गंभीर चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय विचारधारा त्याग पर आधारित है, जबकि पाश्चात्य विचारधारा भोग पर आधारित है। पाश्चात्य समाज 80-90 साल जीने की कल्पना करता है और यही कारण है कि वह सब कुछ एक जन्म में ही हासिल कर लेना चाहता है, जबकि भारतीय दर्शन पुनर्जन्म में विश्वास करता है तथा त्यागपूर्वक जीवन जीने की बात करता है।
समारोह के मुख्य अतिथि और कटक स्थित श्रीश्री विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बी. आर. शर्मा ने राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका की सराहना की।
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