नई दिल्ली: दहेज प्रताड़ना की गंभीर समस्या के एक भयावह मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपित ननद रुखसार को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक रुखसार पर आरोप है कि उसने अपनी भाभी को दहेज की मांग पूरी न होने पर बिजली के झटके दिए और मारपीट की। न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा की पीठ ने कहा कि आरोप गंभीर हैं और रुखसार के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है।
पीड़ित युवती की मौत के बाद यह मामला प्रकाश में आया। जांच के दौरान पता चला कि मृतका का शव दिल्ली से उत्तर प्रदेश के फतेहाबाद ले जाया गया, बिना पुलिस को सूचित किए। अदालत ने इस पर गंभीर टिप्पणी की और कहा कि यह जांच को प्रभावित करने का प्रयास हो सकता है।
अदालत की टिप्पणी
न्यायमूर्ति शर्मा की पीठ ने कहा कि रुखसार के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और उसे जमानत देना उचित नहीं होगा। अदालत ने पाया कि मौत से पहले पीड़ित ने 14 जनवरी 2024 को अपनी मां को फोन कर बताया था कि उसकी सास और ननद उसे दहेज के लिए मारपीट कर रही हैं। जब शिकायतकर्ता अपनी बेटी के ससुराल पहुंची, तो उन्होंने देखा कि उसकी बेटी के शरीर पर नीले निशान थे, जो प्रताड़ना के स्पष्ट सबूत थे।
अभियोजन पक्ष के तर्क
अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि रुखसार पर गंभीर आरोप हैं और वह अपने भाई और मां के साथ मिलकर पीड़िता को दहेज के लिए प्रताड़ित कर रही थी। अभियोजन पक्ष ने यह भी बताया कि मौत से एक दिन पहले रुखसार ने अपनी भाभी के साथ मारपीट की थी और उसे बिजली के झटके दिए थे।
आरोपित का बचाव
रुखसार ने अपने बचाव में कहा कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया है। उसने कहा कि वह शादी के बाद से ही तीसरे तल पर रहती थी, जबकि उसकी भाभी प्रथम तल पर रहती थी, इसलिए प्रताड़ना के आरोप निराधार हैं।
अदालत ने आरोपित के बचाव को खारिज करते हुए कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए रुखसार को जमानत नहीं दी जा सकती।
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