आईआईटी बॉम्बे ने फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के नाम पर ‘राहोवन’ नाम के नाटक के जरिए भगवान राम और माता सीता का अपमान करने के मामले में कार्रवाई की है। आईआईटी ने आरोपी एक छात्र पर 1.2 लाख रुपए का जुर्माना ठोंक दिया है। जुर्माने की इस राशि को छात्र को 20 जुलाई तक हर हाल में सबमिट करना होगा। प्रौद्योगिकी संस्थान ने चेताया है कि अगर जुर्माने का उल्लंघन किया जाता है तो दंड को और अधिक कड़ा किया जाएगा।
आईआईटी बॉम्बे नोटिस ‘आईआईटी बी फॉर भारत’के एक्स पर शेयर किया गया है। बताया जाता है कि राहोवन नाटक में शामिल रहे 8 छात्रों के खिलाफ एक्शन लिया गया है। इसमें अपनी स्टडी कंप्लीट कर चुके छात्रों पर अधिक जुर्माना ठोंका गया है, जबकि दूसरी तरफ जो आरोपी छात्र अभी अपनी पढ़ाई कर ही रहे हैं उनपर कम जुर्माना लगाया गया है साथ ही हॉस्टल से बाहर कर दिया गया है।
मामला कुछ यूं है कि इसी साल 31 मार्च को आईआईटी बॉम्बे के ओपन एय़र थिएटर में एक नाटक का मंचन किया गया। नाम था ‘राहोवन’। इसमें पूरी तरह से सनातन धर्म और संस्कृति के साथ ही भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के प्रति न केवल अपमानजनक और अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया गया। बल्कि इस नाटक में भगवान राम को शैतान के रूप में वर्णित किया गया था। इसमें छात्रों ने ये सिद्ध करने की कोशिशें की कि भगवान राम माता सीता के प्रति हिंसक व्यवहार करते थे।
उस नाटक में ये भी बताया गया था कि माता सीता अपहरणकर्ता राक्षण रावण के साथ खुश थीं। उसमें माता सीता का प्रतीक बनी महिला कहती है अच्छा हुआ अघोरी (रावण) उसे (सीता) ले गया।
जल्द ही इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। इसके बाद विरोध शुरू हुआ तो आईआईटी बॉम्बे ने एक कमेटी गठित की। बाद में 8 मई को अनुशासन समिति की बैठक बुलाई गई। जांच के बाद छात्रों को सनातन धर्म का अपमान करने का दोषी पाए जाने के बाद 4 जून को छात्र को जुर्माने का नोटिस जारी किया। उल्लेखनीय है कि आईआईटी वैश्विक क्यूएस रैंकिंग-2025 में भारतीय संस्थानों में सबसे टॉप पर था।
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