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कॅरियर के नए रास्ते

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पाञ्चजन्य ब्यूरो

अगर भविष्यवाणी करना व्यवसाय के रूप में अच्छा लगता है और कंपनियों को सही फैसले लेने में मदद करने का शौक है, तो आपके लिए ‘एक्चुरियल साइंटिस्ट’ का कॅरियर अच्छा हो सकता है। विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में जोखिम मूल्यांकन की बढ़ती मांग के कारण इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं। एक्चुरियल साइंस में पढ़ाई के बाद आडिटर, एक्चुरियल एनालिस्ट, री-इंश्योरेंस एनालिस्ट, डेटा एनालिस्ट, अंडरराइटिंग एक्चुअरी, एक्चुरियल मॉडलिंग एनालिस्ट, इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट, रिस्क एनालिस्ट या फाइनेंशियल प्लानर के रूप में कॅरियर शुरू किया जा सकता है। इन पदों पर शुरुआती औसत वेतन पैकेज लगभग 8.5 लाख रुपये सालाना होता है।

क्या है एक्चुरियल साइंस : यह ऐसा पाठ्यक्रम है, जो जोखिम का अनुमान लगाने और स्थिर आर्थिक विकास बनाए रखने का हुनर सिखाता है। एक्चुरियल साइंस में अर्थशास्त्र, वित्त, गणित, सांख्यिकी, संभाव्यता, साधारण बीमा और संभावित खर्च का हिसाब लगाना जैसे विषय शामिल होते हैं। इस कारण व्यक्ति बता सकता है कि बीमा प्रदाता किसी की बीमा कवरेज को स्वीकार करेगा या नहीं। ऐसे पेशेवरों को बीमा, आईटी कंपनियों और बैंकों के साथ काम करने का मौका मिलता है। अनुभव प्राप्त करने के बाद व्यक्ति सलाहकार की भूमिका भी निभा सकता है।

एक्चुरियल साइंस : गणित की शाखा

जीवन बीमा, वार्षिक रिटर्न सहित स्थिर दीर्घकालिक बीमा कवरेज की बढ़ती मांग के कारण 17वीं शताब्दी के अंत में एक्चुरियल साइंस को औपचारिक रूप से गणित की शाखा का दर्जा दिया गया। इस पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को जोखिम के मूल्यांकन व अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में मदद करने के कौशल सिखाए जाते हैं, जो किसी भी कंपनी या व्यवसाय के विकास और दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए महत्वपूर्ण है। अगर किसी की व्यवसाय, वित्त और गणित में रुचि है, तो अपनी रुचि के अनुसार एक्चुरियल साइंस में स्नातक या मास्टर या पीएचडी कर सकता है।

कॅरियर विकल्प

  • एक्चुरियल एनालिस्ट: दुर्घटनाओं, बीमारी, निवेश और अन्य उपभोक्ता मांगों के कारण पड़ने वाले संभावित वित्तीय प्रभाव का अनुमान लगाने के साथ-साथ सांख्यिकीय डेटा एकत्र करने, जोखिम को कम करने के उद्देश्य नीतियां तैयार करने व विकास सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार।

भारत में अपेक्षित वेतन: 13 लाख रुपये सालाना – विदेश में अपेक्षित वेतन: 1.2 लाख डॉलर सालाना

  • आडिटर: वित्तीय विवरण तैयार करने व उनके विश्लेषण के लिए जिम्मेदार। इससे विकास के अवसरों और संभावित जोखिमों के आकलन में मदद मिलती है।

भारत में अपेक्षित वेतन: 7 लाख रुपये सालाना – विदेश में अपेक्षित वेतन: 91.8 हजार डॉलर सालाना

  • डेटा एनालिस्ट: व्यवसाय विकास के बेहतर निर्णय लेने के लिए बाजार अनुसंधान और बिक्री जैसे डेटा एकत्र करने के लिए जिम्मेदार।

भारत में अपेक्षित वेतन: 13.3 लाख रुपये सालाना – विदेश में अपेक्षित वेतन: 74.3 हजार डॉलर सालाना

  • फाइनेंशियल प्लानर: सलाह देकर कंपनियों, लोगों की वित्तीय जरूरतों व लक्ष्यों को पाने में मदद करता है।

भारत में अपेक्षित वेतन: 8.5 लाख रुपये सालाना – विदेश में अपेक्षित वेतन: 76.2 हजार डॉलर सालाना

  • इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट: निवेश व वित्तीय जानकारी की जांच कर उपयुक्त निवेश-संबंधी रणनीतियों का आकलन करने के लिए जिम्मेदार।

भारत में अपेक्षित वेतन: 12 लाख रुपये सालाना – विदेश में अपेक्षित वेतन: 84.3 हजार डॉलर सालाना

  • रिस्क एनालिस्ट: संगठनों को संभावित खतरों के प्रति आगाह करने के लिए जिम्मेदार होता है, जो व्यवसाय के दिन-प्रतिदिन के संचालन व विकास में बाधा डाल सकते हैं।

भारत में अपेक्षित वेतन: 10.5 लाख रुपये सालाना – विदेश में अपेक्षित वेतन: 87.9 हजार डॉलर सालाना

  • बिजनेस एनालिस्ट: संगठन की संरचना, नीतियों व संचालन की समीक्षा के लिए जिम्मेदार होता है। व्यवसाय के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जरूरी सलाह देता है।

भारत में अपेक्षित वेतन: 9 लाख रुपये सालाना – विदेश में अपेक्षित वेतन: 83.7 हजार डॉलर सालाना

  • अंडर राइटर: किसी आवेदक के बीमा कवरेज को स्वीकार करना है या नहीं, यह फैसला करने के लिए जिम्मेदार।

भारत में अपेक्षित वेतन: 6 लाख रुपये सालाना – विदेश में अपेक्षित वेतन: 82.9 हजार डॉलर सालाना

इन क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं

पुरानी नौकरियों ने भविष्य की नई नौकरियों के लिए रास्ता तैयार किया है। अमेरिका के ब्यूरो आफ लेबर स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, एक्चुअरी के लिए रोजगार अवसरों में 2020 से 2030 के बीच कम-से-कम 24 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। भारत में विशेषज्ञों का मानना है कि एक्चुरियल साइंस की डिग्री वाले लोगों की आने वाले दिनों में अधिक मांग होगी और उनके वेतन में भी इसी कारण बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है।

यह वृद्धि इसलिए है कि जोखिम प्रबंधन और बेहतर व्यावसायिक रणनीति विकास में मदद की मांग बढ़ी है ताकि कंपनियां निवेश और मुनाफे को उसी मुताबिक समायोजित कर सकें। इसके अलावा, इन विशेषज्ञों की बीमा कंपनियों द्वारा भी भर्ती की जाती है, जो अपने ग्राहकों को खुश रखने और व्यवसाय की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए अपने उत्पाद को लगातार बेहतर करने के साथ-साथ इसके मूल्य को भी प्रतिस्पर्धात्मक रखती हैं।

एक्चुरियल साइंस में ग्रेजुएट डिग्री या समकक्ष के लिए वित्तीय उद्योग, आईटी, परामर्श, बीमा और बैंकिंग क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों में रोजगार की संभावनाएं होती हैं। इसमें निजी और सार्वजनिक, दोनों क्षेत्र शामिल हैं।

एक्चुरियल साइंस में कॅरियर बनाने और बेहतर कॅरियर के साथ बेहतर आय की दृष्टि से जरूरी है कि सही कॉलेज के सही कोर्स का चुनाव किया जाए। भारत में एक्चुरियल साइंस में डिग्री देने वाले शीर्ष कॉलेजों और कैंपस भर्ती में मिलने वाला पैकेज।

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