दिल्ली, (हि.स.)। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने यूजीसी-नेट परीक्षा को रद करने की घोषणा की है। शिक्षा मंत्रालय ने प्रथमदृष्टया गड़बड़ी के संकेत मिलने के बाद परीक्षा को रद करने का निर्देश दिया था। केन्द्र सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है।
उल्लेखनीय है कि 18 जून, 2024 को देश के विभिन्न शहरों में यूजीसी-नेट जून 2024 की परीक्षा को एनटीए ने दो शिफ्ट में ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में आयोजित किया था। एक दिन बाद ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को परीक्षा के संबंध में गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से कुछ इनपुट मिले। इस इनपुट से स्पष्ट संकेत मिले कि मंगलवार को आयोजित परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी। जिसके बाद शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को आगाह किया और यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की गई।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूजीसी-नेट परीक्षा नए सिरे से आयोजित की जाएगी। नई प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों को जल्द जरूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं परीक्षा में गड़बड़ी के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है।
यूजीसी नेट परीक्षा 18 जून 2024 को देशभर के 317 शहरों में 1205 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 11,21,225 परिक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था।
यूजीसी-नेट परीक्षा रद होने के संबंध में एबीवीपी का बयान
वहीं छात्र संगठ एबीवीपी की तरफ से कहा गया कि परीक्षाओं में पारदर्शिता से किसी प्रकार से भी समझौता नहीं होना चाहिए, पेपर लीक की समस्या बहुत गंभीर हो गई है। एबीवीपी ने पेपर लीक की अलग-अलग घटनाओं के विरोध में लगातार जमीन पर आंदोलन करके कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए पेपर लीक की समस्या के स्थायी निदान के लिए आवाज उठाई है। एबीवीपी, नीट-यूजी परीक्षा की भी सीबाआई जांच की मांग करती है। नकल माफियाओं को बख्शा नहीं जाना चाहिए, उनपर कड़ी कार्रवाई हो।
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