आपातकाल : रायबरेली में था कांग्रेस का खौफ, जेल में मिलने तक कोई नहीं आया, फिर भी किया 'हिटलरशाही' का विरोध
May 25, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तर प्रदेश

आपातकाल : रायबरेली में था कांग्रेस का खौफ, जेल में मिलने तक कोई नहीं आया, फिर भी किया ‘हिटलरशाही’ का विरोध

इंदिरा गांधी ने जून 1975 में देश को आपातकाल की आग में झोंक दिया। रायबरेली की जनता ने भी उन्हें माफ नहीं किया

by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Jun 18, 2024, 08:54 pm IST
in उत्तर प्रदेश
आपातकाल में रायबरेली में भी था इंदिरा गांधी का खौफ। रायबरेली के लोगों ने सुनाई आपबीती

आपातकाल में रायबरेली में भी था इंदिरा गांधी का खौफ। रायबरेली के लोगों ने सुनाई आपबीती

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

करीब 49 साल पहले 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने देश को बंधक बना लिया था। संविधान का गला घोंट दिया गया था। न अखबार छप सकता था और न ही कोई इमरजेंसी के खिलाफ बोल सकता था। जिसने हिम्मत की उसे जेल में ठूंस दिया गया। जिस रायबरेली ने इंदिरा गांधी को असीम प्यार दिया उस रायबरेली की ही जनता ने इंदिरा गांधी की हिटलरशाही भी देखी। 1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी रायबरेली सीट से सांसद निर्वाचित हुई थीं। जून 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा के लोकसभा निर्वाचन को रद कर दिया था। इसके बाद भारत ने लोकतंत्र की जगह हिटलरशाही देखी। बौखलाहट से 25 जून 1975 को उन्होंने देश को आपातकाल की आग में झोंक दिया। उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे आए और हिटलरशाही का विरोध किया।

रायबरेली शहर से करीब चालीस किलोमीटर दूर जगतपुर भिचकौरा गांव में हमने आपातकाल के साक्षी नरदेव सिंह चौहान जी से बात की। वह अस्वस्थ हैं, बोलने में असमर्थ हैं, फिर भी आपातकाल पर खुद को बोलने से न रोक सके। नरदेव चौहान जी बताते हैं कि उस समय वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए थे। जिला बौद्धिक प्रमुख का दायित्व उनके पास था। आपात काल के समय संघ की दृष्टि से  रायबरेली जिला था और बाद में इसे दो भागों में बाटा गया – रायबरेली एवं लालगंज। वह दैनिक शाखा जगतपुर भिचकौरा, बिशुनखेड़ा, पूरे मलंगा, अम्बारा पश्चिम, आनापुर, पूरे गुर्दी और साप्ताहिक शाखा ऐहार का पर्यवेक्षण करते थे। जगतपुर भिचकौरा की शाखा में 150 तक स्वयंसेवक आते थे। आपातकाल से वह आहत हुए।

नरदेव सिंह चौहान, जगतपुर भिचकौरा, रायबरेली

नरदेव सिंह चौहान ने चार लोगों के साथ वह लालगंज थाने पहुंचे और आपातकाल के विरोध में गिरफ्तारी दी। इसके बाद उन्हें रायबरेली की जेल में बंद कर दिया गया। वह 22 दिन तक जेल में बंद रहे। उस समय कांग्रेस का बहुत ज्यादा खौफ था। विरोध करने की या आवाज उठाने की किसी में हिम्मत नहीं थी। डर की वजह से इन 22 दिनों में उनसे कोई मिलने तक नहीं आया, जमानत भी किसी ने नहीं ली। 22 दिन बाद वह जेल से छूटे। इसके बाद फिर उन्हें एक महीने के लिए जेल में डाल दिया गया। आपातकाल के बारे में और कुरेदने पर वह कहते हैं कि बोला नहीं जा रहा है। इसके बाद इतना ही कहा कि – देश के विरोध में कुछ भी बर्दाश्त नहीं था।

रायबरेली की जनता ने इंदिरा गांधी की हिटलरशाही का जवाब वोट से दिया। इसके बाद हुए चुनाव में इंदिरा गांधी को रायबरेली से हार का सामना करना पड़ा।

Topics: Emergency 1975पाञ्चजन्य विशेषरायबरेली लोकसभा सीटRae Bareli Lok Sabha seatआपातकाल की क्रूरताइमरजेंसी 1975इंदिरा गांधी और रायबरेलीरायबरेली समाचाररायबरेली में आपातकालइंदिरा गांधीआपातकाल और संविधानIndira Gandhiआपातकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघआरएसएस
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजु से मुस्लिम बुद्धिजीवियों की भेंटवार्ता

वक्फ संशोधन : मुस्लिम समाज की तरक्की का रास्ता!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : राष्ट्र निर्माण की यात्रा, आपके सहभाग की प्रतीक्षा

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे

पलटू पलटन

जिम्मेदार बने मीडिया और सोशल मीडिया

उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ब्रह्मोस मिसाइल का प्रतीक भेंट किया गया

‘ब्रह्मास्त्र’ है ब्रह्मोस

सच दिखातीं सैटेलाइट तस्वीरें-भारत के सटीक हवाई हमले में ध्वस्त हुआ 1. नूर खान एयरबेस (बाएं), और 2. भोलारी एयरबेस का हैंगर (दाएं)

सच्ची तस्वीरें, झूठे शरीफ

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Uttarkhand illegal encroachment

उत्तराखंड: तराई फॉरेस्ट डिविजन ने 15 हेक्टेयर वन भूमि अवैध कब्जा से मुक्त कराया

Uttarakhad Niti Ayog Baithak

सीएम धामी ने नीति आयोग की बैठक में उठाई ड्रेनेज और सिंचाई की मांग, पर्वतीय महाकुंभ के लिए मांगा सहयोग

पीएम मोदी: ऑपरेशन सिंदूर की ताकत को जनांदोलन बनाकर हासिल होगा विकसित भारत का लक्ष्य

Iran Executed a man

ईरान में मोहसेन लैंगरनेशिन को फांसी: इजरायल के लिए जासूसी के झूठे आरोपों और यातना का दावा

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजु से मुस्लिम बुद्धिजीवियों की भेंटवार्ता

वक्फ संशोधन : मुस्लिम समाज की तरक्की का रास्ता!

नक्‍सलियों के मारे जाने पर सीपीआईएम का दर्द हिंसा का राजनीतिक गठजोड़ बता रहा!

नीति आयोग की बैठक में सीएम धामी ने ड्रेनेज और कृषि पर रखे सुझाव

ऑपरेशन सिंदूर को चीफ इमाम का समर्थन, फतवा जारी कर कहा- ‘आतंकियों के जनाजे में नहीं पढ़ी जाएगी नमाज’

जमानत मिलते ही गैंगरेप आरोपियों ने निकाला जुलूस, महंगी बाइकें, लग्जरी कारें और लाउड म्यूजिक के साथ निकाली की रैली

मोहसिन खान हिंदू लड़कियों को कुरान पढ़ने, बीफ खाने के लिए मजबूर करता, जयश्री राम बोलने पर डांटता था आरोपी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies