गुजरात

पावागढ़ में जैन तीर्थंकर नेमिनाथ की 500 साल पुरानी मूर्ति खंडित, जांच DSP को सौंपी गई

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सोनल अनडकट

कर्णावती: प्रसिद्ध यात्राधाम पावागढ़ के पर्वत पर जैन समाज के तीर्थंकर नेमिनाथ की 500 साल पुरानी मूर्तियां खंडित करने की घटना सामने आई है। ऐतिहासिक मूर्तियों का हाल देखकर जैन समाज मे आक्रोश फैल गया। मूर्तियां जब तक पुनः स्थापित नहीं होंगी तब तक जैन समाज ने विरोध करने का मन बना लिया है। इस बीच गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मूर्तियों को पुनः स्थापित करने का आश्वासन दिया है।

प्रसिद्ध यात्रा धाम पावागढ़ पर महाकाली मंदिर की सीढ़ियों के पास जैन समाज के तीर्थंकर नेमिनाथ की 500 साल पुरानी मूर्ति स्थापित थी। महाकाली मंदिर ट्रस्ट द्वारा यहां निर्माण कार्य हो रहा है। निर्माण कार्य के दौरान किसी ने नेमिनाथ जी की मूर्ति खंडित कर दी। इसके चलते जैन समाज में आक्रोश फैल गया। ऐतिहासिक मूर्तियां खंडित होने पर पावागढ़, बड़ौदा, सूरत, समेत तथी कई शहरों में जैन समाज के अग्रणियों ने आक्रोश के साथ कलेक्टर को आवेदन पत्र दिए हैं और मूर्तियों के पुनः स्थापन की मांग की है।

क्या है पूरा मामला

पावागढ़ पर्वत पर स्थित महाकाली माता मंदिर को विकसित किया जा रहा है। इसी विकास कार्य के चलते महाकाली माता के मंदिर तक जा रही सीढ़ियों के आसपास जैन तीर्थंकर की प्रतिमा खंडित ही गई। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं और इस सीढ़ियों के दोनों तरफ जैनों के तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान समेत सात मूर्तियां सैकड़ों वर्षों से प्रस्थापित हैं। जैन समाज के लोग रोज इन मूर्तियों की पूजा करने भी जाते हैं।

20 दिन पहले तोड़-फोड़ शुरू की गई

पावागढ़ के जैन समुदाय के अनुसार 20 दिन पहले महाकाली मंदिर की सीढ़ियों को तोड़ने का काम शुरू किया गया था। उस वक्त स्थानीय जैन समाज की तरफ से कलेक्टर और एएसआई को एक आवेदन पत्र देकर जैन समाज की आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक मूर्तियों के खंडित होने का डर जताया गया था। लेकिन फिर भी इस आवेदन पत्र को नजरअंदाज किया गया। इस पूरे मामले की जानकारी गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी को भी दी गई।

मूर्तियों को पुनः स्थापित किया जाएगा : हर्ष संघवी

इस पूरे मामले की जानकारी मिलने पर गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि “पावागढ़ एक ऐतिहासिक भूमि है। पावागढ़ के पहाड़ों पर कई जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां स्थापित की गई थीं। किसी भी ट्रस्ट, संगठन या व्यक्ति को ऐसी ऐतिहासिक धरोहर और धार्मिक स्थल को ध्वस्त करने का अधिकार नहीं है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने जैनों की आस्था को ठेस न पहुंचे यह सुनिश्चित किया है और इसीलिए इन मूर्तियों को उनके मूल स्थान पर पुनः स्थापित करने के आदेश दिए गए हैं। कुछ घंटों में, मूर्तियां पुनः स्थापित कर दी जाएंगी।”

घटना की जांच पावागढ़ DSP को दी गई

गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने एक्स पर ट्वीट करके जानकारी दी है कि जैनों की आस्था को ठेस पहुंचाने वाली इस घटना की जांच पावागढ़ DSP को सौप दी गई है। हर्ष संघवी ने खंडित मूर्तियों की पुनः स्थापन प्रक्रिया का एक वीडियो भी ट्वीट कर जानकारी दी कि मूर्तियों के पुनः स्थापन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है और देर शाम तक यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाने की आशा है।

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