भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने जब 2014 में हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की, तो उसके बाद साल दर साल योग का वैश्विक व्याप लगातार बढ़ता गया है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य अनेक मुस्लिम देश भी अपने यहां योग की कक्षाओं का विरोध न करके उन्हें बढ़ावा ही दे रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय संस्कृति में प्रचलित योग के पक्ष में दलील देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यही कहा कि योग तो सभी को एक सूत्र में पिरोता है। यह विचारधाराओं से परे, सबके स्वस्थ और मंगल होने की कामना करता है।
जून का महीना चल रहा है और सिर्फ तीन दिन बाद यह दिवय मनाया जाना है। भारत सहित पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर बड़े बड़े आयोजनों की तैयारियां चल रही हैं। आम जन से लेकर विशिष्टजन तक इसके प्रति उत्साहित हैं। दुनिया के अनेक देशों में योग संबंधी कार्यक्रम चल ही रहे हैं। इसी कड़ी में गत दिनों ब्रिटेन तथा श्रीलंका में योग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें असीम उत्साह देखने को मिला।
इस मौके पर ब्रिटेन में भारत के उच्चायोग द्वारा ट्राफलगर चौक पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उधर श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में राज्यपाल सेंथिल तोंडामन ने त्रिंकोमाली में बड़े स्तर पर आयोजित योग कार्यक्रम में भाग लिया। दोनों ही कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे और योग के प्रति अपना समर्पण व्यक्त किया।
ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने कार्यक्रम में भाग लिया और कहा कि राजधानी लंदन के ऐतिहासिक ट्राफलगर चौक पर योग के प्रति समर्पित 700 से ज्यादा लोगों की सहभागिता होना बहुत प्रसन्नता की बात है। ब्रिटेन में यह चौक बहुत प्रसिद्ध है इसलिए महत्वपूर्ण आयोजन स्थल माना जाता है। चौक में चारों तरफ लगीं ऐतिहासिक मूर्तियां इसकी भव्यता को बढ़ाती हैं। लंदन के इस कार्यक्रम में अनेक योगविदों के अतिरिक्त कई विद्यालयों के छात्र—छात्राएं भी सम्मिलित हुए।
श्रीलंका में त्रिंकोमाली के राज्यपाल तोंडामन की ओर से 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का आयोजन किया गया था। भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों के अलावा स्थानीय समाज के लोग भी बड़ी संख्या में योग का समर्थन करते हुए पहुंचे। एक आकलन के अनुसार, करीब पांच हजार लोग इस कार्यक्रम में सहभागी हुए।
इसी प्रकार ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने कार्यक्रम में भाग लिया और कहा कि राजधानी लंदन के ऐतिहासिक ट्राफलगर चौक पर योग के प्रति समर्पित 700 से ज्यादा लोगों की सहभागिता होना बहुत प्रसन्नता की बात है। ब्रिटेन में यह चौक बहुत प्रसिद्ध है इसलिए महत्वपूर्ण आयोजन स्थल माना जाता है। चौक में चारों तरफ लगीं ऐतिहासिक मूर्तियां इसकी भव्यता को बढ़ाती हैं। लंदन के इस कार्यक्रम में अनेक योगविदों के अतिरिक्त कई विद्यालयों के छात्र—छात्राएं भी सम्मिलित हुए।
दोरईस्वामी ने बताया कि इस कार्यक्रम में किसी एक समुदाय का नहीं, विभिन्न समुदायों का प्रतिभाग रहा। इससे प्रधानमंत्री मोदी का वह मंत्र साकार सिद्ध होता दिखा कि योग सबको एक सूत्र में पिरोकर आत्मीयता बढ़ाता है।
इस मौके पर ब्रिटेन के प्रतिष्ठित नागरिक श्री इंद्रपाल ओहरी ने बताया कि इस कार्यक्रम में ‘महिला सशक्तिकरण’ को केन्द्रीय विषय रखा गया। ओहरी ने भारतीयों, एशियाई के अलावा विश्व के हर स्थान के लोगों के लिए योग का महत्व रेखांकित किया। वैसे योग भारतीयों की सांस्कृतिक परंपरा में गहरे समाया है, लेकिन इससे अन्य देशों के साथ भारत के सांस्कृतिक संबंध भी प्रगाढ़ हुए हैं।
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