असम

VIP कल्चर का दि एंड! असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा का फैसला-मंत्री, विधायक खुद भरेंगे ‘बिजली बिल’

Published by
Kuldeep singh

अक्सर देखा जाता है कि आम आदमी के टैक्स भरता है, लेकिन नेताजी उसी से ऐशो आराम की जिंदगी जीते हैं। उन्हें कई तरह की छूट भी मिलती है। लेकिन इस असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने इस वीआईपी कल्चर पर पूर्ण विराम लगाने का फैसला किया है। सीएम सरमा ने कहा है कि अब से सभी मंत्रियों, विधायकों और सरकार के द्वारा दिए गए क्वार्टरों में रहने वाले सभी सरकारी कर्मियों को बिजली का बिल भरना होगा।

मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा है कि वो टैक्स पेयर के पैसों से सरकारी अधिकारियों के बिजली बिलों का भुगतान करने की वीआईपी कल्चर को खत्म कर देंगे। सीएम ने अपने नए आदेश में कहा है कि सभी को 1 जुलाई से अपने बिजली के बिलों को भरना होगा। उन्होंने कहा है कि वो बिजली बिल भरने वाले पहले व्यक्ति बनेंगे।

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वर्ष 2024 के जुलाई से सरकारी कर्मी जितनी भी बिजली का इस्तेमाल करेंगे, वे खुद ही उसका बिल भी भरेंगे। सीएम ने ये भी कहा है कि प्रदेश में बिजली बचाने के अभियान के तहत ये फैसला किया है। इस मुहिम के अंतर्गत प्रदेश के सभी कार्यालयों की लाइट रात 8 बजे के बाद ऑटोमैटिक तरीके से खुद ही बंद हो जाएगी। हालांकि, सीएम सचिवालय, गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को इस नियम से बाहर रखा गया है। खास बात ये है कि प्रदेश के 8000 सरकारी स्कूलों में ये नियम पहले से ही लागू है।

एक रुपए प्रति यूनिट की कमी का लक्ष्य

मुख्यमंत्री सरमा का कहना है कि उनकी सरकार प्रदेश के कम आय़ वर्ग के लोगों के लिए बिजली की दरों में एक रुपए प्रति यूनिट की कमी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जबकि अगले वर्ष अप्रैल तक इसमें 50 पैसे की कमी करने का टार्गेट रखा गया है।

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