‘गधों’ का देश बनता पाकिस्तान, उसी के भरोसे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था
May 18, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

‘गधों’ का देश बनता पाकिस्तान, उसी के भरोसे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था

महंगाई भी केवल खाद्य पदार्थों तक ही सीमित नहीं है बल्कि ऊर्जा की निरंतर बढ़ती कीमतों के चलते वहां के उद्योगपतियों के लिए कारोबार को चलाते रखना चुनौती बनता जा रहा है।

by योगेश कुमार गोयल
Jun 16, 2024, 11:07 am IST
in विश्लेषण
Pakistan economy based on donkeys

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आतंकियों के गढ़ पाकिस्तान की कंगाली और आर्थिक बदहाली की तस्वीरें लगातार पूरी दुनिया के सामने आती रही हैं। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ढहने के कगार पर है और वहां के हालात कभी भी श्रीलंका जैसे हो सकते हैं। इसी के मद्देनजर कुछ ही महीने पहले विश्व बैंक भी उसे सख्त चेतावनी दे चुका है। देश में रोटी के लिए लगती लोगों की लंबी-लंबी कतारों के जरिये पाकिस्तान की कंगाली पूरी दुनिया ने देखी हैं। आसमान छूती खाद्य पदार्थों की कीमतों ने वहां लाखों परिवारों के समक्ष दो समय पेट भरने का भी संकट खड़ा किया हुआ है। आटा, दाल, चीनी, चावल सहित खाने-पीने की आम चीजों की कीमतों में पाकिस्तान में बीते कुछ ही वर्षों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है, जिससे कम आमदनी वाले परिवारों के लिए परिवार का जीवनयापन बेहद मुश्किल हो गया है।

एक तरफ आम जनजीवन की जरूरत की वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर कई कंपनियों और फैक्टिरियों ने वहां बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी भी की है, जिससे बेरोजगारी भी भयावह रफ्तार से बढ़ रही है और हालात काफी पेचीदा हो रहे हैं। विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान की 40 प्रतिशत से भी ज्यादा आबादी इस समय गरीबी रेखा के नीचे रह रही है जबकि नीति बनाने से लेकर निर्णय लेने तक में देश के एलीट वर्ग की भागीदारी है, जिसके अपने सैन्य और राजनैतिक हित हैं। ऐसे में अब गधे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सहारा दे रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: मणिपुर के सीएम के बंगले के पास भीषण आग लगी, पहले हुआ था काफिले पर हमला

विश्व बैंक ने अपनी एक चेतावनी में स्पष्ट शब्दों में कहा था कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं, कर्ज देने वाले संस्थान और डेवलपमेंट पार्टनर पाकिस्तान को केवल सलाह दे सकते हैं, जिससे वह सफल हो सकता है, ज्यादा से ज्यादा वे कुछ वित्तीय मदद दे सकते हैं, लेकिन कड़े फैसले पाकिस्तान को स्वयं ही लेने होंगे, जो उसके भविष्य को सही दिशा में ले जाएं। पाकिस्तान को कुछ ही महीने पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से एक बड़ा राहत पैकेज भी मिला था, जो 1958 के बाद उसे मिला 23वां राहत पैकेज था। लेकिन, उसकी अर्थव्यवस्था इतनी खस्ताहाल हो चुकी है कि राहत पैकेज के बावजूद वहां के हालात संभलते नहीं दिख रहे।

महंगाई भी केवल खाद्य पदार्थों तक ही सीमित नहीं है बल्कि ऊर्जा की निरंतर बढ़ती कीमतों के चलते वहां के उद्योगपतियों के लिए कारोबार को चलाते रखना चुनौती बनता जा रहा है। आतंक के सरगना पाकिस्तान की हालत इतनी खस्ताहाल हो चुकी है कि वहां का स्टेट बैंक करेंसी नोट भी सही ढ़ंग से नहीं छाप पा रहा है। पिछले दिनों यह खबर दुनियाभर में सुर्खियां बनी थी कि पाकिस्तान ने ऐसे नोट रिलीज कर दिए, जो आधे ही यानी एक ही तरफ छपे हुए थे और हैरानी की बात यह रही कि लोगों को देने के लिए ये नोट बैंकों तक पहुंचा भी दिए गए।

विश्व बैंक के मुताबिक पाकिस्तान के समक्ष इस समय कई आर्थिक चुनौतियां हैं, जिनमें महंगी होती बिजली, खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई, पर्यावरण से जुड़ी समस्याएं इत्यादि प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा देश के विकास को सहारा देने के लिए उसके पास पर्याप्त मात्रा में सार्वजनिक संसाधन और माली ताकत नहीं है, दूसरी ओर जलवायु के स्तर पर भी वह बेहद संवेदनशील स्थिति में है। पाकिस्तान का मानव संसाधन विकास दक्षिण एशिया में सबसे पीछे रह गया है, जो अफ्रीका के सब-सहारा देशों के नागरिकों से भी बदतर हालत में है।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब द्वारा हाल ही में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में ही बताया गया कि पाकिस्तान वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 3.5 प्रतिशत विकास दर के लक्ष्य से चूक गया और उसने निर्धारित 3.5 फीसद विकास दर के लक्ष्य के मुकाबले केवल 2.38 फीसद जीडीपी वृद्धि ही दर्ज की तथा राजकोषीय घाटा 3.7 प्रतिशत दर्ज किया गया। चर्चा है कि पाकिस्तान आईएमएफ से एक और बड़े राहत पैकेज के लिए बातचीत कर रहा है और यह कर्ज 8 अरब डॉलर तक का हो सकता है। बेलआउट पैकेज हासिल करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए 3.6 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य रखा है।

पाकिस्तान को गधों का सहारा

कंगाल और बदहाल ‘आतंकिस्तान’ (पाकिस्तान) की अर्थव्यवस्था अब इतनी बदहाल और दयनीय हो चुकी है कि उसे अब अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए यदि किसी का सहारा है तो वो हैं ‘गधे’। गधों ने ही अब पाकिस्तान को खुश होने का एक अवसर प्रदान किया है। दरअसल, पाकिस्तान अब ‘गधों का देश’ बनता जा रहा है और इन गधों के जरिये ही उसे हालात में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। गंभीर आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को गति देने का काम ये गधे ही कर रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान भले ही आर्थिक विकास लक्ष्य से बहुत पीछे रह गया है और खाद्यान्न उत्पादन में भी लगातार पिछड़ रहा है, वहीं पिछले 4-5 वर्षों में वहां गधों की आबादी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

हाल ही में पाकिस्तान में हुए 2023-24 के आर्थिक सर्वे में यह बात उभरकर सामने आई कि पाकिस्तान में गंधों की संख्या में एक वर्ष के भीतर ही 1.74 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और वहां गधों की संख्या तेजी से बढ़कर 59 लाख तक पहुंच गई है। पाकिस्तान के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वहां 2019-2020 में गधों की संख्या 55 लाख थी, जो 2020-21 में 56 लाख, 2021-22 में 57 लाख, 2022-23 में 58 लाख थी और अब पिछले एक साल में ही एक लाख बढ़ी है। पिछले पांच वर्षों में ही पाकिस्तान में गधों की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है। हालांकि, पाकिस्तान में घोड़ों और खच्चरों की संख्या में पिछले पांच वर्षों में कोई बदलाव नहीं आया है और यह क्रमशः चार लाख और दो लाख बरकरार है।

दुनियाभर में करीब 4 करोड़ गधे होने का अनुमान है और विश्वभर में गधों की करीब 97 नस्लें हैं। इनमें केवल पाकिस्तान में गधों की आबादी करीब 60 लाख है। गधों की संख्या के लिहाज से इथियोपिया दुनिया में पहले नंबर पर और चीन दूसरे स्थान पर है पाकिस्तान में गधों की दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी है। पाकिस्तान के लिए गधों का बढ़ना इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए अन्य लगभग सभी क्षेत्रों में फिसड्डी पाकिस्तान के लिए गधे ही अब उसके लिए विदेशी मुद्रा कमाने का बड़ा जरिया बने हैं। पिछले ही साल पाकिस्तान सरकार ने कहा भी था कि वह अब गधों की बिक्री से फॉरेन रिजर्व हासिल करेगी। पाकिस्तान की कैबिनेट ने गधों की खाल सहित मवेशियों और डेयरी उत्पादों के चीन निर्यात को मंजूरी भी प्रदान की थी।

पाकिस्तान सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था में मदद करने के लिए बड़ी संख्या में गधों का निर्यात करने के उद्देश्य से अपने पंजाब प्रांत के ओकारा जिले में तीन हजार एकड़ से भी अधिक का एक फार्म स्थापित किया था। अपनी तरह के पहले सरकारी स्वामित्व वाले इस फार्म का उपयोग चीन और अन्य देशों में निर्यात बढ़ाने के लिए अमेरिकी सहित अच्छी नस्ल के गधों को पालने के लिए किया जाता है। हालांकि, चीन में गधों की संख्या 90 लाख से भी ज्यादा है लेकिन, मांग ज्यादा होने के कारण वह पाकिस्तान से भी गधों का आयात करता है। चीन पाकिस्तान से हर साल बड़ी संख्या में गधे खरीदता है। हालांकि, चीन पहले अपने गधों का स्टॉक पश्चिमी अफ्रीकी देशों नाइजर और बुर्किना फासो से आयात किया करता था, लेकिन उन दोनों देशों द्वारा गधों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद चीन ने गधों के आयात के लिए पाकिस्तान से सम्पर्क किया था।

दरअसल चीन में गधों की बहुत भारी मांग है। गधे का मांस चीन का सबसे लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार ‘डॉन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान से हर साल पांच से सात लाख गधे चीन को बेचे जाते हैं, जो बदहाल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को गति देने का काम करते हैं। चीन में इन गधों का इस्तेमाल मीट और शक्तिवर्धक औषधियों के निर्माण से लेकर पहाड़ी इलाकों में सामान ढ़ोने इत्यादि कार्यों के लिए भी किया जाता है। ‘गार्जियन’ अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक गधों की खाल में जिलेटिन प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और चीन में शक्तिवर्धक दवाईयों में इस जिलेटिन प्रोटीन का बहुत इस्तेमाल होता है। माना जाता है कि जिलेटिन में प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने वाले गुण होते हैं। इसी जिलेटिन प्रोटीन के लिए गधों को काटा जाता है और फिर उनकी खाल को उबाला जाता है।

चीन में गधों के खुरों का भी इस्तेमाल किया जाता है। एक गधे की कीमत 15 से 20 हजार रुपये तक होती है और चीन के अलावा दुनियाभर में कई अन्य देशों को भी पाकिस्तान अपने गधों का निर्यात करता है और इस प्रकार गधों के जरिये ही उसे काफी विदेशी मुद्रा हासिल हो रही है, लेकिन फिर भी उसकी अर्थव्यवस्था बहुत बदहाल है। बहरहाल, बताया जाता है कि चीन को गधों का निर्यात करने से पाकिस्तान के स्थानीय लोगों की कमाई में 40 प्रतिशत तक का उछाल आया है। दूसरों देशों को निर्यात के अलावा पाकिस्तान में गधे खेती तथा दूसरे कार्यों में भी इस्तेमाल किए जाते हैं। गधों को बहुत सारे पाकिस्तानियों की तो आखिरी उम्मीद माना जाता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए। गधे पाकिस्तान के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन का बड़ा हिस्सा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल खेती-किसानी के अलावा सामान ढ़ोने और यातायात के साधन के रूप में भी किया जाता है।

                 (लेखक 34 वर्षों से पत्रकारिता में निरंतर सक्रिय वरिष्ठ पत्रकार हैं)

Topics: गधेवर्ल्ड न्यूजपाकिस्तान गधेPakistan donkeysdonkeysपाकिस्तानdonkeys became the backbone of Pakistan's economyPakistanworld Newsआतंकवादपाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाterrorism
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Amit Shah operation Sindoor Pakistan

पाकिस्तान को 100 KM अंदर तक घुसकर मारा, सेना ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया, Operation Sindoor पर बोले अमित शाह

Shashi Tharoor shows mirror to Congress

केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान की सच्चाई दुनिया के सामने लाने के लिए चुने गए शशि थरूर, कहा- हर जिम्मेदारी निभाऊंगा

पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों पर जुल्म ढाया जाता है। (फोटो- प्रतीकात्मक, क्रेडिट - ग्रोक एआई )

पाकिस्तान: इस्लामिक मुल्क में ही 51 साल से अहमदिया मुस्लिमों पर जुल्म, अब हद पार

NAG Mk2

नाग MK-2: भारत की स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल जो दुश्मनों के लिए बनेगी काल

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

शहबाज शरीफ का कबूलनामा: नूरखान एयरबेस भारत ने किया ध्वस्त, ढाई बजे आया जनरल मुनीर का फोन

भारत के विदेश मंत्री जयशंकर की अफगानी विदेश मंत्री मुत्तकी से सीधी बात कई मायनों में अहम है

पहलगाम जिहादी हमले के विरुद्ध बयान देने वाले तालिबान नेता मुत्तकी से भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर की खास बात

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Harman singh Kapoor beaten by Pakistanis

ब्रिटेन में कौन हैं हरमन सिंह कपूर और क्यों किया गया था उन्हें गिरफ्तार?

Illegal Bangladeshi caught in Uttarakhand

देहरादून और हरिद्वार में बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए, सत्यापन अभियान तेज

Center cuts Mao Fund in Kerala

केरल के माओवादी फंड में केंद्र सरकार ने की कटौती, जानें क्यों?

dr muhammad yunus

चीन के इशारे पर नाच रहे बांग्लादेश को तगड़ा झटका, भारत ने कपड़ों समेत कई सामानों पर लगाया प्रतिबंध

EOS-09

ISRO ने EOS-09 सैटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च किया, आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों में निभाएगा अहम भूमिका

इंदौर में लव जिहाद का मामला सामने आया है

मध्य प्रदेश: एक और लव जिहाद का मामला, इंदौर में हिंदू लड़कियों को फंसाकर मुस्लिम युवकों ने किया दुष्कर्म

Yogi Aaditynath

सालार मसूद गाजी की दरगाह पर नहीं लगेगा ‘गाजी मियां’ का मेला, योगी सरकार के फैसले पर लगी मुहर

Amit Shah operation Sindoor Pakistan

पाकिस्तान को 100 KM अंदर तक घुसकर मारा, सेना ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया, Operation Sindoor पर बोले अमित शाह

Indian army

Operation Sindoor: सरकार ने रक्षा बलों के लिए हथियार खरीद के लिए आपातकालीन खरीद शक्तियों को दी मंजूरी

Jyoti Malhotra Pakistan Spy

पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में यूट्यूबर गिरफ्तार, जानिए कौन है ज्योति मल्होत्रा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies