पाकिस्तान में लगातार हिन्दुओं पर हमले किए जा रहे हैं। इनमें भी सबसे अधिक खतरे में हैं हिन्दू लड़कियां, जिनके साथ इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा अपहरण, रेप, इस्लामिक कन्वर्जन और जबरन निकाह की खबरें आए दिन अखबारों की सुर्खियां बनी रहती हैं। इस तरह के एक मामले को लेकर ब्रिटेन और अमेरिका स्थित सिंधी समुदाय के कार्यकर्ताओं ने लंदन में विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने तीन वर्ष पहले पाकिस्तान के सिंध प्रान्त से अपहरण की गई नाबालिग हिन्दू लड़की प्रिया कुमारी को ढूंढकर उसे सुरक्षित वापस लाने की मांग की।
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रिपोर्ट के मुताबिक, इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन अमेरिका के वाशिंगटन स्थित सिंधी फाउंडेशन और स्थानीय (लंदन) सिंधी समूहों ने किया था। प्रदर्शन 10 डाउनिंग स्ट्रीट से शुरू होकर लोन्डेस स्क्वेयर स्थित पाकिस्तान के उच्चायोग पर जाकर समाप्त हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ब्रिटिश अधिकारियों से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय ने मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए स्वीकार भी किया। इसके साथ ही सिंधी समुदाय के इस प्रयास की सराहना भी की।
पाकिस्तानी उच्चायोग ने नहीं लिया ज्ञापन
इस बीच सिंधी समुदाय के लोगों ने ये आरोप लगाए हैं कि उन्होंने यही ज्ञापन लंदन स्थित पाकिस्तान के उच्चायोग को भी देने की कोशिश की, लेकिन उसे पाकिस्तानी अधिकारियों ने लेने से इनकार कर दिया। सिंधी फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस मार्च का उद्येश्य प्रिया कुमारी के बारे में जनजागृति फैलाना है और पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र में युवा हिन्दू लड़कियों और महिलाओं के जबरन इस्लामिक कन्वर्जन का विरोध करना था।
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पाकिस्तानी सेना सिंध की लड़कियों पर कर रही अत्याचार
सिंधी फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक सूफी मुनव्वर लाघारी ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सेना ने सिंध प्रान्त के सभी तरह के संसाधनों पर जबरन कब्जा कर लिया है। उसका इतने पर से भी मन नहीं भरा तो वह अब सिंध की बेटियों को टार्गेट कर रही है। प्रान्त की हिन्दू लड़कियों का अपहरण करने के बाद उनका जबरन इस्लामिक कन्वर्जन करवाया जा रहा है। सिंधी कार्यकर्ताओं ने ब्रिटेन इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
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