देहरादून: उत्तराखंड में बिनसर रिजर्व क्षेत्र में लगी जंगल की आग बुझाने गए चार वन कर्मियों की मौत पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कारवाई करते हुए तीन आईएफएस अधिकारियों पर कारवाई की है। सीएम ने इस घटना में बुरी तरह घायल चार अन्य कर्मियों को एयर लिफ्ट करके दिल्ली एम्स में भर्ती करवाया है।
वन अग्नि प्रकरण में वन विभाग एक और बड़ी लापरवाही संज्ञान में आई है। जानकारी के मुताबिक सीएम पुष्कर धामी ने करीब एक माह पहले फायर वाचर्स का बीमा कराए जाने के निर्देश वन विभाग को दिए थे, इस मामले में वन विभाग को बजट की भी व्यवस्था करके दे दी गई थी। बावजूद इसके उनका बीमा नहीं कराया गया।
उल्लेखनीय है हर साल फायर सीजन में आग सीजन से पहले संविदा पर फायर वाचर्स रखे जाते हैं जो कि जान जोखिम में डाल कर जंगल की आग बुझाने के काम करते हैं। इस साल भी चार हजार फायर वाचर्स रखे गए हैं। ऐसा जानकारी में आया है कि जब सीएम धामी ने मृतक फॉरेस्ट कर्मियों के मुआवजे के विषय में जानकारी ली तब ये भेद खुला कि बीमा तो इनका हुआ ही नहीं।
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IFS अधिकारियों पर गिरी गाज
सीएम धामी ने इस मामले में वन विभाग के उच्च अधिकारियों का जवाब तलब किया है, साथ ही बिनसर की घटना में सख्त एक्शन लेते हुए डीएफओ वन प्रभाग अल्मोड़ा ध्रुव मार्तोलिया, सीएफ नॉर्थ कोको रोसे को निलंबित कर दिया।
जबकि सीसीएफ पीके पात्रों को देहरादून मुख्यालय अटैच करने के आदेश जारी कर दिए।
बताया गया है कि बिनसर अभयारण्य में चीड़ के जंगल में लगी आग की सूचना पर फॉरेस्ट कर्मियों का दल वहां गया था और एक स्थान ऐसा आया कि उनके वाहन के आगे पीछे तेज हवा के साथ आग के गुब्बार दिखाई देने लगे, वन कर्मियों ने वाहन में बैठ कर तेजी से आग के बीच से निकलने का प्रयास किया इसी दौरान आग ने वाहन को अपने आगोश में ले लिया इसी घबराहट में जो चार वन कर्मी वाहन छोड़ कर भागे वो आग की लपटों में घिर गए।
जो गाड़ियों के अंदर बैठे रह गए वो सरकते वाहन के साथ आग की परिधि से बाहर तो निकल गए, लेकिन आग के प्रकोप से बुरी तरह से झुलस गए। बाद में पहुंचे बचाव दल ने उन्हे अस्पताल पहुंचाया जहां से उन्हें हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज फिर वहां से दिल्ली पहुंचाया गया। अल्मोड़ा जिले में इस साल आग की घटनाओ ने नौ लोगों की जान ले ली है।
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