कठुआ, (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के सईदा सोहल इलाके में चल रही मुठभेड़ में बुधवार को एक और आतंकी मारा गया। अब इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों की संख्या दो हो गई है। इस दौरान सीआरपीएफ का एक जवान भी बलिदान हुआ है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सुरक्षा बलों ने जारी मुठभेड़ में एक और आतंकी को मार गिराया है। यह अभियान मंगलवार देर शाम आतंकियों की गांव में गोलीबारी करने के बाद शुरू हुआ था। मुठभेड़ की शुरुआत में ही एक आतंकी मारा गया था। सीआरपीएफ जवान कबीर दास उईके गोली लगने से घायल हो गए थे, उन्होंने मंगलवार सुबह आखिरी सांस ली। इलाके में तलाशी अभियान जारी है, क्योंकि सुरक्षा बलों को एक और आतंकी के नागरिक इलाके में छिपा होने की आशंका है।
सीआरपीएफ जवान कबीर का पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार
जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सीआरपीएफ जवान कबीर दास उईके बलिदान हो गए। मंगलवार रात 8 बजे कठुआ जिले के हीरानगर स्थित सैदा सुखल गांव में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें गोली लगने से वे घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बुधवार सुबह उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को उनके पैतृक गांव में होगा। उनके निधन की खबर से गांव में शोक की लहर है।
बलिदानी कबीर दास (35) मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की बिछुआ तहसील के ग्राम पुलपुलडोह के रहने वाले थे। वे 2011 में बतौर कॉन्स्टेबल सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनकी चार साल पहले शादी हुई थी। परिवार में उनकी मां इंदरवति उईके, पत्नी ममता उईके और छोटा भाई है। उनकी दो बहनों की शादी हो चुकी है। पिता का निधन हो चुका है।
बलिदानी कबीर की मां इंदरवति उईके ने बताया कि आठ दिन पहले ही 20 दिन की छुट्टी के बाद वे ड्यूटी पर लौटे थे। उनकी पोस्टिंग भोपाल में होने वाली थी लेकिन इससे पहले ही उनके निधन की खबर आ गई। कबीर चार भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उनसे छोटे भाई खेती करते हैं। उनकी अभी शादी नहीं हुई है। मुख्य तौर पर कबीर के वेतन पर पूरा परिवार आश्रित था।
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