पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का हाल कितना बुरा है यह किसी से भी छुपा नहीं है। हिन्दू हो या ईसाई दोनों ही अल्पसंख्यक समुदाय पाकिस्तान में अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जूझ रहे हैं। इनका अस्तित्व खतरे में है इस्लामिक कट्टरपंथियों के कारण। ताजा मामले पाकिस्तान के फैसलाबाद से है, जहां कट्टरपंथी इरफान मसीह ने लाइबा नाम की 10 वर्षीय ईसाई लड़की का अपहरण कर उसके साथ रेप किया और फिर जबरन उससे इस्लाम कबूलवाया। इसके बाद आरोपी ने उसके साथ निकाह कर लिया।
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क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना पाकिस्तान के फैसलाबाद की है। ये वारदात 11 फरवरी 2024 की है, जब नाबालिग ईसाई लड़की लाइबा मसीह का इस्लामिक कट्टरपंथी इरफान मसीह ने अपहरण कर लिया। लाइबा पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया। पीड़िता का अपहरण करने के बाद आरोपी ने पीड़िता के साथ रेप किया, इस्लामिक कन्वर्जन के बाद उससे निकाह कर लिया। पीड़िता के माता-पिता को इसकी भनक लगी तो उन्होंने इसको लेकर फैसलाबाद स्थित रोशनवाला पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और बच्ची को फैसलाबाद के महिला आश्रय गृह (दार उल अमन) में डाल दिया गया। जबकि, पीड़िता आश्रय गृह में नहीं जाना चाहता था।
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फेक मैरिज सर्टिफिकेट बनवाया
पता चला है कि आरोपी ने पीड़िता से निकाह करने के बाद उसका फेक बर्थ सर्टिफिकेट और मैरिज सर्टिफिकेट भी बनवा लिया था। इसमें आरोपी ने पीड़िता की उम्र को बढ़ाकर 17 वर्ष करवा दिया। जबकि बच्ची की असली उम्र मात्र 10 साल और 7 माह की है। उसका जन्म 15 अक्तूबर 2013 को हुआ था। हालांकि, अभी भी मामले की जांच कर रहे पुलिस बाबर संधू का कहना है कि लाइबा के लिए अपने घर वापस लौट पाना बेहद मुश्किल है, क्योंकि उसने इस्लाम अपना लिया है।
इस घटना को लेकर पाकिस्तान के पंजाब कमीशन ऑन द स्टेटस ऑफ़ वूमेन (PCSW) की पूर्व सदस्य शाज़िया जॉर्ज का कहना है कि नागरिक समाज समूहों और राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को बाल विवाह और जबरन विवाह की प्रथा से निपटना चाहिए।
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