डर बढ़ा, वोट घटा
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

डर बढ़ा, वोट घटा

42 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें मिली थीं। वहीं कांग्रेस पार्टी केवल दो सीटों पर सिमट कर रह गई थी। जबकि 2014 में दो सीटें जीतने वाली भाजपा ने यहां पर 18 सीटें जीती थीं।

by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Jun 12, 2024, 03:47 pm IST
in विश्लेषण, पश्चिम बंगाल
भाजपा समर्थकों के साथ इस तरह की जाती है मारपीट।

भाजपा समर्थकों के साथ इस तरह की जाती है मारपीट।

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

प. बंगाल में भाजपा का प्रदर्शन पहले की तुलना में गिरा है। लोकसभा चुनावों में 2019 के मुकाबले इस बार भाजपा की छह सीटें कम हो गई। 2019 के चुनाव में 42 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें मिली थीं। वहीं कांग्रेस पार्टी केवल दो सीटों पर सिमट कर रह गई थी। जबकि 2014 में दो सीटें जीतने वाली भाजपा ने यहां पर 18 सीटें जीती थीं।

प. बंगाल में मुसलमानों की आबादी लगभग 35 प्रतिशत है। बंगाल में हुए कुल मतदान में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कहीं अधिक रही। मतदान करने में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही। पुरुषों का 82.24 मतदान प्रतिशत रहा, वही, 82.35 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया। जानकार मानते हैं कि प. बंगाल में सहित कई राज्यों में कट्टरता के आधार पर गोलबंदी भाजपा विरोधी मतों को एकजुट करने वाला प्रमुख कारण है।

प. बंगाल में लगातार बढ़ रही मुस्लिम आबादी ने एकमुश्त होकर तृणमूल कांग्रेस को वोट दिया। ममता बनर्जी ने अपनी सभी चुनावी सभाओं में लगातार यह बयान दिया कि वह किसी भी सूरत में प. बंगाल में सीएए और एनआरसी लागू नहीं होने देंगी। मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली ममता बनर्जी ने मुसलमानों को लुभाने वाले सभी दावे अपने चुनावी भाषणों में किए।

प. बंगाल पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार भी है। अगर यहां पर स्थितियां ऐसी ही रही तो पूर्वोत्तर दूर होने लगेगा। प. बंगाल की कुल मुस्लिम आबादी में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी से आए घुसपैठियों की है। बंगाली मुसलमानों की घुसपैठ के चलते यहां की जनसांख्यिकी स्थितियां बिल्कुल बदल चुकी हैं। कई जिले मुस्लिम बहुल हो चुके हैं। मुसलमान यहां पर करीब 17 सीटों पर निर्णायक स्थिति में हैं। इसका लाभ तृणमूल को मिला। एक और बड़ा कारण प. बंगाल में भाजपा को कम सीटें मिलने का कारण रहा वह था ‘डर’। जब भी प. बंगाल में राजनीति की बात होती है तो पहले वहां की सियासी हिंसा की चर्चा होती है। प. बंगाल में हिंसा का नाता चुनाव से नहीं राजनीति से हो गया है।

आजादी के बाद से बंगाल ने कई राजनीतिक दलों के नेतृत्व वाली सरकारें देखी हैं। जिनमें दो दशकों से अधिक समय तक शासन करने वाली कांग्रेस और तीन दशकों से अधिक समय तक शासन करने वाली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा शामिल हैं। वर्तमान में पश्चिमी बंगाल में ममता बनर्जी की अगुआई वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार है। ममता के राज में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, हिंसक झड़पों की संस्कृति पिछले कुछ वर्षों में ही बहुत ज्यादा पनपी है। हर चुनाव में यहां हिंसा होती है। प. बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनावों और उसके बाद हुए राज्य में हुए विधानसभा चुनावों के हिंदुओं और भाजपा कार्यकतार्ओं के साथ जमकर हिंसा की गई थी। कितने ही भाजपा कार्यकतार्ओं की हत्या कर दी गई थी। तृणमूल के गुंडों के खौफ के चलते भी भाजपा समर्थक कम संख्या में मतदान के लिए निकले।

इसके अलावा इंडी गठबंधन में शामिल होने के बाद भी ममता बनर्जी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव नहीं लड़ा। इसका फायदा ममता को तो मिला लेकिन कांग्रेस को नहीं। कांग्रेस और ममता दोनों का मतदाता एक ही है। ममता की सरकार होने के चलते मुस्लिम मतदाताओं ने तृणमूल को वोट किया लेकिन कांग्रेस को यहां पर बस ही एक ही सीट मिली। कांग्रेस भी तृणमूल के वोट बैंक में सेंध नहीं लगा सकी। राज्य से मतदाताओं को डराने, उनके पहचान पत्र छीनने और मतदान को प्रभावित करने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में रहे। भाजपा ने राज्य में अच्छा जनाधार बनाया है किन्तु पिछले लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा और पंचायत चुनाव में उत्तरोत्तर बढ़ती हिंसा और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं ने राज्य में निडर मतदान और निर्बाध निर्वाचन को लेकर प्रश्न चिह्न खड़े कर दिए हैं।

Topics: Bengali Muslimsinfiltrators from Bangladeshdent in Trinamool's vote bankमुस्लिम बहुलपाञ्चजन्य विशेषMuslim majorityबंगाली मुसलमानबांग्लादेशी से आए घुसपैठिएतृणमूल के वोट बैंक में सेंध
Share26TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies