दिल्ली में लोकसभा चुनाव में आआपा और कांग्रेस ने मिलकर भाजपा को हराने की रणनीति तैयार की थी। दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा आम आदमी पार्टी ने 4 और कांग्रेस ने 3 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, लेकिन इस गठबंधन की सारी रणनीति धरी रह गई।
भाजपा ने ने सातों सीटों पर शानदार जीत दर्ज की। वहीं चुनाव परिणाम आने के तत्काल बाद हार से हताश आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन तोड़ दिया और आगामी दिल्ली विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ने फैसला किया है।
दिल्ली में भाजपा का वोट शेयर अब भी 50 प्रतिशत से ज्यादा है। गठबंधन में चुनाव लड़ने के बाद बावजूद भी आआपा और कांग्रेस भाजपा के वोट शेयर को नहीं छू सके। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को कुल 54.35 प्रतिशत वोट मिले। दिल्ली में आम आदमी पार्टी 4 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी और चारों खाने चित हो गई। फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के अनुसार दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों में 52 पर भाजपा आगे रही है। 2015 में 67 और 2020 में 62 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी के लिए ये बिलकुल भी अच्छे संकेत नहीं हैं। दिल्ली में लगातार तीसरी बार सभी 7 लोकसभा सीटें जीत लेने के बाद भाजपा के हौसले बुलंद हैं।
केजरीवाल को किया अनसुना
अंतरिक जमानत पर बाहर आने के बाद पूरे चुनाव प्रचार में अरविंद केजरीवाल दिल्ली वालों से कहते रहे कि अगर वे लोग इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को वोट देकर जिता देंगे तो उनके फिर से जेल जाने की नौबत नहीं आएगी, यहां तक कि उन्होंने अपनी पत्नी को भी चुनाव प्रचार में उतारा, लेकिन दिल्ली वालों ने अरविंद केजरीवाल की बातें अनसुनी कर दी। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए भी रोड शो किए थे। पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ चुनाव प्रचार में भी वे बार—बार लोगों ने भावुक अपील कर रहे थे लेकिन उनकी अपील कोई सहानुभूति लोगों के बीच पैदा नहीं कर पाई। बता दें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन खड़ा करने के बाद राजनीति में आए अरविंद केजरीवाल दिल्ली की आबकारी नीति के तहत हुए शराब घोटाले में जेल में हैं। इस मामले में उनसे पहले जेल गए राज्यसभा सांसद संजय सिंह फिलहाल जमानत पर बाहर हैं, वहीं उनके दो साथी मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन अब भी जेल में हैं दोनों पर ही भ्रष्टाचार करने का आरोप है।
मालीवाल प्रकरण में भी केजरीवाल रहे चुप
आआपा की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ केजरीवाल के पीए विभव द्वारा मारपीट किए जाने का मामला सामने आने के बाद पूरी पार्टी रक्षात्मक मुद्रा में आ गई। आआपा के बड़े नेता इस मसले पर जगह जगह सफाई देते दिखे, लेकिन केजरीवाल ने इस मामले में चुप्पी साधे रखी। वहीं इसके उलट भाजपा ने इसे महिला सुरक्षा का मुद्दा बना लिया। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आआपा ने जेल का जवाब वोट से कैंपेन चलाया। सलाखों के पीछे केजरीवाल को दिखाकर पार्टी को भरोसा था कि उसके पक्ष में सहानुभूति की लहर चलेगी और दिल्ली में आआपा कामयाब रहेगी लेकिन हर दिन उठ रहे नए विवादों के बीच यह अभियान भी कारगर नहीं हो सका। ऐसे में आप एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी।
पहली बार किया था गठबंधन
वोटों का बिखराव रोकने के लिए आआपा ने पहली बार कांग्रेस से सीटों का समझौता किया। उम्मीद थी कि एकमुश्त भाजपा विरोधी मत मिलने से दोनों का फायदा होगा लेकिन गठबंधन को न तो जनता ने स्वीकार किया और न ही कई पार्टी नेताओं ने। दोनों दलों के जमीनी कार्यकर्ता और कई बड़े नेता भी इस गठबंधन को लेकर सहज नहीं थे। यहां तक कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने विरोध स्वरूप इस्तीफा दे दिया और अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। दिल्ली कांग्रेस शुरुआत से ही गठबंधन के पक्ष में नहीं थी इसके बावजूद न सिर्फ गठबंधन हुआ बल्कि भारी विरोध के बाद कन्हैया कुमार को उत्तर पूर्वी दिल्ली और उदित राज को उत्तर पश्चिमी दिल्ली से टिकट दिया गया। चांदनी चौक से पूर्व सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया था ये तीनों प्रत्याशी बड़े अंतर से चुनाव हार गए हैं।
लोकसभा चुनाव परिणामों के अनुसार दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण खंडेलवाल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल को 89,325 मतों से हरा दिया उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा के उम्मीदवार मनोज तिवारी ने कांग्रेस के कन्हैया कुमार को 1,38,778 मतों के अंतर से हरा दिया भारतीय जनता पार्टी के हर्ष मल्होत्रा ने आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को 93,663 मतों के अंतर से हराकर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट जीत ली। भाजपा की बांसुरी स्वराज ने आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती को 78,370 मतों के अंतर से हराकर नई दिल्ली लोकसभा सीट जीत ली भाजपा उम्मीदवार योगेंद्र चंदोलिया ने उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट पर अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उदित राज को 2,90,000 लाख मतों से हराया भाजपा नेता कमलजीत सहरावत ने आम आदमी पार्टी के महाबल मिश्रा को 1,99,013 मतों के अंतर से हराकर पश्चिम दिल्ली सीट पर जीत हासिल की भाजपा नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आम आदमी पार्टी के सही राम पहलवान को 1,24,333 मतों के अंतर से हराकर दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट पर जीत हासिल ली।
दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि जिस दिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन हुआ उसी दिन ये तय हो गया था कि हम दिल्ली में सातों सीटें जीत रहे हैं, दिल्ली की जनता ने इस बात को स्वीकार किया है कि केजरीवाल भ्रष्ट हैं। दिल्ली की जनता ने जेल का जवाब वोट की चोट से दिया है उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि जो पंजाब में एक दूसरे का गला काटने को तैयार हैं, वह दिल्ली में गले मिल रहे हैं।
असल में पंजाब में आआपा पंजाब में कांग्रेस का विरोध करने के चलते वहां पर सत्ता में आई थी। जैसे ही दिल्ली में कांग्रेस और आआपा का गठबंधन हुआ आआपा के सभी बड़े नेताओं ने चुप्पी साध ली। भगवंत मान को छोड़कर आआपा का कोई नेता वहां कांग्रेस पर नहीं बोल रहा था। यह सर्वविदित है कि पंजाब में फिलहाल आआपा के बाद सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ही है। शिरोमणि अकाली दल और भाजपा पंजाब में तीसरे और चौथे नंबर पर हैं बावजूद अरविंद केजरीवाल पंजाब में भाजपा को ही निशाने पर लेते रहे। यही हाल राजीव गांधी और प्रियंका आदि का भी था ये लोग भी पंजाब में गए पर उनके निशाने पर केवल भाजपा ही रही। एक समय दिल्ली को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनावों में भाजपा ने दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन कर विपक्षी पार्टियों को धूल चटाई है 2014 और 2019 के चुनाव में दिल्ली में भाजपा ने एकतरफा जीत दर्ज की थी।
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