कर्णावती: किसान को उसकी जमीन ऋण मुक्त होने का प्रमाण पत्र देने के बदले में रिश्वत मांगने वाले दस्क्रोइ तालुका पंचायत के कर्मचारी वसीम अकरम पटेल को एसीबी ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया है। वसीम अकरम के बारे में पता चला है कि वह अहमदाबाद में लाल दरवाजा भद्र विस्तार में स्थित दस्क्रोइ तालुका पंचायत में कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी कर रहा है। उसे ACB ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया है।
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क्या है पूरा मामला
नवापुरा के रहने वाले किसान को अपनी जमीन ऋण मुक्त होने का सर्टिफिकेट चाहिए था, जिसके लिए वह पंचायत कार्यालय गए थे। तालुका पंचायत ऑफिस में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारी वसीम अकरम पटेल ने ऋण मुक्त प्रमाणपत्र देने से पहले ₹20,000 की रिश्वत की मांग की। जिसके चलते किसान ने पहले ₹10,000 की रिश्वत दी। लेकिन, किसान वास्तव में रिश्वत देना नहीं चाहता था इसलिए उसने ACB को जानकारी दी।
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ACB ने रंगे हाथों पकड़ा
ACB को जानकारी मिलने पर अधिकारी पहले से ही तालुका पंचायत ऑफिस में आम नागरिक बनकर पहुंच गए। जब किसान ने वसीम अकरम पटेल को रिश्वत के बाकी के ₹8,000 दिए तब ACB ने रिश्वत लेते वसीम को रंगे हाथ पकड़ लिया।
क्या है ऋण मुक्त प्रमाणपत्र
सरकार किसानों को पहले ₹200, 500 और 1000 कि लोन देती थी। यह तमाम ऋण सरकार ने साल 2000 में माफ कर दिया। लेकिन, जब किसानों को अपनी जमीन बेचनी या कोई जमीन खरीदनी हो तब TDO के पास से उसकी जमीन ऋण मुक्त होने का प्रमाणपत्र लेना पड़ता है। जिसके लिये किसान को शपथ पत्र भी देना पड़ता है। जिसके आधार पर किसान को TDO की तरफ से प्रमाण पत्र और माफी पत्र मिलते हैं।
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