रणनीति से बनी विजय-नीति
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

रणनीति से बनी विजय-नीति

मध्य प्रदेश में भाजपा ने इंडी गठबंधन का विभाजनकारी एजेंडा जनता तक पहुंचने नहीं दिया। इसलिए कांग्रेस का अंतिम गढ़ ढह गया। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी ने जिन 10 सीटों पर जनसभाएं कीं, उन सभी पर भाजपा विजयी रही

by रमेश शर्मा
Jun 11, 2024, 06:51 am IST
in विश्लेषण, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश
विजय के बाद एक दूसरे को शुभकामनाएं देतं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और शिवराज सिंह चौहान

विजय के बाद एक दूसरे को शुभकामनाएं देतं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और शिवराज सिंह चौहान

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, दोनों राज्यों की कुल 40 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 39 पर जीतकर रिकॉर्ड बनाया है। मध्य प्रदेश में सभी 29 सीटें जीत कर भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया, जबकि छत्तीसगढ़ की 11 में से 10 सीटें हासिल कर कांग्रेस को एक सीट पर समेट दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम, काम व साख तथा संगठन की कुशल रणनीति और कार्यकर्ताओं की जमीनी सक्रियता भाजपा की इस सफलता का आधार बनी।

2018 के विधानसभा चुनाव में दोनों राज्य भाजपा के हाथ से निकल गए थे, लेकिन कुछ माह बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा मध्य प्रदेश की 29 में से 28 और छत्तीसगढ़ में 11 में से 9 सीटों पर विजय प्राप्त करने में सफल रही। तब कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में एकमात्र सीट छिदवाड़ा और छत्तीसगढ़ में कांकेर और बस्तर में जीत दर्ज की थी। इस बार भाजपा इन दोनों राज्यों की सभी सीटें जीतने के संकल्प के साथ मैदान में थी और इसकी तैयारी विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के साथ ही शुरू कर दी थी। दोनों राज्यों में सीटों के साथ भाजपा के मत प्रतिशत में भी वृद्धि हुई है।

भाजपा की रणनीति 

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की इस प्रचंड जीत के चार कारण हैं। पहला, भाजपा की राष्ट्रीय रणनीति, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की साख, उनकी नीतियां ओर संकल्पना को पूरे देश के सामने रख कर भाजपा ने चुनाव लड़ा। दूसरा, भाजपा प्रदेश संगठन ने विपक्ष के भ्रामक प्रचार से मतदाताओं को सावधान रखा। इंडी गठबंधन ने संविधान पर संकट, आरक्षण समाप्त करने जैसे भ्रामक मुद्दे मध्य प्रदेश में भी उठाए थे और महिलाओं के खाते में हर वर्ष ‘खटाखट’ एक लाख रुपये देने की घोषणा भी की थी।

साथ ही, आरक्षण की बात उठाकर समाज में जातिगत विभेद पैदा करने की कोशिश की थी, लेकिन इन पर तत्काल पलटवार करने के लिए भाजपा संगठन ने एक टीम तैयार रखी थी, जिसने कांग्रेस के आरोपों का उत्तर दिया। इस कारण मतदाताओं में भ्रम की स्थिति नहीं बनी। तीसरा, भाजपा के कार्यकर्ता सीधे मतदाताओं से जुड़े रहे। चौथा, कांग्रेस से दल-बदल को गंभीरता से लिया। भाजपा की एक टीम कांग्रेस छोड़ने वालों को ससम्मान भाजपा की सदस्यता दिलाने में जुटी रही। इससे कांग्रेस में असमंजस पैदा हुआ, जिसका लाभ भाजपा ने उठाया। यह भाजपा की कुशल रणनीति और कार्यकर्ता की सक्रियता का ही परिणाम है कि पार्टी के सामान्य कार्यकर्ताओं के आगे कांग्रेस के दिग्गज नेता भी पस्त हो गए।

वोट का कीर्तिमान

भाजपा को मध्य प्रदेश में 2019 लोकसभा चुनाव में 58.5 प्रतिशत वोट मिले थे, जो इस बार एक प्रतिशत बढ़कर 59.5 प्रतिशत हो गया है। वहीं, कांग्रेस को 2019 की तुलना में 2.6 प्रतिशत कम वोट मिले हैं। कांग्रेस को पिछली बार 34.8 प्रतिशत वोट मिले थे, जो इस बार घटकर 32.19 प्रतिशत हो गया। इसी तरह, इंदौर से भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने देश में सर्वाधिक मतों से जीतने का कीर्तिमान बनाया है। लालवानी को 12,26,751 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा प्रत्याशी को 5,16,59 वोट ही मिले। इस प्रकार, लालवानी ने 11,75,092 वोट से जीतकर कीर्तिमान बनाया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सीट पर 2,18,674 मतदाताओं की पसंद नोटा रहा। यह भी कीर्तिमान है।

देश में सबसे बड़े अंतर से जीतने का कीर्तिमान बनाने वालों में विदिशा से शिवराज सिंह चौहान भी हैं। शिवराज को 11,16,460 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के भानु प्रताप शर्मा को 2,95,52 वोट मिले। शिवराज ने 8,21,408 वोटों के अंतर से यह सीट जीत हासिल की, जो पूरे देश में तीसरा सर्वाधिक अंतर है। तीन केंद्रीय मंत्रियों ने भी भारी अंतर से विजय प्राप्त की है।

इनमें गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 5,40,929, टीकमगढ़ से वीरेंद्र कुमार खटीक ने 4,03,312 वोटों से और मंडला सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते 1,03,846 वोटों से जीते। वीरेंद्र कुमार की यह आठवीं जीत है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने खजुराहो से 5.41 लाख वोटों से जीत हासिल की। यह सीट कांग्रेस ने सपा के लिए छोड़ी थी, लेकिन तकनीकी कारणों से उसके प्रत्याशी का नामांकन पत्र रद्द हो गया था। इस चुनाव की एक विशेषता यह भी रही कि भाजपा के पांच उम्मीदवार भारी बहुमत से जीते, जो कुछ महीने पहले विधानसभा चुनाव हार गए थे। इनमें भोपाल से आलोक शर्मा, सतना से गणेश सिंह, मंडला से फग्गन सिंह कुलस्ते, छिंदवाड़ा से विवेक बंटी साहू और ग्वालियर से भरत सिंह कुशवाहा हैं।

कांग्रेस के दिग्गज धराशायी

2014 से चली मोदी लहर का ही परिणाम है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सीटों और वोट प्रतिशत, दोनों में गिरावट आ रही है। 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने 54.8 प्रतिशत वोट हासिल कर 29 में से 27 सीटें जीती थीं और कांग्रेस 35.8 प्रतिशत वोट के साथ दो सीट पर सिमट गई थी। 2019 में भाजपा ने 58.5 प्रतिशत वोट लेकर 29 में 28 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस 35.4 प्रतिशत वोट के साथ एक सीट छिदवाड़ा पर सिमट गई थी। अब 2024 में कांग्रेस का वोट घट कर 32.19 प्रतिशत हो गया है।

इस बार कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया हारने वाले दिग्गज नेताओं में शामिल हैं। राजगढ़ संसदीय क्षेत्र से दिग्विजय सिंह को भाजपा के साधारण कार्यकर्ता रोडमल नागर ने 1 लाख 86 हजार, झाबुआ में अनिता नागर सिंह ने कांतिलाल भूरिया को दो लाख 7 हजार और छिंदवाड़ा सीट पर नकुल नाथ को भाजपा के बंटी साहू ने लगभग एक लाख तेरह हजार वोटों से हराया। छिदवाड़ा कांग्रेस की सर्वाधिक सुरक्षित सीट मानी जाती थी, जो 1977 की जनता लहर में उसे मिली थी और तब से यह उसके पास थी। इस सीट पर भाजपा को केवल एक बार उपचुनाव में सफलता मिली थी, लेकिन इस बार कांग्रेस का यह किला भी ढह गया।

छत्तीसगढ़ में ऐसे मिली जीत

छत्तीसगढ़ में मतदाता खामोश रहे, लेकिन मतदान प्रतिशत ने सबको चकित कर दिया। राज्य में पहली बार सर्वाधिक 72.8 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पिछली बार की तुलना में 1.31 प्रतिशत अधिक है। इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने जिन 10 लोकसभा क्षेत्रों में रैलियां की थीं और सभी सीटों पर भाजपा ने विजय हासिल की है। जांजगीर लोकसभा क्षेत्र की सभी आठ विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने कुछ माह पहले जीत दर्ज की थी। लेकिन इस सीट पर प्रधानमंत्री मोदी की सभा का ऐसा जादू चला कि यहां भाजपा को जीत मिली। मात्र कोरबा में ही प्रधानमंत्री मोदी की सभा नहीं हो सकी, जहां भाजपा हार गई।

दूसरी ओर, राहुल गांधी ने बस्तर और बिलासपुर में सभाएं कीं, लेकिन कांग्रेस दोनों जगह हार गई। इसके अलावा, प्रियंका गांधी वाड्रा ने राज्य में तीन, मल्लिकार्जुन खरगे ने एक और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 40 सभाएं कीं, लेकिन मतदाताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। भूपेश बघेल, जो राजनांदगांव से चुनाव मैदान में थे, अपनी सीट भी नहीं बचा सके। मध्य प्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ में भी भाजपा ने अधिकांश सीटों पर नए प्रत्याशी उतारे थे। इनमें बस्तर से महेश कश्यप, महासमंद से रूपकुमारी चौधरी और सरगुजा में कांग्रेस से आए चिंतामणि महाराज शामिल थे। पार्टी ने राधेश्याम राठिया को राजपरिवार की मेनका सिंह के खिलाफ और जांजगीर से कमलेश जांगड़े को उतारा था।

Topics: प्रधानमंत्री मोदी की साखसमाज में जातिगत विभेदवोट का कीर्तिमानविदिशा से शिवराज सिंह चौहानPrime Minister Modi's credibilitycaste discrimination in societyvote recordShivraj Singh Chauhan from Vidishaभाजपा की रणनीतिBJP's strategyपाञ्चजन्य विशेष
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

धर्मशाला में परम पावन दलाई लामा से आशीर्वाद लेते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री किरन रिजीजू

चीन मनमाने तरीके से तय करना चाहता है तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा का उत्तराधिकारी

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

London crime rises

लंदन में बढ़ता अपराध: चोरी, चाकूबाजी और आप्रवासियों का प्रभाव, देश छोड़ रहे लोग

Uttarakhand illegal Majars

देहरादून: देवभूमि में वक्फ संपत्तियों और अवैध मजारों का खेल, धामी सरकार की सख्त कार्रवाई

मुरादाबाद: मदरसे के मौलाना पर नाबालिग छात्रा लगाया दुष्कर्म का आरोप, जांच जारी

Chasingya Khadu Maa Nandadevi

चमोली: माँ नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 के लिए शुभ संकेत, कोटी गांव में जन्मा चौसिंग्या खाडू

Currution free Uttrakhand

मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून में ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ अभियान को दी मजबूती, दिलाई शपथ

soaked chana benefits

रोज सुबह भीगे हुए चने खाने के ये हैं 8 फायदे

Mauala Chhangur ISI

Maulana Chhangur: हिंदू महिलाओं का निकाह ISI एजेंट्स से करवाकर स्लीपर सेल बनाने की साजिश

terrorist attack in congo

इस्लामिक आतंकवादी समूह ADF का कांगो में कहर: वाल्से वोनकुतु में 66 की गला काटकर हत्या

धर्मशाला में परम पावन दलाई लामा से आशीर्वाद लेते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री किरन रिजीजू

चीन मनमाने तरीके से तय करना चाहता है तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा का उत्तराधिकारी

EC to start SIR

Voter Verification: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: पूरे देश में लागू होगा SIR

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies