खैबर पख्तूनख्वा के पत्रकार का दावा है कि टीटीपी के जिहादी हर उस आदमी की जान लेने पर उतारू हैं जो पाकिस्तान सरकार का समर्थक होगा। जो खुद को ‘गुड तालिबान’ बताकर सरकार के सामने हथियार डालकर दिखाएगा उसे मार डाला जाएगा। दिलचस्प बात है कि पाकिस्तान सरकार के लाख अपील करने के बावजूद अफगान तालिबान टीटीपी और अल कायदा को रणनीतिक समर्थन देना जारी रखे है।
ताजा खबर है कि जिन्ना के कंगाल इस्लामी देश की नाक में दम करके रखने वाले आतंकवादी गुट टीटीपी ने उस देश के कई हिस्सों में अपना राज चला रखा है। उन्हें न पाकिस्तान की फौज रोक पा रही है, न कोई राजनीतिक सत्ता। ये आतंकी गुट पाकिस्तान के कई सीमांत क्षेत्रों पर कब्जा जमाते जा रहे हैं। वहां उनकी समानांतर सरकार के अलावा अपनी टैक्स वसूली व्यवस्था भी चल रही है। यह दावा उस इलाके के एक वरिष्ठ पत्रकार ने किया है।
यह भी पता चला है कि पाकिस्तान की अफगानिस्तान से सटी सरहद को छूते उत्तरी वजीरिस्तान इलाके में जिहादी टीटीपी ने पिछले दिनों लगभग 3000 जिहादी और तैनात कर दिए हैं यानी वहां एक प्रकार से तालिबान की परोक्ष हुकूमत चल रही है, भले इलाके पाकिस्तान के हों। उस जिहादी गुट को पाकिस्तानी फौज से इतनी नफरत है कि उसके समर्थकों का पता लगाकर उन्हें ठिकाने लगाया जा रहा है।
इस्लामी आतंकी गुट टीटीपी या तहरीके तालिबान पाकिस्तान अफगानिस्तान सीमा पर अपना दबदबा बढ़ाता जा रहा है और पाकिस्तान सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद तालिबान उसे काबू करने से पल्ला झाड़ता रहा है। टीटीपी की पाकिस्तानी इलाकों पर परोक्ष तौर पर समानांतर सरकार चलाने की खबर इस्लामाबाद की नींद हराम किए हुए है।
पाकिस्तान के उस वरिष्ठ पत्रकार का दावा है कि टीटीपी ऐसे तत्वों को चुन—चुनकर ठिकाने लगा रहा है जो पाकिस्तान की सरकार के लिए ‘गुड तालिबान’ बने हुए हैं। अभी तीन दिन पहले ही, टीटीपी के इस्लामी लड़ाकों ने उत्तरी वजीरिस्तान के एक इलाके में पाकिस्तान सरकार के तीन कथित समर्थक तालिबानियों को धराशायी किया है। टीटीपी ने आतंक फैलाने के लिए ऐसा वीडियो भी जारी किया जिसमें उस गुट के जिहादियों को खैबर पख्तूनख्वाह में करक जिले से गुजरने वाली गाड़ियों की छानबीन करते देखा जा सकता है।
यह चौंकाने वाली जानकारी खैबर पख्तूनख्वा इलाके से मशाल रेडियो के रिपोर्टर दाउद खट्टक ने साझा की है। उसने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि गत अप्रैल—मई माह में टीटीपी ने ट्राइबल इलाके में सौ से ज्यादा जिहादी भेजे हैं। इस गुट में अफगान तालिबान की अच्छी खासी तादाद है। अभी तक करीब 3000 जिहादी इस इलाके में भेजे जा चुके हैं।
दाउद खट्टक कहता है कि इस इलाके में टीटीपी के हमलों में आई तेजी के पीछे वजह यही है कि गोमल-पक्तिका रोड के जरिए टीटीपी के बहुत सारे जिहादी वजीरिस्तान और आस-पास के इलाकों में स्थित ट्राइबल क्षेत्रों में दाखिल हुए हैं। इतना ही नहीं, डेरा इस्माइल खान, द्राबन, कोलाची क्षेत्रों में टीटीपी के जिहादियों ने गेहूं की फसल लगाने वाले किसानों से टैक्स वसूलना शुरू कर दिया है। हो सकता है, आगे इस चलन में और बढ़ोतरी हो जाए।
खैबर पख्तूनख्वा के इस पत्रकार का दावा है कि टीटीपी के जिहादी हर उस आदमी की जान लेने पर उतारू हैं जो पाकिस्तान सरकार का समर्थक होगा। जो खुद को ‘गुड तालिबान’ बताकर सरकार के सामने हथियार डालकर दिखाएगा उसे मार डाला जाएगा। दिलचस्प बात है कि पाकिस्तान सरकार के लाख अपील करने के बावजूद अफगान तालिबान टीटीपी और अल कायदा को रणनीतिक समर्थन देना जारी रखे है।
हैरानी की बात है कि पाकिस्तान द्वारा पिछले दिनों टीटीपी का सामना करने के लिए तैनात किए गए एसएसजी बल को कोई खास सफलता नहीं मिल रही है। टीटीपी के जिहादी ट्रेनिंग लिए हुए लगते हैं, जिनके पास एक से एक आधुनिक हथियार हैं।
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