गत 2 जून को राजगढ़ और इटारसी में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिक्षा वर्गों और बनखेड़ी में आयोजित घोष वर्ग का समापन हुआ। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने 20 दिन में प्राप्त प्रशिक्षण का प्रदर्शन किया। राजगढ़ के जीरापुर में वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए प्रांत संघचालक अशोक पांडेय ने कहा कि देश में राष्ट्रभक्ति एवं चरित्र की स्थापना के लिए संघ की स्थापना हुई है।
मुख्य अतिथि भागवत भूषण संत प्रेमनारायण जी ने कहा कि भारत का भविष्य युवाओं के हाथों में है। युवा ही इस देश के भविष्य निर्माता हैं। इसलिए युवाओं में परिवार का भाव नितांत आवश्यक है। विगत 15 दिन से चल रहे इस वर्ग में 332 शिक्षार्थियों ने भाग लिया। समापन समारोह में शिक्षार्थियों ने शारीरिक, योग, व्यायाम, दंड युद्ध, नियुद्ध, पदविन्यास आदि का प्रदर्शन किया।
इटारसी में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य डॉ. दिनेश जैन ने कहा कि हिंदू होने के नाते भारत की आधारभूत परिवार व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने समता, संचलन, दंड संचालन, दंडयुद्ध, नियुद्ध, पदविन्यास एवं गीत का प्रदर्शन किया गया।
इस वर्ग में 316 स्वयंसेवक शामिल हुए। बनखेड़ी के सरस्वती विद्यालय में आयोजित मध्यभारत प्रांत के 15 दिवसीय घोष वर्ग का समापन भी 2 जून को हुआ। इस अवसर पर प्रांत के सह संघचालक राजेश सेठी ने कहा कि घोष आरंभ से ही संघ का भाग रहा है। प्रारंभ में घोष की कुछ रचनाएं अंग्रेजी घोष से ली गई थीं परंतु वर्तमान में संघ घोष की सभी रचनाएं पूर्ण स्वदेशी हैं। संघ घोष आज इतना सक्षम हो चुका है कि भारतीय सेना भी इसकी 5-6 रचनाओं का वादन अपने घोष में करती है। यह बड़े ही गौरव का विषय है।
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