चुनावों के दौरान ईवीएम को गाली देना विपक्षी दलों की परंपरा सी बन गई है। जिस किसी भी चुनाव में हर विपक्ष को हार नसीब होती है तो वो सबसे पहले ईवीएम को कोसता है। लेकिन अगर उसे जीत मिल जाए तो फिर ईवीएम पवित्र हो जाती है। विपक्ष के इसी रवैये पर देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अब अगले चुनाव तक ईवीएम को आराम करने दीजिए। फिर वह बाहर आएगी और गाली खाएगी।
सीईसी का कहना है कि ‘ईवीएम का जन्म ही ऐसे मुहूर्त में हुआ है कि इसे गालियां खानी पड़ती हैं, बावजूद इसके वह बहुत ही भरोसेमंद चीज है।’ पिछले 20-22 चुनावों से EVM अच्छा रिजल्ट दिखाती रही है। वह तटस्थ होकर अपना काम करती रही। कई जगह सरकारें भी बदलीं। चुनाव से ये स्पष्ट है कि ये भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में आस्था रखने वाले आम आदमी की इच्छा की जीत हुई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त कहते हैं कि हमने लोकसभा चुनाव से पहले ही चुनावी प्रक्रिया को हिंसा मुक्त संपन्न कराने की प्रतिबद्धता जताई थी। हमने इसके लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश भी की।
हम पूरी तरह से स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराकर हमेशा इसे बनाए रखने के लिए नैतिक और कानूनी रूप से बाध्य हैं।
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विपक्ष कोसता रहा है ईवीएम को
गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनाव हो या 2019 लोकसभा चुनाव सभी में बुरी हार के बाद विपक्ष ने ईवीएम को कोसा। विपक्ष लगातार ईवीएम पर सवाल उठाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात करता रहा है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भी विपक्ष ने ईवीएम को घेरा था।
ये एक परंपरा सी हो गई है कि अगर कोई पार्टी जीतती है तो ईवीएम निष्पक्ष हो जाती है, लेकिन अगर वही पार्टी हार जाए तो ईवीएम में गड़बड़ी की बात करती है। हालांकि, इस बार के लोकसभा चुनावों में कम से कम ईवीएम की इज्जत लुटने से बच गई।
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