अलगाववादी और खालिस्तान समर्थकों का सांसद चुना जाना, लोकतंत्र की जय या राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा? उठ रहे कई प्रश्न
July 23, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

अलगाववादी और खालिस्तान समर्थकों का सांसद चुना जाना, लोकतंत्र की जय या राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा? उठ रहे कई प्रश्न

लोकतंत्र की जीत का दावा तो ठीक, परंतु राष्ट्रीय सुरक्षा, नागरिकों की सुरक्षा या साथी नेताओं की सुरक्षा का क्या? क्या वे उन संवेदनशील दस्तावेजों का दुरुपयोग तो नहीं करेंगे, जिनपर उनकी पहुंच एक सांसद होने के नाते होगी?

by सोनाली मिश्रा
Jun 5, 2024, 06:22 pm IST
in भारत, विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

2024 के लोकसभा चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं और अप्रत्याशित परिणाम भी आ चुके हैं। परंतु उनमें से भी जो कुछ अप्रत्याशित परिणाम आए हैं, वे हैं कश्मीर के बारामूला से इंजीनियर रशीद शेख, पंजाब से फरीदकोट से सरबजीत सिंह खालसा एवं खडूर साहिब से अमृतपाल सिंह की जीत। इन तीनों की विचारधारा भारत विरोधी है। ये तीनों ही निर्दलीय जीते हैं और अब वे भारत की संसद में बात रखेंगे।

पहले बात बारामूला की। शेक्सपियर ने कहा था कि “नाम में क्या रखा है?” मगर कश्मीर का वराहमूल, या बाद में वरमूल जब बारामूला हो जाता है तो वहां की जनता किसी अब्दुल रशीद शेख को अपना नेता चुन कर भारत की संसद मे भेजने का फैसला करती है। अब्दुल रशीद कोई साधारण व्यक्ति नहीं है, अब्दुल रशीद जेल में बंद है और वह किसी साधारण अपराध के लिए नहीं, बल्कि आतंकी गतिविधियों के कारण जेल में बंद है। उसे वर्ष 2019 में एनआईए ने यूएपीए के अंतर्गत गिरफ्तार किया था। उसने और किसी को नहीं बल्कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला को हराया है। रशीद दो बार विधायक रह चुका है। और अब टेरर फन्डिंग के आरोपों में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उसके जेल में रहने के कारण उसके बेटों ने चुनावी कमान संभाली थी और जनता से संपर्क किया था। रशीद की जीत सरकार के लिए इस बात को लेकर बहुत बड़ी चुनौती है कि वह कैसे क्षेत्र में अलगाव वाली मानसिकता से निपटेगी।

सरबजीत सिंह खालसा

फरीदकोट पंजाब से भी विजयी सरबजीत सिंह खालसा की सोच भारत के प्रति घातक है। वह और कोई नहीं बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कातिल बेअंत सिंह का बेटा है। उसने भी निर्दलीय जीत हासिल की है और उसे कुल 23.38 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं। खालसा परिवार अपने खालिस्तानी विचारों के लिए कुख्यात है।  गौर करने वाली बात यह है कि सरबजीत सिंह ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार करमजीत सिंह अनमोल को हराया है और यह वही आम आदमी पार्टी है, जिस पर खालिस्तानियों को खुलेआम समर्थन देने का आरोप बार-बार लगता है। ऐसे में क्या यह समझा जाए कि अब खालिस्तान के समर्थक किसी और को समर्थन न देकर अपने खुद के प्रत्याशी उतारने आरंभ कर दिए हैं? सरबजीत की जीत भी देश की एकता और अखंडता के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है।

अमृतपाल सिंह

वर्तमान में डिब्रूगढ़ की जेल में बंद अमृतपाल सिंह एनएसए अर्थात राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है। उसने जेल से ही चुनाव लड़ा और 38.62 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। अमृतपाल ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख है, जिसका उद्देश्य खालिस्तान की स्थापना करना है। उसका नाम अचानक से तब सुर्खियों में आया था, जब उसने अपने साथी को छुड़ाने के लिए थाने पर हमला बोल दिया था और हिंसा की थी। अमृतपाल का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से खालिस्तान की मांग कर रहा है। मगर उसने खालिस्तान की मांग पर अपने साथी को नहीं छुड़ाया था। उस पर और उसके साथी लवप्रीत पर यह आरोप एक व्यक्ति बरिंदर सिंह ने लगाया था कि उसे अमृतपाल के साथियों ने अगवा किया था और उसकी पिटाई की थी। इस पर उसने अजनाला में थाना घेर लिया था और जमकर हिंसा की थी।

इंजीनियर रशीद से लेकर अमृतपाल सिंह तक, जहां इन्हें चुने जाने की घटना भारत में सभी को स्वतंत्रता की बात को मजबूत करती है तो वहीं एक बहुत ही आधारभूत प्रश्न भी उठाती है कि क्या अलगावादी सोच रखने वालों को लोकतान्त्रिक प्रक्रियाओं का हिस्सा बनना चाहिए? क्या ऐसे लोग लोकतान्त्रिक प्रक्रिया से चुनकर आकर फिर से उन्हीं गतिविधियों में तो लिप्त नहीं हो जाएंगे?

क्या वे उन संवेदनशील दस्तावेजों का दुरुपयोग तो नहीं करेंगे, जिनपर उनकी पहुंच एक सांसद होने के नाते होगी? उन्हें संसद और राष्ट्रपति भवन सहित अन्य गोपनीय स्थानों तक पहुंच उपलब्ध होगी, तो ऐसे में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि क्या कनाडा में बैठे खालिस्तानियों और पाकिस्तान में आईएसआई तक ये संवेदनशील सूचनाएं नहीं पहुंचेगी? लोकतंत्र की जीत का दावा तो ठीक, परंतु राष्ट्रीय सुरक्षा, नागरिकों की सुरक्षा या साथी नेताओं की सुरक्षा का क्या? ये विजय कहीं भारत की अस्मिता के लिए ही तो खतरा नहीं हैं? इन जीतों से कई प्रश्न उठ खड़े हुए हैं।

Topics: jailed candidate abdul rashid sheikhlok sabha election result 2024 indiawho won lok sabha election 2024NDA latest news#kashmirINDIA bloc latest newsrahul gandhi newsअब्दुल राशिदnitish kumarAmritpal and Abdul Rashidअमृतपाल सिंहAbdul RashidAmritpalअमृतपाल ने पंजाब की खडूरLok Sabha Election 2024कश्मीर के बारामूला अब्दुल रशीदKhalistan Supporter Amritpal Singh
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नशेड़ी हुआ अलगाववादी अमृतपाल! : पंजाब में नशे से छुड़ाने के नाम पर फैलाया कट्टरपंथी जहर

राहुल गांधी

‘स्वतंत्रता की कुछ सीमाएं होती हैं’ : हाईकोर्ट से राहुल गांधी को कड़ी फटकार, भारतीय सेना का किया था अपमान

Malyshia Supporting India on Operation

पाकिस्तान के ‘महजबी कार्ड’ को मलेशिया ने नकारा, भारतीय प्रतिनिधिमंडल को कार्यक्रम करने की इजाजत

राहुल गांधी

सेना पर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

Turkey Pakistan union against india

Operation Sindoor: तुर्की-पाकिस्तान गठजोड़ और भारत विरोधी साजिश का पर्दाफाश

ईरान के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्‍ला खामेनेई के साथ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की मुलाकात थोथी रही और कश्मीर को लेकर तेहरान का कोई उलटा बयान नहीं आया

बड़े बेआबरू होकर शाहबाज Iran से निकले, खामेनेई ने दिखाया ठेंगा, Chabahar के रास्ते भारत की सफल कूटनीति का कमाल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

कार्तिकेय महादेव मंदिर में पूजा-पाठ करते श्रद्धालु

46 साल बाद खुले कार्तिकेय महादेव मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजा संभल

अमेरिका-चीन के बीच दोस्ती.? : ट्रंप ने दिए चाइना दौरे के संकेत, कहा- ‘चीन जाना अब दूर की बात नहीं’

…ये मेरे लिए उचित नहीं : CJI गवई ने जस्टिस वर्मा मामले से खुद को किया अलग, जानिए अब आगे क्या होगा..?

डिप्लोमैटिक कारें, विदेशी प्रोटोकॉल, भर-भर कर पैसा : गाजियाबाद में ‘फर्जी राजदूत’ के अवैध दूतावास का खुलासा

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्र चरणप्रीत सिंह पर नस्लीय हमला, हमलावरों ने बेरहमी से पीटा

पाकिस्तान सरकार बलूच विद्रोहियों के बढ़ते प्रभाव को नकार नहीं पा रही है  (File Photo)

Balochistan के खौफ में घिरे जिन्ना के देश की सरकार का नया हुक्म, ‘रात के वक्त बलूचों के इलाके में न जाएं’

मोहम्मद यूनुस ने आखिर ऐसा क्या किया जो लोग कह रहे हैं- भीख मांग रहा बांग्लादेश

Sawan Shivratri 2025

Sawan 2025: सावन शिवरात्रि आज, जानें पूजा विधि और भोलेनाथ को प्रसन्न करने के उपाय

MiG-21: पाक पर 500 KG बम गिराने वाला लड़ाकू विमान विदाई की ओर…. इसकी 15 खासियतें

ITR Filing Last date

ITR Filing Last Date: क्या है ITR फाइल करने की आखिरी तारीख? जानिए लेट फाइलिंग पर कितना लगेगा जुर्माना

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies