कर्णावती । गुजरात समेत देशभर में NDA को बढ़त के साथ जीत मिली है, वही दूसरी ओर महत्तम बढतवाली देश की कुल बैठको में से 13 से ज्यादा बैठके प्रधानमंत्री के होम स्टेट गुजरात की है। गुजरात की यह महत्तम वाली बैठके भाजपा के ओवरऑल प्रदर्शन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल सबसे ज्यादा 7.73 लाख की लीड से जितने का अपना ही रेकॉर्ड इस बार भी बरकरार रखे है। अमित शाह को 7.44 लाख की लीड मिली है, ऐसे में गुजरात की सभी बैठको पर इस बार का राजनीतिक समीकरण भी रसप्रद रहा है।
नरेन्द्र मोदी के होम स्टेट गुजरात मे लोकसभा चुनाव से पहले ही सूरत की एक बैठक भाजपा के खाते में आ गई थी। सूरत में कांग्रेस के उम्मीदवार टेक्निकल कारणों से अपना फॉर्म नही भर पाए ओर भाजपा के मुकेश दलाल निर्विरोध विजेता घोषित किये गये। इस प्रकार मोदी जी के होम स्टेट ने सर्वप्रथम कमल चुनाव से पहले ही जीत लिया। जिसके चलते गुजरात मे 26 में से 25 बैठको पर ही चुनाव हुए। परिणाम की बात करे तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल नवसारी बैठक पर से 7.73 लाख की लीड से जीते है। इस बार उन्होंने अपना खुद का ही रिकॉर्ड तोड़ा है। 2019 लोकसभा चुनाव में पाटिल 6.89 लाख की लीड से जीते थे। इस बार पाटिल लगातार चौथी बार रिकॉर्ड मार्जिन से जीते है।
दूसरे क्रम पर गांधीनगर बैठक से अमित शाह 7,44,716 की लीड से जीते। भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस बैठक पर से उम्मीदवार होने के कारण पूरे देश की नजर गांधीनगर बैठक पर टिकी हुई थी। गांधीनगर की इस हाईप्रोफाइल बैठक पर भाजपा के उम्मीदवार की लगातार आठवीं बार रिकॉर्ड ब्रेक जीत हुई है। जिसके चलते भाजपा की यह परंपरागत बैठक और ज्यादा मजबूत हुई है।
तीसरे क्रम पर बड़ौदा के डॉक्टर हेमांग जोशी 5,82,116 लीड से जीते है। 1991 के चुनाव में इस बैठक पर भाजपा का खाता खुला था। फिर 1996 में कांग्रेस के सत्यजीत गायकवाड़ सिर्फ 17 वोट से विजेता हुए थे। लेकिन उसके बाद के तमाम लोकसभा चुनावों में भाजपा ने ही बाजी मारी है।
पंचमहाल के राजपालसिंह जाधव 5,09,342 की लीड से जीते है। इस बैठक पर भाजपा ने युवा उम्मीदवार को मौका दिया था। इस बैठक पर ओबीसी के वोट निर्णायक साबित हुए और राजपाल सिंह जंगी लीड से विजेता हुए।
राजकोट में पुरुषोत्तम रुपाला 4,84,260 की लीड से जीते। समग्र गुजरात में भाजपा के खिलाफ क्षत्रियों के आंदोलन का एपीसेन्टर माने जाने वाले राजकोट ने जंगी लीड से भाजपा के उम्मीदवार को जीत दिलाई। इस बैठक पर क्षत्रियों ने पुरुषोत्तम रुपाला को बदलने की मांग की थी लेकिन क्षत्रियों का विरोध काम नहीं आया।
अहमदाबाद पूर्व में हसमुख पटेल 4,61,755 की लीड से और अहमदाबाद पश्चिम में दिनेश मकवाणा 2,86,437 की लीड से जीते। दोनों बैठको पर भाजपा लगातार चौथी बार विजेता हुआ है।
भावनगर में नीमूबेन बाम्भनिया 4,55,289 की लीड से जीती। इतनी लीड से किसी उम्मीदवार का विजेता होना यह भावनगर के राजनीतिक इतिहास में एक नया रिकॉर्ड है। भावनगर में इंडि गठबंधन के तहत आप के उम्मीदवार मैदान में थे जिनकी हार हुई।
छोटा उदेपुर में जशु राठवा 3,98,777 की लीड से जीते। इस बैठक पर लगातार चौथी बार कांग्रेस की हार हुई है।
केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया पोरबंदर से 3,83,360 की लीड से विजेता हुए। पोरबंदर उप चुनाव में भी रिकॉर्ड 1,16,808 की लीड अर्जुन मोढवाडिया को मिली।
केन्द्रीय मंत्री देवूसिंह चौहान को खेड़ा से 3,57,758 की लीड मिली। स्थानीय स्तर पर लगातार जनता के बीच कार्यरत रहने का उन्हें फायदा मिला। इस बैठक पर भी क्षत्रिय आंदोलन का असर नही दिखा। दाहोद से जशवंतसिंह भाभोर 3,36,677 की लीड से और महेसाणा में हरी पटेल 3,28,046 की लीड से विजयी घोषित हुए।
अमरेली की बैठक शुरू से काटे की टक्कर वाली मानी जा रही थी। फिर भी इस बैठक पर से भरत सुतरिया 3,21,068 की लीड ले गये। अन्य पांच बैठको पर 2.25 लाख से ज्यादा और दो बैठको पर 1.25 लाख से ज्यादा लीड से विजय हुआ है।
केन्द्र में सत्ता के लिए वलसाड बैठक महत्वपूर्ण
दक्षिण गुजरात की वलसाड बैठक के लिए माना जाता है कि इस बैठक पर जिस पार्टी का उम्मीदवार विजेता होता है उसे पार्टी की केंद्र में सरकार बनती है। इस बार वलसाड में भाजपा के धवल पटेल 2 लाख से ज्यादा लीड से विजेता हुए हैं। जिसके चलते केंद्र में भाजपा (NDA) की सरकार बनेगी ऐसा माना जा रहा है। 1957 से 2019 तक के राजनीतिक इतिहास में आयोजित हुए चुनाव में इसी प्रकार की स्थिति देखने को मिली है। जिसके चलते वलसाड की बैठक को सीधा केंद्र में सत्ता के साथ जोड़ा जाता है।
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