लोकसभा इलेक्शन का रिजल्ट के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को कई हाई कोर्ट के पूर्व जजों ने खुला पत्र लिखा है। पूर्व जजों ने राष्ट्रपति से मांग की है कि अगर इस चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलती है तो चुनाव पूर्व सबसे बड़े गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता दिया जाना चाहिए।
जजों का कहना है कि ऐसा करने से सरकार बनाने के लिए होने वाली खरीद-फरोख्त को रोका जा सकेगा। यह पत्र लिखने वाले जजों में मद्रास हाईकोर्ट के छह पूर्व न्यायाधीशों जी एम अकबर अली, अरुणा जगदीसन, डी. हरिपरन्थमन, पीआर शिवकुमार, सीटी सेल्वम, एस विमला और पटना उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश अंजना प्रकाश शामिल हैं।
इन जजों ने भारत के मुख्य चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से भी संविधान की गरिमा को कायम रखने की मांग की है। इनका कहना है कि अगर सत्तारुढ़ सरकार चुनाव हार जाती है तो सुचारू तरीके से सत्ता का हस्तांतरण नहीं हो पाएगा और संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है।
क्या कहते हैं जज
जजों ने ये पत्र 25 मई को लिखा था। इसमें कहा गया है कि देश में जनादेश खंडित होने की स्थिति में भार देश की राष्ट्रपति के कंधों पर आ जाएगा। जजों ने इस बात की आशा व्यक्त की है कि राष्ट्रपति पहले से स्थापित लोकतांत्रिक परंपरा का पालन करते हुए चुनाव से पहले से सबसे बड़े गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगी।
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