विश्व संवाद केंद्र, देहरादून द्वारा नारद जयंती पर एक पत्रकार सम्मान समारोह आयोजित हुआ। इसमें वरिष्ठ पत्रकार निशीथ जोशी, उत्तरकाशी प्रेस क्लब के अध्यक्ष चिरंजीव सेमवाल, प्रकाश कपरूवाण, हरिद्वार प्रेस क्लब के अध्यक्ष अमित कुमार शर्मा, आशा प्रसाद सेमवाल, अरविंद प्रसाद और प्रदीप आनंद को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय शोध समन्वय प्रमुख अजय मित्तल ने कहा कि आजादी के संघर्ष में पत्रकारों ने नारद जी के विचारों पर कार्य किया।
इसमें काफी कठिनाइयां आईं, लेकिन वे अपने काम से डिगे नहीं और उन्होंने हिंदी पत्रकारिता को संघर्ष, त्याग, आस्था, शक्ति का प्रतीक बनाया। समारोह के अध्यक्ष डॉ. उषा राधाकृष्ण ने कहा कि पत्रकारों को नारद जी के पद-चिन्हों पर चलना चाहिए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र सामाजिक समरसता प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल ने कहा कि जिसके मूल में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद निरंतर रहता है, ऐसे प्रचार तंत्र की विधाओं को आगे बढ़ाने का काम विश्व संवाद केंद्र करता आ रहा है।
भोपाल में मामा माणिकचंद वाजपेयी स्मृति सेवा न्यास द्वारा ‘वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य में पत्रकारिता, विश्वसनीयता और नई चुनौतियां’ विषय पर एक गोष्ठी आयोजित हुई। इस अवसर पर डॉ. सुरेश सम्राट, राजीव अग्रवाल, अनुराग उपाध्याय, सुशील कौशिक, राकेश वर्मा, करन वारसी, विभावसु तिवारी, हरिओम गौड़, राजेश शर्मा, अतुल सक्सेना, अनिल शर्मा, हरपाल सिंह चौहान, सतेंद्र शर्मा, खुशी बैशांदर, स्वामी प्रसाद पाठक जैसे पत्रकारों को सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि थे जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. अविनाश तिवारी और विशिष्ट अतिथि थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मध्य क्षेत्र कार्यकारिणी के सदस्य यशवंत इंदापुरकर।
मुख्य वक्ता और वरिष्ठ पत्रकार विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि केवल घटना के पीछे भागना ही पत्रकारिता नहीं है, बल्कि किसी समाचार या संस्कृति की जड़ों में जाना ही असल पत्रकारिता है। मुख्य अतिथि प्रो. अविनाश तिवारी ने कहा कि देश में आज सकारात्मक और तथ्यपरक पत्रकारिता की जरूरत है।
टिप्पणियाँ