मथुरा महानगर गोसेवा गतिविधि द्वारा बैसाख शुक्ल एकादशी, संवत् 2081 (मई) को गो सेवा संगम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय गोसेवा गतिविधि प्रमुख श्री अजित महापात्र ने कहा कि पंचगव्य की शक्ति को पुन: पहचानने की आवश्यकता है।
हमें यह संकल्प लेना होगा कि भगवान की पूजा में केवल गाय माता के दूध का ही प्रयोग करेंगे, न मिलने की स्थिति में ढूंढकर लाएंगे। गोभक्तों को यह संकल्प भी लेना होगा कि गाय के रक्त की एक बूंद भी कहीं गिरने नहीं देंगे, तभी देश में एक आवश्यक परिवर्तन आएगा। गोपाल की ब्रज भूमि पर देशी गायों की उपेक्षा से मन द्रवित होता है।
देशी गायों के अंदर छिपे वैज्ञानिक गुणों का पूरा लाभ मनुष्य को मिले, ऐसी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वेटेरिनरी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए. के. श्रीवास्तव ने वैज्ञानिक आधार पर गाय और गाय के दूध की महत्ता एवं मानव जीवन में उसकी आवश्यकता पर बल दिया।
संजीव कृष्ण ठाकुर महाराज ने अपने आशीर्वचन में लोगों को गोसेवा के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम स्थल पर गो माता से संबंधित आकर्षक एवं प्रेरणादायी प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।
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