कर्णावती: अहमदाबाद के शाही बाग विस्तार में स्थित फॉरेन पोस्ट ऑफिस में से पकड़े गए 1.16 करोड़ के हाइब्रिड गांजे के मामले की जांच में सामने आया है कि हाइब्रिड गांजा बेचने के लिए डार्क वेब के जरिए ड्रग्स माफियाओं ने नेटवर्क खड़ा किया था। इससे पहले गुजरात मे गांजे के पार्सल आये थे या नहीं इस दिशा में पुलिस ने जांच शुरू की है।
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच और कस्टम विभाग के संयुक्त ऑपरेशन में फॉरेन पोस्ट ऑफिस में से 1.16 करोड़ का पौने चार किलो हाइब्रिड गांजा जब्त किया गया था। इस मामले की जांच में सामने आया है कि पोस्ट ऑफिस में से मिले 14 पार्सल में से सबसे ज्यादा अमेरिका से 11, कनाडा से दो और थाईलैंड से एक पार्सल आया था। इस पूरे रैकेट में ड्रग्स माफियाओं ने डार्क वेब के जरिए पूरा नेटवर्क खड़ा किया था।
ड्रग्स माफिया हाइब्रिड गांजे को लंच बॉक्स, चॉकलेट, महिलाओं के कपड़े, विटामिन पाउडर, कैंडी, टेडी बेयर एवं खिलौने की आड़ में पार्सल के तौर पर भेजते थे। यह सारे पार्सल अमेरिका, कनाडा, थाईलैंड जैसे देशों में से बनाकर भेजे जाते थे और इस प्रकार गांजे की हेरा फेरी की जाती थी ऐसा जांच में सामने आया है।
पुलिस ने इस मामले में पार्सल भेजने वाले से लेकर डिलीवरी लेने तक के एड्रेस जांच लिए हैं लेकिन जांच में सामने आया है कि पार्सल पर अहमदाबाद ,सूरत, गांधीनगर, पालनपुर और तापी विस्तार के एड्रेस लिखे गए थे और यह सारे एड्रेस फर्जी थे।
जांच में ड्रग्स माफिया की चौका देनेवाली मोड्स ऑपरेंडी सामने आई है। तमाम पार्सल एक ही कंपनी के द्वारा भेजे गए थे और सभी पार्सल पर गलत नाम और एड्रेस लिखे गए थे। क्योंकि आरोपी जानते थे कि गलत एड्रेस पर पार्सल पहुंचने पर कुरियर कंपनी की तरफ से आरोपियों को फोन किया जाएगा और उसके बाद स्थानीय स्तर पर कार्यरत माफियाओं के पेडलर सही स्थान पर वह पार्सल मंगवाकर गांजा ले लेते थे। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी थी कि पार्सल पर लिखे गए नाम और एड्रेस गलत होने के कारण उसका रिकॉर्ड कहीं भी नहीं रखा जाएगा। जिसकी वजह से पार्सल कहां भेजना था और किसने रिसीव किया इसकी जानकारी कोई नहीं ले पाएगा।
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