गाजा युद्ध के 7 माह हो चुके हैं। बार-बार युद्ध विराम की बात की जा रही है, लेकिन युद्ध विराम नहीं हो पाता है, लेकिन जब इजरायली सेना ने राफा शहर में टार्गेटेड अटैक करने शुरू किए हैं, तब से आतंकी संगठन हमास की कमर टूटती सी प्रतीत हो रही है। हमास बंधकों की डील के लिए तैयार हो गया है। लेकिन, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने ही देश में घिरते नजर आ रहे हैं।
उनकी ही सरकार में शामिल दो धुर दक्षिणपंथी पार्टियों ने दो टूक कहा है कि अगर पीएम युद्धविराम के जरिए बंधकों की डील करते हैं तो वे उनकी सरकार गिरा देंगे।
यह कहना है वित्त मंत्री बेज़ेलेल स्मोट्रिच ( धार्मिक जियोनिज़्म पार्टी के प्रमुख) और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इटमार बेन ग्वीर (ओत्ज़मा येहुदित पार्टी के प्रमुख) का। दोनों नेताओं ने शनिवार की रात सरकार को धमकी दी कि अगर सरकार नए प्रस्तावित बंधक रिहाई और युद्ध विराम समझौते पर राजी हुई तो वे सरकार ही गिरा देंगे। बता दें कि दोनों ही पार्टियों ने साल 2022 के चुनावों के दौरान 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दोनों ही पार्टियां सरकार में दबदबा रखती हैं।
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क्या है मुख्य वजह
इजरायल का इतिहास रहा है कि वह किसी भी ऑपरेशन में समझौते की जगह लड़कर जीता है। हमास के खिलाफ जब से इजरायल ने जंग की शुरुआत की थी, तभी ये लक्ष्य रखा था कि हमास को खत्म किए बिना वे नहीं रुकेंगे। हो भी वैसा ही रहा है। तमाम वैश्विक दबावों को धता बताते हुए इजरायल अपने टार्गेट की ओर बढ़ रहा है। राफा पर हमला न करने के लिए उसे बार-बार कहा गया, लेकिन उसने राफा पर हमास के ठिकानों पर टार्गेटेड अटैक किए। इजरायली हमलों से हमास की मर टूट गई है। उसका कहना है कि अगर इजरायल हमले रोक दे तो वह बंधकों को रिहा कर देगा। लेकिन, सरकार की गठबंधन में शामिल अति राष्ट्रवादी पार्टियों को हमास के खात्मे तक युद्ध को रोकना मंजूर नहीं है।
नेतन्याहू भी यही चाहते हैं
दूसरी ओर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के तेवर भी कुछ ऐसे ही हैं। उन्होंने ने भी दो टूक कहा है कि जब तक हमास की सैन्य और शासन क्षमताएं नष्ट नहीं हो जातीं हैं तब तक गाजा में कोई “स्थायी युद्ध विराम” नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट किया है कि युद्ध को समाप्त करने के लिए इजरायल की शर्तें नहीं बदली हैं।
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