उत्तर प्रदेश से घर वापसी का मामला प्रकाश में आया है, जहां बरेली और सीतापुर जिलों में मुस्लिम महिलाओं ने सनातन धर्म अपना लिया है। बरेली में निशा ने सनातन धर्म अपनाने के बाद अपना नाम बदलकर राधिका नाम रख लिया। इसके बाद उसने राजेश कुमार नाम के युवक से शादी कर ली।
इसी तरह से सीतापुर में निदा बानो ने सनातन धर्म अपना लिया। इसके बाद उसने भी अपना नाम बदलकर निधि रख लिया। इसके बाद उसने प्रेमी रचित कुमार संग सात फेरे लिए। दोनों मुस्लिम युवतियों अपने-अपने प्रेमियों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जय श्री राम के नारे लगाए।
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क्या है पूरा मामला
बरेली में रह रही निशा मूल रूप से बिजनौर के श्योहारा थाना क्षेत्र के निवासी जाकिर की बेटी है। वह राजेश से प्रेम करती है। राजेश भी बिजनौर नहटौर में अपने रिश्तेदारों से मिलने जाता था। वहीं पर उसकी मुलाकात निशा से हुई थी। धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती हुई और ये दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई। करीब पांच साल तक साथ में रहने के बाद एक होने का फैसला किया। हालांकि, निशा के परिजनों ने इसका विरोध किया। बरेली में निशा ने वैदिक और कानूनी रीतियों के तहत घर वापसी की। उन दोनों को बरेली के आला हजरत के लोगों ने धमकियां भी दी है।
वहीं दूसरी ओर परवेज की 20 वर्षीय बेटी निदा अपने हिन्दू प्रेमी रचित के साथ तीन साल से प्रेम संबंध में थी। वह मूल रूप से सीतापुर जिले के इमलिया क्षेत्र की रहने वाली है। रचित और निदा दोनों ही पड़ोसी हैं। दोनों साथ ही एक स्कूल में पढ़े। साथ खेलकर बड़े हुए और वक्त के साथ एक दूसरे के प्रेम में पड़ गए। हालांकि, निदा के परिवार को ये मंजूर नहीं था। उसने निदा की गला दबाकर हत्या करने की भी कोशिश की। रचित के परिवार को भी धमकाया।
निदा ने शुद्धिकरण अनुष्ठान के बाद सनातन धर्म में घर वापसी कर ली। घर वापसी और शादी के बाद निदा ने बेहद खुशी जाहिर की। निधि ने बताया कि वो तीन तलाक और हलाला से वह डरी हुई थी।
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