इस समय पूरे देश में चुनावी माहौल है। लोग लोकतंत्र का पर्व मना रहे हैं, लेकिन जिहादी तत्व अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल से लेकर गुजरात तक इनकी हरकतें जारी हैं। कहीं देशी बम बनाए जा रहे हैं, तो कहीं सरकारी कर्मचारियों पर हमले हो रहे हैं, कहीं आतंकवादी घटना को अंजाम देने की तैयारी चल रही है। हालांकि पुलिस इन घटनाओं के आरोपियों के साथ सख्ती भी कर रही है। इसीलिए 20 मई को अमदाबाद हवाई अड्डे से चार आतंकवादी पकड़े गए।
गत दिनों छपरा (बिहार) के एक मदरसे में हुए बम विस्फोट ने एक नई बहस को जन्म दे दिया। बता दें कि 15 मई को छपरा के मोतीराजपुर गांव में स्थित एक अवैध मदरसे में बम विस्फोट हुआ। इस घटना को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एन.सी.पी.सी.आर.) ने गंभीरता से लिया है। एन.सी.पी.सी.आर. के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कथित मदरसे का दौरा किया और प्रशासन को उचित जांच के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मोतीराजपुर गांव में अवैध ढंग से चल रहे मदरसा दारूल उलूम बरकतिया रिजविया गुलशन-ए-बगदाद में बम बनाते समय धमाका हुआ, जिसमें मुजफ्फरपुर से वहां लाकर रखे गए एक बच्चे को गंभीर चोटें आई हैं।
उसका इलाज पटना के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बम बना रहे अथवा बच्चों को बम बनाना सिखा रहे (तथ्य पुलिस जांच के अधीन) मौलाना इमामुद्दीन की मौत हो गई। मदरसे में 15 बच्चे थे, बाकी 14 बच्चे गायब कर दिए गए हैं। अधिकतर बच्चे कटिहार के रहने वाले थे। उन्होंने यह भी बताया कि वहां दो मौलाना थे जो कि फरार हैं। मदरसे का संचालक भी फरार है। इस घटना के बाद मदरसे के आसपास के लोग ही बहुत कुछ कह रहे हैं। इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें एक महिला यह कहती दिख रही है कि ‘मदरसे में गलत काम के लिए लड़कियां लाई जाती थीं, यह … खाना है।’
बिहार के ऐसे मदरसों और मस्जिदों में बम विस्फोट और यौन शोषण की घटनाएं आम हैं। 8 जून, 2021 को बांका की एक मस्जिद परिसर में स्थित मदरसे में बम विस्फोट हुआ था। इसमें एक मौलवी मारा गया था और चार लोग घायल हो गए थे। 21 जून, 2021 को सीवान के जुकड़न गांव में मस्जिद के पीछे बम फटा था। इसमें पिता-पुत्र घायल हुए थे। इसके बाद अक्तूबर, 2023 में सहरसा सदर थाना क्षेत्र की एक मस्जिद में महापाप हुआ।
मस्जिद में पढ़ने वाली एक नाबालिग लड़की को मौलाना ने अपनी हवस का शिकार बनाया। पीड़िता की मां दिल्ली में मजदूरी करती थी। उसने परवरिश के लिए इस बच्ची को नानी के यहां रखा था। पीड़िता गांव की ही मस्जिद में पढ़ाई करने जाती थी। इसी बीच मस्जिद के मौलाना ने उसे अपने झांसे में लेकर शारीरिक संबंध बनाए। यह सिलसिला तीन महीने तक चलता रहा। इसी बीच एक दिन लड़की की तबीयत बिगड़ गई और परिजन इलाज के लिए उसे डॉक्टर के पास ले गए। वहां पता चला कि लड़की गर्भवती है और बच्चा पेट में ही मर चुका है। मुश्किल से लड़की की जान बच पाई।
अमदाबाद में हमला
अअदेश के मदरसों में पढ़ाई का माहौल ठीक नहीं है। इसे देखते हुए कुछ समय पहले एन.सी.पी.सी.आर. ने देश के सभी राज्यों को पत्र लिखकर मदरसों का सर्वेक्षण कराने को कहा। इसमें मदरसे के बुनियादी ढांचे, उसके प्रबंधन, अग्नि सुरक्षा आदि की जानकारी ली जा रही है। इसी कड़ी में सरकारी स्कूल के एक शिक्षक संजीव पटेल 18 मई को अमदाबाद के दरियापुर में स्थित एक मदरसे का सर्वेक्षण करने गए थे। जब वे मदरसे का चित्र खींच रहे थे, तभी उनके पास मुसलमानों की भीड़ जमा हो गई। संजीव ने उस भीड़ को पूरी बात बताई कि वे सरकार के आदेश पर इस मदरसे का सर्वेक्षण कर रहे हैं, लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी और उनके साथ मार-पीट की गई। पटेल ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। शिकायत में उन्होंने भीड़ पर सरकारी काम में बाधा डालने और अपने साथ लूटपाट करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोपितों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अब तक दो हमलावर गिरफ्तार हुए हैं।
23 सितंबर, 2023 को भी ऐसी ही एक घटना पूर्वी चंपारण के मेहसी से सामने आई थी। मेहसी के कटहां स्थित सरकारी मदरसे में एक लड़की पढ़ने जाती थी। यहां मौलाना जमशेद आलम ने पीड़िता का अश्लील फोटो खींच लिया। बाद में वह लड़की को झांसे में लेकर 18 महीने तक उसका यौन शोषण करता रहा। लड़की द्वारा विरोध करने पर वह सोशल मीडिया में फोटो वायरल करने की धमकी देता था।
इससे पहले जनवरी, 2023 के प्रथम सप्ताह में नवादा पुलिस ने 27 साल के मौलवी मो. शहादत हुसैन को अश्लील वीडियो बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। कौआकोल थाना क्षेत्र के मदरसा नूरी मस्जिद के मौलवी पर 12 साल की छात्रा ने गंभीर आरोप लगाए थे। पीड़िता उस मदरसे में पढ़ती थी। आरोप है कि मौलवी ने धोखे से उसके अश्लील फोटो खींचे और वीडियो भी बना लिया। इसके बाद वह उसका यौन शोषण करने लगा।
इसी प्रकार की एक घटना 8 जनवरी, 2022 को सामने आई थी। सीतामढ़ी के एक मदरसे के मौलवी ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। आरोपी मौलवी तबरेज ने पढ़ाने के बहाने एक नाबालिग छात्रा के साथ अवैध संबंध बनाए। जब छात्रा गर्भवती हो गई तो यह मामला प्रकाश में आया।
ऐसे ही 31 अक्तूबर, 2021 को बेतिया जिले के एक मदरसे में नाबालिग से बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। यह मदरसा नरकटियागंज शिकारपुर थाना क्षेत्र का था। जब कुछ बच्चे मदरसे में पढ़ने गए तो उन्होंने बच्ची का शव देखा। तब यह मामला उजागर हुआ। शेखपुरा में 14 जनवरी, 2020 को एक अन्य मामला सामने आया था। यहां एक मदरसे का मौलवी कथित तौर पर 13 साल की लड़की के साथ पिछले छह महीने से बलात्कार कर रहा था। लड़की जब पढ़ने के लिए मदरसे जाने से मना करने लगी तब मामले का खुलासा हुआ।
ऐसे ही 25 नवंबर, 2018 को नालंदा जिला स्थित बिहारशरीफ शहर के इस्लामिया मदरसा में वहां के मौलवी ने एक छात्र का यौन शोषण किया। उस समय यह मामला खूब चर्चित हुआ था। यह मदरसा नालंदा महिला कॉलेज के पास स्थित है। मार्च, 2016 में रोहतास जिले के डेहरी में संचालित एक आवासीय मदरसे के छात्रों ने मौलवी पर अप्राकृतिक यौनाचार करने का आरोप लगाया था। बिहार के बाहर भी यहां के मौलवी अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे। कुछ समय पहले हैदराबाद में एक मदरसा शिक्षक (मौलवी) को छह नाबालिग लड़कों का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह बिहार के मूल निवासी 44 वर्षीय आरोपी रहमान अंसारी को एक लड़के के माता-पिता की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था।
इसी प्रकार महाराष्ट्र के पुणे से एक चौंकाने वाला मामला 28 जुलाई, 2018 को सामने आया। आरोप के अनुसार मदरसे के मौलवी ने कई छात्राओं का यौन शोषण किया। इस मामले में पुलिस ने भागलपुर के रहने वाले एक मौलाना को पकड़ा था। इन घटनाओं को देखते हुए ही यह आवाज उठती रही है कि मदरसों में सुधार की आवश्यकता है।
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