नई दिल्ली: कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मंगलवार को 1962 के चीनी आक्रमण के लिए गलती से “कथित” शब्द का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांग ली है। बतादें फॉरेन कॉरेस्पोंडेट्स क्लब में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें मणिशंकर अय्यर ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि अक्टूबर 1962 में चीनियों ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण किया था।
इस कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर आधारित पुस्तक “नेहरूज फर्स्ट रिक्रूट्स” के लॉन्च के दौरान यह टिप्पणी की थी। अय्यर ने अपने संक्षिप्त बयान में कहा था कि फॉरेन कॉरेस्पोंडेट्स क्लब में चीनी आक्रमण से पहले गलती से “कथित” शब्द का प्रयोग करने के लिए मैं पूरी तरह से माफी मांगता हूं।
बतादें, मणिशंकर अय्यर अपने विवादास्पद बयानों के लिए पहले भी चर्चाओं में रह चुके हैं। इससे पहले उन्होंने पाकिस्तान को लेकर एक विवादित बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को भूलना नहीं चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी परमाणु हथियार हैं। उनका कहना था कि ये बात समझ यह नहीं आती कि वर्तमान सरकार ऐसा क्यों कहती है कि हम पाकिस्तान से बात नहीं करेंगे, क्योंकि वहां आतंकवाद है। उनका कहना था कि यह समझना बेहद आवश्यक है कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए बातचीत बहुत जरूरी है। नहीं तो, पाकिस्तान यह विचार करेगा कि भारत अहंकार के साथ हमें विश्व में छोटा दिखा रहा है और इस स्थिति में में पाकिस्तान में कोई भी पागल इन बम का प्रयोग कर सकता है।
कांग्रेस नेता ने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु बम हैं। भारत के पास भी हैं लेकिन क्या होगा अगर कोई पागल लाहौर में यह बम गिराने का फैसला कर ले। और अगर ऐसा हुआ तो बम के रेडिएशन को अमृतसर पहुंचने में आठ सेकंड से भी कम समय लगेगा। उन्होंने कहा ”यदि हम उनकी इज्जत करेंगे तो वे शांत रहेंगे, लेकिन अगर हम उन्हें छोटा दिखाने की कोशिश करते रहेंगे तो कोई पागल आएगा और बम गिरा देगा।”
अय्यर के इन बयानों ने एक बार फिर से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और कई लोगों ने उनके विचारों की आलोचना की है।
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