संयुक्त राष्ट्र में आज मेजर राधिका सेन का नाम खूब चर्चित हो चला है। मेजर सेन वही भारतीय सैन्य अधिकारी हैं जिन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन में अपनी सेवाएं दी हैं। शांति सैनिक के नाते मेजर राधिका सेन की बहादुरी से प्रभावित होकर संयुक्त राष्ट्र उन्हें अपने प्रतिष्ठित सैन्य जेंडर एडवोकेट अवार्ड से सम्मानित करने जा रहा है।
इस सम्मान की घोषणा के बाद, संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुतेरस ने मेजर राधिका सेन को एक वास्तविक नेतृत्व वाली सैनिक तथा दूसरों के लिए आदर्श बताते हुए उनकी प्रशंसा की है। मेजर सेन इस सम्मान की घोषणा के बाद से बहुत प्रसन्न हैं और संयुक्त राष्ट्र के प्रति इस सम्मान के लिए आभारी हैं।
भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन गत वर्ष मार्च में शांति मिशन के लिए कांगो भेजी गई थी। इसमें मेजर सेन भी शामिल थीं। एक साल बाद, अप्रैल 2024 में मेजर सेन का कार्यकाल पूरा हुआ और उनकी सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें अपना प्रतिष्ठित सम्मान देने की घोषणा की है। भारत की मेजर सुमन गवानी को भी पहले 2019 में यह सम्मान प्राप्त हो चुका है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन में दक्षिण सूडान में अपनी सेवाएं दी थीं।
मेजर राधिका सेन का जन्म 1993 में हिमाचल प्रदेश में हुआ था। भारतीय सेना में वे अब से 8 साल पहले भर्ती हुई थीं। उन्होंने स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद बायोटेक विषय लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने मुम्बई आईआईटी से परास्नातक की डिग्री ली।परास्नातक की पढ़ाई पूरी करके मेजर सेन सशस्त्र बल में भर्ती होकर देशसेवा की ओर उन्मुख हुईं।
भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन गत वर्ष मार्च में शांति मिशन के लिए कांगो भेजी गई थी। इसमें मेजर सेन भी शामिल थीं। एक साल बाद, अप्रैल 2024 में मेजर सेन का कार्यकाल पूरा हुआ और उनकी सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें अपना प्रतिष्ठित सम्मान देने की घोषणा की है। भारत की मेजर सुमन गवानी को भी पहले 2019 में यह सम्मान प्राप्त हो चुका है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन में दक्षिण सूडान में अपनी सेवाएं दी थीं।
अब मेजर राधिका सेन को यह सम्मान मिलने जा रहा है तो पूरे हिमाचल प्रदेश में खुशी की लहर है। विशेष रूप से युवा सैनिकों को इस खबर से बहुत गर्व महसूस हो रहा है। सेना में शामिल हिमाचल की बेटियां और उनके माता—पिता मेजर सेन की उपलब्धियों की चर्चा कर रहे हैं।
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